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Mangalwar Ke Upay, Hanuman Chalisa Hindi: हनुमान चालीसा का पाठ करने से सभी संकट दूर होते हैं। जानें, मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करने के फायदे और इसकी विधि।

Hanuman Chalisa Hindi: मंगलवार का दिन हनुमान जी की पूजा के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भक्तजन हनुमान चालीसा का पाठ करके भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त करते हैं। हनुमान चालीसा एक ऐसा पाठ है जो न केवल व्यक्ति के जीवन से संकटों का नाश करता है, बल्कि उसे भाग्यशाली भी बनाता है।

हनुमान चालीसा के दोहे और चौपाइयों का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली हर परेशानी समाप्त हो जाती है। यह मान्यता है कि यदि श्रद्धा और भक्ति भाव से हनुमान चालीसा का पाठ किया जाए, तो सभी संकट और कष्ट दूर हो जाते हैं।

हनुमान चालीसा का पाठ

हनुमान चालीसा की शुरुआत दोहे से होती है, जिसमें गुरु के चरणों की महिमा का वर्णन किया गया है। इसके बाद हनुमान जी की स्तुति करते हुए उनके विभिन्न रूपों, गुणों और लीलाओं का बखान किया गया है। हनुमान जी का तेज, उनकी भक्ति, और उनका बल सभी संकटों को हरने वाला माना गया है।

हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि सभी प्रकार के रोग, कष्ट और बाधाएं भी दूर हो जाती हैं। इसे संकट मोचन भी कहा जाता है, क्योंकि यह व्यक्ति के जीवन से सभी संकटों को दूर कर देता है।

हनुमान चालीसा का पाठ कैसे करें?

हनुमान चालीसा का पाठ मंगलवार को सूर्योदय के समय किया जाता है। पाठ करने से पहले भगवान हनुमान की मूर्ति के सामने दीपक जलाएं और फूल अर्पित करें। हनुमान चालीसा का पाठ श्रद्धा और भक्ति भाव से करें। पाठ के बाद भगवान हनुमान को प्रसाद अर्पित करें और अपनी मनोकामनाएं उनसे प्रकट करें।

हनुमान चालीसा के पाठ से मिलने वाले लाभ

हनुमान चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसे करने से मानसिक शांति और आत्मबल की वृद्धि होती है। हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाले सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और उसे सफलता प्राप्त होती है।

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लाभविवरण
मानसिक शांतिहनुमान चालीसा का पाठ करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है।
आत्मबल की वृद्धिहनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से आत्मबल में वृद्धि होती है।
संकटों का नाशहनुमान चालीसा का पाठ करने से सभी प्रकार के संकट और बाधाओं का नाश होता है।
सकारात्मक ऊर्जाहनुमान चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
सफलता और उन्नतिहनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से व्यक्ति को जीवन में सफलता और उन्नति प्राप्त होती है।

हनुमान चालीसा और इसके महत्व पर विशेषज्ञों की राय

विशेषज्ञों के अनुसार, हनुमान चालीसा का पाठ व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है। यह न केवल व्यक्ति के जीवन से संकटों का नाश करता है, बल्कि उसे सुख, समृद्धि और शांति भी प्रदान करता है। हनुमान चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में स्थिरता आती है और वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम होता है।

दोहा :

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।

बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।

चौपाई :

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।

रामदूत अतुलित बल धामा।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।

महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी।।

कंचन बरन बिराज सुबेसा।
कानन कुंडल कुंचित केसा।।

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै।
कांधे मूंज जनेऊ साजै।

संकर सुवन केसरीनंदन।
तेज प्रताप महा जग बन्दन।।

विद्यावान गुनी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर।।

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया।।

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
बिकट रूप धरि लंक जरावा।।

भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचंद्र के काज संवारे।।

लाय सजीवन लखन जियाये।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा।।

जम कुबेर दिगपाल जहां ते।
कबि कोबिद कहि सके कहां ते।।

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राज पद दीन्हा।।

तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना।
लंकेस्वर भए सब जग जाना।।

जुग सहस्र जोजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।

दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।

राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।

सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डर ना।।

आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक तें कांपै।।

भूत पिसाच निकट नहिं आवै।
महाबीर जब नाम सुनावै।।

नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा।।

संकट तें हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।

सब पर राम तपस्वी राजा।
तिन के काज सकल तुम साजा।

और मनोरथ जो कोई लावै।
सोइ अमित जीवन फल पावै।।

चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा।।

साधु-संत के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे।।

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता।।

राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा।।

तुम्हरे भजन राम को पावै।
जनम-जनम के दुख बिसरावै।।

अन्तकाल रघुबर पुर जाई।
जहां जन्म हरि-भक्त कहाई।।

और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।।

संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।

जै जै जै हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।

जो सत बार पाठ कर कोई।
छूटहि बंदि महा सुख होई।।

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा।।

तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय मंह डेरा।।

दोहा :

पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।

Bharat Singh

मेरा नाम भारत सिंह है और उमंग हरियाणा पर फिलहाल ज्योतिष जगत से जुड़े आर्टिकल लिखता हूँ। मेरा काम आपको दैनिक राशिफल, पंचांग, ज्योतिष टिप्स, वास्तु शास्त्र, विशेष पूजा अर्चना, वार-त्यौहार, कुंडली आदि के बारे में अपडेट रखना है।

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