राजनीति

गुरमीत राम रहीम के डेरे से बदलेगी सियासी रणनीति? हरियाणा-पंजाब चुनाव से पहले मिली फरलो

Gurmeet Ram Rahim News: राम रहीम की फरलो से चुनावी समीकरण बदलने की संभावना, बीजेपी की रणनीति पर नजर

Gurmeet Ram Rahim News: डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को एक बार फिर 21 दिन की फरलो मिली है, और यह पहली बार नहीं है जब वह जेल से बाहर आए हैं। इससे पहले भी राम रहीम को नौ बार फरलो मिल चुकी है, और हर बार उनके जेल से बाहर आने का हरियाणा और पंजाब की राजनीति पर गहरा असर पड़ा है। इस बार भी उनके बाहर आने को लेकर कई राजनीतिक अटकलें लगाई जा रही हैं, खासकर हरियाणा और पंजाब में होने वाले उपचुनावों को देखते हुए।

राम रहीम का राजनीतिक प्रभाव

राम रहीम का प्रभाव केवल सिरसा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि हरियाणा और पंजाब के कई इलाकों में भी उनके समर्थकों की अच्छी-खासी संख्या है। पिछले चुनावों में भी हमने देखा था कि किस तरह से राम रहीम के एक संदेश के बाद चुनावी नतीजे बदल गए थे। 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में गोपाल कांडा को मिली अप्रत्याशित जीत इसका ताजा उदाहरण है। कांडा, जो निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में सिरसा से चुनाव लड़ रहे थे, राम रहीम के समर्थन के बाद अच्छे खासे वोटों से जीते थे।

बीजेपी की रणनीति

बीजेपी, जो वर्तमान में हरियाणा में सत्ता में है, राम रहीम के राजनीतिक महत्व को अच्छी तरह से समझती है। राम रहीम के फरलो पर बाहर आने का समय भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि हरियाणा और पंजाब में उपचुनाव होने हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी ने राम रहीम के समर्थकों को साधने के लिए यह कदम उठाया है, ताकि उपचुनावों में उन्हें फायदा मिल सके।

बीजेपी के लिए यह कोई नया कदम नहीं है। हरियाणा की राजनीति में राम रहीम का समर्थन हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है, चाहे वह बीजेपी हो या कांग्रेस, दोनों पार्टियों ने अपने-अपने समय में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख के साथ अपने संबंधों को मजबूत रखा है। राम रहीम के जेल से बाहर आने के बाद बीजेपी की रणनीति पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं, क्योंकि यह कदम आगामी चुनावों के समीकरण को पूरी तरह से बदल सकता है।

चुनावी समीकरणों पर असर

राम रहीम के फरलो पर बाहर आने का असर केवल हरियाणा ही नहीं, बल्कि पंजाब पर भी पड़ सकता है। पंजाब में कई सीटों पर उपचुनाव होने हैं, और वहां भी राम रहीम के समर्थकों की संख्या काफी अधिक है। ऐसे में, यह देखा जाना बाकी है कि क्या राम रहीम के बाहर आने से पंजाब के चुनावी समीकरण भी बदलेंगे या नहीं।

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