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राजस्थान में मानसून की वापसी, फिर शुरू होगा झमाझम बारिश का दौर

Monsoon Update 2024: पश्चिमी राजस्थान में मानसून की वापसी 17 सितंबर 2024 से शुरू होने की संभावना। जानें मानसून की वापसी के संकेत और हाल की स्थिति के बारे में ताजगी से अपडेट।

जयपुर, 12 सितंबर 2024 — दक्षिण-पश्चिम मानसून के पश्चिमी राजस्थान से वापस लौटने का समय इस साल में बदलाव के साथ आता दिख रहा है। 2020 में मानसून की वापसी की तारीखों में हुए संशोधनों के बाद, पश्चिमी राजस्थान से मानसून की वापसी अब 17 सितंबर से शुरू होने की संभावना है। पिछले वर्षों में मानसून की वापसी की तारीखों में हुई देरी इस बदलाव को प्रमुख बनाती है।

मानसून की वापसी का नया शेड्यूल

हालांकि पश्चिमी राजस्थान से मानसून की वापसी की सामान्य तारीख 1 सितंबर होती है, पिछले वर्षों में बदलाव के चलते यह तारीख 17 सितंबर तक खिसक गई है। 1971 से 2019 तक के आंकड़ों के आधार पर, भारत में मानसून की वापसी की तारीखों में 7-14 दिनों की देरी देखी गई थी। नए शेड्यूल के अनुसार, इस साल पश्चिमी राजस्थान से मानसून की वापसी 17 सितंबर से शुरू होने की संभावना है।

ताजे आंकड़ों के अनुसार:

  • पश्चिमी राजस्थान से मानसून की वापसी की संभावित तारीख: 17 सितंबर 2024

पिछले वर्षों में मानसून की वापसी की स्थिति

पिछले वर्षों में मानसून की वापसी का ट्रेंड दर्शाता है कि इसमें समय पर बदलाव आया है:

  • 2022: सबसे जल्दी वापसी 20 सितंबर को।
  • 2021: सबसे देर से वापसी 6 अक्टूबर को।
  • 2023: धीमी वापसी 25 सितंबर से शुरू हुई। दिल्ली से मानसूनी विदाई अक्टूबर के पहले सप्ताह में हुई, जबकि सामान्य तारीख 2 सितंबर है।
  • देश भर में मानसून की वापसी: 19 अक्टूबर को पूरी हुई।

मानसून वापसी के लिए शर्तें

पश्चिमी राजस्थान से मानसून की वापसी की घोषणा 1 सितंबर से पहले नहीं की जाती। इसके लिए निम्नलिखित मौसम संबंधी शर्तों को पूरा किया जाना आवश्यक है:

  1. बारिश की गतिविधि बंद होना: लगातार 5 दिनों तक बारिश की गतिविधि समाप्त होनी चाहिए।
  2. एंटीसाइक्लोन का गठन: निचले वायुमंडल में 5000 फीट तक एंटीसाइक्लोन (वायुमंडलीय उच्च दबाव क्षेत्र) का गठन होना चाहिए।
  3. नमी की कमी: सैटेलाइट इमेजरी से नमी की कमी दिखाई देनी चाहिए।

मानसून की वापसी के संकेत

मानसून की वापसी के संकेत निम्नलिखित होते हैं:

  • तिब्बती एंटीसाइक्लोन: मानसून के दौरान सक्रिय रहता है, अब कमजोर हो रहा है।
  • पूर्वी हवाओं का विस्तार: कम हो रहा है।
  • पूर्वी जेट स्ट्रीम: प्रायद्वीपीय भारत के ऊपर इसकी ताकत कम हो रही है।
  • उप-उष्णकटिबंधीय वायुमार्ग: उत्तर भारत में दिखाई देने लगता है।

वर्तमान में, तिब्बती एंटीसाइक्लोन कमजोर हो रहा है और उत्तर-पूर्व भारत की ओर खिसक रहा है। पश्चिमी राजस्थान और आसपास के क्षेत्र में एंटीसाइक्लोनिक पैटर्न बन रहा है। जैसलमेर, बाड़मेर, फलौदी, और बीकानेर में पिछले कुछ दिनों से बारिश नहीं हुई है, और अगले कुछ दिनों में भी बारिश की संभावना कम है।

मानसून प्रणाली का रुख और प्रभाव

उत्तर मध्य प्रदेश में स्थित मानसून प्रणाली का रुख राजस्थान की ओर बढ़ने की संभावना नहीं है। यह प्रणाली अब उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और बिहार की ओर मुड़ने के संकेत दे रही है। मानसून की वापसी के समय, मौसम प्रणालियों का यह रुख वापसी की रेखा को चिह्नित करता है और इसके बाद आने वाली प्रणालियाँ इस रेखा से आगे नहीं जातीं।

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