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पुरुषों और महिलाओं के कपड़ों में फर्क; जानकर घूम जाएगा दिमाग

Men's vs Women's Clothing : महिलाओं और पुरुषों के कपड़ों में बुनियादी अंतर क्या हैं? जानें विक्टोरियन जमाने से लेकर आज के फैशन तक के बदलाव और डिजाइन के कारण।

Men’s vs Women’s Clothing : आजकल सेलेब्स जैसे दीपिका पादुकोण, अनुष्का शर्मा और प्रियंका चोपड़ा अपने पतियों के कपड़े पहनकर जेंडर फ्लूइड ट्रेंड को प्रमोट कर रही हैं। हालांकि, यह ट्रेंड बढ़ रहा है, लेकिन महिलाओं और पुरुषों के कपड़ों में कुछ बुनियादी अंतर ऐसे हैं जो अक्सर चौंका देते हैं। चलिए, जानें कि क्यों महिलाओं और पुरुषों के कपड़े अलग होते हैं और इन डिजाइन की पीछे की कहानियाँ क्या हैं।

1. डीप पॉकेट्स: विक्टोरियन जमाने का असर

महिलाओं की जीन्स में अक्सर पॉकेट्स या तो होते नहीं हैं या बहुत छोटे होते हैं। इसके विपरीत, पुरुषों के कपड़ों में डीप पॉकेट्स होते हैं। यह अंतर विक्टोरियन युग से जुड़ा हुआ है, जब महिलाओं के कपड़े विशेष रूप से उनके शरीर के आकार को उभारने के लिए डिजाइन किए गए थे। उस समय महिलाओं के स्कर्ट में डोरी की मदद से पोटली बांधी जाती थी। जीन्स के आगमन के बाद, महिलाओं की जीन्स में छोटे या न के बराबर पॉकेट्स रखे गए ताकि उनका शरीर बेडौल न लगे।

2. बटन की स्थिति: ऐतिहासिक परंपरा का प्रभाव

महिलाओं की शर्ट में बटन बाईं ओर और पुरुषों की शर्ट में दाईं ओर होते हैं। यह फर्क भी विक्टोरियन जमाने का परिणाम है। उस समय, महिलाओं के कपड़े पहनने में मदद करने वाले व्यक्ति की सुविधा के लिए बटन की स्थिति को इस प्रकार रखा गया था। पुरुषों के लिए, जो स्वयं कपड़े पहनते थे, बटन की स्थिति दाईं ओर रखी गई। यह परंपरा आज भी फैशन इंडस्ट्री में बनी हुई है।

3. पुरुषों की पैंट की चौड़ाई: आराम और फिटिंग का फर्क

पुरुषों की पैंट आमतौर पर महिलाओं की पैंट की तुलना में चौड़ी होती है। पुरुषों की पैंट को आराम को ध्यान में रखकर डिजाइन किया जाता है, जबकि महिलाओं की पैंट में फिटिंग और शरीर के आकार को ध्यान में रखा जाता है। यही वजह है कि एक ही साइज की पुरुषों की पैंट महिलाओं की पैंट की तुलना में ज्यादा चौड़ी होती है।

4. कपड़ों की मोटाई: फैशन और फिगर का खेल

पुरुषों के कपड़े आमतौर पर मोटे फैब्रिक के होते हैं, जबकि महिलाओं के कपड़े पतले फैब्रिक के होते हैं। इसका कारण महिलाओं के शरीर के आकार को पतले फैब्रिक में बेहतर दिखाने का प्रयास है। पतले फैब्रिक जल्दी खराब हो जाते हैं, जिससे नए फैशन की मांग बढ़ती है और बाजार में नए कपड़ों की निरंतरता बनी रहती है।

महिलाओं और पुरुषों के कपड़ों में ये बुनियादी अंतर ऐतिहासिक और डिजाइन की वजह से हैं। सेलेब्स द्वारा अपनाए जा रहे जेंडर फ्लूइड ट्रेंड के बावजूद, कपड़ों की ये विशिष्टताएँ आज भी फैशन इंडस्ट्री में बनी हुई हैं। इन अंतर को समझकर आप फैशन के बदलाव और डिजाइन के इतिहास को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं।

 

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