पंचकूला में विश्व स्तरीय शूटिंग रेंज और इंजीनियरिंग कॉलेज बनाने की तैयारी; CM ने रखी आधारशिला
पंचकूला को मिली दो बड़ी सौगात: विश्व स्तरीय शूटिंग रेंज और इंजीनियरिंग कॉलेज की आधारशिला रखी गई
पंचकूला | हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार को पंचकूला के विकास को एक नई दिशा देते हुए दो बड़ी परियोजनाओं की आधारशिला रखी। सेक्टर 32 में विश्व स्तरीय शूटिंग रेंज स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के निर्माण का शुभारंभ किया गया। ये दोनों परियोजनाएं पंचकूला के विकास और राज्य के युवाओं को तकनीकी शिक्षा में उत्कृष्टता प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
विश्व स्तरीय शूटिंग रेंज का निर्माण
विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता की पहल पर पंचकूला महानगर विकास प्राधिकरण द्वारा 13.75 एकड़ में विश्व स्तरीय शूटिंग रेंज स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना पर करीब 150 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इसे 2 वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य है।
इस रेंज में 10 मीटर, 25 मीटर और 50 मीटर की रेंज के साथ कुल 160 टारगेट होंगे, जहां 300 दर्शकों की बैठने की क्षमता होगी। इसके अलावा, प्रशासनिक कार्यालय, रेंज कार्यालय, जूरी रूम, टीवी/रेडियो रूम, नियंत्रण कक्ष, जज एरिया, शस्त्रागार, मेडिकल एवं एंटी-ड्रॉपिंग रूम जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी का शुभारंभ
सेक्टर 32 में बनने वाले स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के निर्माण पर 50 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह कॉलेज 2 लाख वर्ग फुट में बनेगा और इसमें स्टेट ऑफ आर्ट रूम, एआईसीटीई के मानकों के अनुसार क्लास रूम, लैब्स और अनुसंधान प्रयोगशालाएं होंगी। छात्रों के लिए 100-100 बिस्तरों की व्यवस्था वाले दो छात्रावास भी बनाए जाएंगे।
इस कॉलेज की कक्षाएं वर्तमान में सेक्टर-26 स्थित राजकीय बहुतकनीकी संस्थान में चलाई जा रही हैं, जहां शुरुआत में 90 छात्रों के दाखिले की अनुमति थी, जिसे अब 180 कर दिया गया है। यहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, साइबर सिक्योरिटी और रोबोटिक्स जैसे कोर्सों में बीटेक की पढ़ाई की जा रही है। इंजीनियरिंग कॉलेज के भवन का निर्माण 3 वर्षों में पूरा हो जाएगा।
तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा कदम
विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने बताया कि इस इंजीनियरिंग कॉलेज में छात्रों को नवीनतम तकनीकी ज्ञान और कौशल प्रदान किया जाएगा, जिससे वे उद्योग की मांगों को पूरा कर सकें और राज्य एवं देश के विकास में योगदान दे सकें। सरकार की प्रतिबद्धता तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने की है, जिससे युवाओं को न केवल रोजगार प्राप्त हो, बल्कि वे उद्यमी भी बन सकें।