गोकुल सेतिया का कांग्रेस में शामिल होना हरियाणा विधानसभा चुनाव में बड़ा गेमचेंजर; देखिये पूरा माहौल
Gokul Setia Congress: गोकुल सेतिया ने कांग्रेस में शामिल होकर हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में सिरसा सीट पर कांग्रेस की जीत की संभावनाओं को बढ़ा दिया है। जानें उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि और सिरसा विधानसभा क्षेत्र के चुनावी समीकरण।
Gokul Setia Join Congress: चंडीगढ़, 4 सितंबर 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया है। सिरसा के प्रमुख नेता गोकुल सेतिया (Gokul Setia) ने मंगलवार को कांग्रेस पार्टी में शामिल होने की घोषणा की। यह खबर राजनीतिक गलियारों में तेजी से फैल रही है और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह देखा जा रहा है। गोकुल सेतिया पहले ही 2019 के विधानसभा चुनाव में सिरसा से चुनाव लड़ चुके हैं, जिसमें उन्हें मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा था।
कांग्रेस की उम्मीदें बढ़ी: सिरसा सीट पर जीत की संभावना
गोकुल सेतिया के कांग्रेस में शामिल होने से पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है। कांग्रेस को अब सिरसा विधानसभा सीट से जीत की मजबूत उम्मीद है। 2019 के लोकसभा चुनावों में सिरसा क्षेत्र से कांग्रेस ने 13,350 वोटों से लीड हासिल की थी, जो इस बार विधानसभा चुनाव में जीत की संभावना को और भी प्रबल कर रही है। कांग्रेस का मानना है कि गोकुल सेतिया के साथ आने से इस बार सिरसा सीट पर उनकी जीत लगभग तय है।
2019 के चुनावी मुकाबले में मामूली अंतर से हार
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 में सिरसा विधानसभा क्षेत्र का मुकाबला बेहद रोचक और कांटे का रहा था। गोकुल सेतिया ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरकर गोपाल कांडा के खिलाफ चुनौती पेश की थी। हालांकि, गोकुल सेतिया मात्र 602 वोटों के मामूली अंतर से चुनाव हार गए थे। यह हार पार्टी के लिए एक सबक बन गई, लेकिन इस बार की तैयारी और रणनीति पूरी तरह से अलग है।
सिरसा विधानसभा क्षेत्र का समीकरण
सिरसा विधानसभा क्षेत्र में कुल 31 वार्ड और 31 गांव आते हैं, जो इस सीट को राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बनाते हैं। यहां के चुनावी समीकरण वैश्य और पंजाबी समुदाय के बीच में होते हैं। सिरसा सीट पर दोनों समुदायों की हार-जीत में निर्णायक भूमिका रहती है। ऐसे में गोकुल सेतिया का कांग्रेस में शामिल होना इन समुदायों के वोट बैंक को प्रभावित कर सकता है।
गोकुल सेतिया की सुरक्षा और एनआईए की भूमिका
गोकुल सेतिया पिछले डेढ़ साल से अपनी सुरक्षा को लेकर सुर्खियों में रहे हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अपने इनपुट के आधार पर उनकी सुरक्षा बढ़ाने की सिफारिश की थी। इसके बाद से उनकी सुरक्षा में तीन से चार पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं और उन्हें बुलेटप्रूफ गाड़ी में चलने की अनुमति दी गई है। यह सुरक्षा उनके राजनीतिक सफर में एक महत्वपूर्ण बिंदु बन गई है।
गोकुल सेतिया का पारिवारिक और राजनीतिक पृष्ठभूमि
गोकुल सेतिया सिरसा के एक प्रतिष्ठित राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वे हरियाणा के पूर्व मंत्री लक्ष्मण दास अरोड़ा के नाती हैं, जो प्रदेश कांग्रेस के पंजाबी समाज के दिग्गज नेताओं में से एक थे। लक्ष्मण दास अरोड़ा तीन बार हरियाणा सरकार में मंत्री रह चुके हैं। हालांकि, 2014 में सेतिया परिवार कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गया था। उस समय गोकुल सेतिया की मां, सुनीता सेतिया को बीजेपी ने चुनाव मैदान में उतारा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। अब गोकुल सेतिया का कांग्रेस में वापसी करना राजनीतिक परिदृश्य को नया मोड़ दे सकता है।