राजनीति

हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले ईडी का बड़ा एक्शन; भूपेंद्र सिंह हुड्डा की 834 करोड़ की संपत्ति जब्त

ED Action on Bhupinder Singh Hooda: हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले ED ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दो प्रमुख कंपनियों की 834 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है। जानें पूरी खबर और इस कार्रवाई का चुनावी माहौल पर क्या असर होगा।

ED Action on Bhupinder Singh Hooda: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दो प्रमुख कंपनियों की संपत्तियों पर शिकंजा कसते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हरियाणा में 1 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में बड़ी कार्रवाई की है।

हुड्डा पर ED का शिकंजा: 834 करोड़ की संपत्ति जब्त

नई दिल्ली/चंडीगढ़: हरियाणा में राजनीतिक माहौल गरम है, और इस बीच प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, ईमार इंडिया लिमिटेड (EMAAR) और MGF डेवलपमेंट लिमिटेड की 834 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त कर ली है। यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब राज्य में 1 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है, जिससे यह मामला और भी गंभीर हो गया है।

गुरुग्राम और दिल्ली में 20 गांवों की संपत्ति जब्त

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में हरियाणा के गुरुग्राम और दिल्ली के 20 गांवों में संपत्ति जब्त की है। बताया जा रहा है कि लगभग 6 साल पहले सीबीआई ने हरियाणा के गुरुग्राम में 1417 एकड़ ज़मीन के अधिग्रहण में भ्रष्टाचार के आरोप में हुड्डा के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसके बाद, सीबीआई ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के रोहतक स्थित घर, गुरुग्राम, दिल्ली, चंडीगढ़ और मोहाली में कई बिल्डरों के परिसरों पर छापेमारी की थी।

मामले का विवरणप्रमुख जानकारी
जब्त की गई संपत्ति834 करोड़ रुपए की संपत्ति
प्रभावित कंपनियांEMAAR India Ltd., MGF Development Ltd.
क्षेत्रगुरुग्राम, दिल्ली के 20 गांव
मुख्य आरोपीभूपेंद्र सिंह हुड्डा

मानेसर लैंड डील केस में ED की कार्रवाई

इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मानेसर लैंड डील केस में भी भूपेंद्र सिंह हुड्डा से इसी साल करीब 7 घंटे तक पूछताछ की थी। इस मामले में हुड्डा को गुरुग्राम के 1500 करोड़ रुपए के ज़मीन घोटाले में शामिल बताया गया था। ED ने उन्हें नोटिस भेजकर अपने मुख्यालय बुलाया था, जहां उनसे कई महत्वपूर्ण सवाल किए गए थे।

हुड्डा पर आरोप है कि उन्होंने और कुछ कंपनियों ने मिलकर गुरुग्राम में सस्ते दामों में ज़मीन खरीदी, जिससे सरकार को भारी नुकसान हुआ। इस मामले में भी हुड्डा की भूमिका पर सवाल उठे थे और यह कार्रवाई उसी की परिणति है।

चुनाव से पहले राजनीतिक उथल-पुथल

हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले इस कार्रवाई ने राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है। जहां हुड्डा और उनकी पार्टी कांग्रेस इस मामले को राजनीतिक साजिश बता रही है, वहीं सत्ताधारी दल भाजपा इसे कानून का पालन कराने की दिशा में सही कदम बता रहा है।

विश्लेषण: क्या होगा इसका असर?

विशेषज्ञों का मानना है कि यह कार्रवाई हुड्डा और कांग्रेस के लिए चुनाव में एक बड़ी चुनौती हो सकती है। हालांकि, इस मामले का कानूनी परिणाम क्या होगा, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन चुनावी माहौल पर इसका प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।

इस कार्रवाई से चुनावी समीकरण भी बदल सकते हैं, खासकर उन क्षेत्रों में जहां हुड्डा और उनकी पार्टी का प्रभाव है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस मामले के चलते कांग्रेस को वोटरों का विश्वास जीतने में कठिनाई हो सकती है।

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Sandeep Kumar

नमस्कार! उमंग हरियाणा पर फ़िलहाल कंटेंट राइटर का काम कर रहा हूँ। आपको हरियाणा की ताज़ा हिंदी ख़बरों और देश-विदेश की ट्रेंडिंग न्यूज़ से आपको अपडेट रखना मेरा काम है।

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