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Varasiddhi Mata Temple: भारत के इस मंदिर में जाने से जल्द हो जाती है शादी; कुंवारें जरूर टेके माथा

Varasiddhi Mata Temple: उज्जैन: उज्जैन, मध्य प्रदेश की महाकाल की नगरी, प्राचीन मंदिरों और धार्मिक आस्था का केंद्र है। यहां स्थित महाकालेश्वर मंदिर के अलावा, इस नगरी में कई अन्य प्राचीन और चमत्कारी मंदिर हैं, जो श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इन्हीं में से एक है वरसिद्धि माता का प्राचीन मंदिर, जो अपनी अद्भुत मान्यता और श्रद्धा के लिए जाना जाता है।

वरसिद्धि माता का मंदिर: एक अनोखी मान्यता

वरसिद्धि माता का यह प्राचीन मंदिर उज्जैन में स्थित है और दूर-दराज से श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं। इस मंदिर में एक खास कुंडी है, जो श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनी हुई है। मंदिर के पुजारी पंडित राजू पुरी गोस्वामी के अनुसार, इस कुंडी को लेकर कई मान्यताएं हैं:

  1. कुंवारे लोगों के लिए विशेष मान्यता: यदि किसी युवक या युवती का विवाह किसी कारणवश नहीं हो पा रहा है, तो वे वरसिद्धि माता के मंदिर में आकर कुंडी खड़काते हैं। इस क्रिया के माध्यम से वे माता से अपने विवाह की जल्द पूरी होने की प्रार्थना करते हैं। मान्यता है कि सच्चे मन से की गई प्रार्थना से माता उनकी मुराद पूरी करती हैं।
  2. पचरंगी धागा: मंदिर में कुंडी खड़काने के साथ-साथ पचरंगी धागा बांधना भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह धागा बांधने से भी माता की कृपा प्राप्त होती है।

मंदिर में श्रद्धालुओं का आना

वरसिद्धि माता मंदिर की महिमा अत्यंत अद्भुत है। श्रद्धालु इस मंदिर तक पहुंचने के लिए पहले उज्जैन आते हैं और फिर हरसिद्धि माता मंदिर के पीछे स्थित वरसिद्धि माता के मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचते हैं। पंडित राजू पुरी गोस्वामी के अनुसार, मंदिर की कुंडी खड़काने का कोई निश्चित समय नहीं है, लेकिन आमतौर पर लोग मंदिर के खुलने से पहले, यानी सुबह 8 बजे से पहले, मंदिर पहुंच जाते हैं।

पुजारी का दृष्टिकोण

पुजारी के मुताबिक, मंदिर की कुंडी खड़काने का सीधा सा अर्थ है कि श्रद्धालु वरसिद्धि माता को सूचित कर रहे हैं कि वे उनके दरबार में आ चुके हैं और अब उनके कष्टों का निवारण माता ही करेंगी। यह एक प्रकार की आस्था और भक्ति का प्रतीक है, जो मंदिर की पवित्रता को दर्शाता है।

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