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Haryana Assembly Election: 30 से अधिक मौजूदा विधायकों की टिकट पर खतरा, देखिये भाजपा और कांग्रेस की नई रणनीति

Haryana Politics News : हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में भाजपा और कांग्रेस के 30 से अधिक मौजूदा विधायकों की टिकट पर खतरा मंडरा रहा है। एंटी इंकम्बेंसी के कारण दोनों दल नए चेहरों की तलाश में हैं।

Haryana Politics Breaking News, 20 August 2024: हरियाणा में विधानसभा चुनाव 2024 की तैयारियां जोरों पर हैं, और इस बार के चुनावी दंगल में 30 से अधिक मौजूदा विधायकों की टिकट कटने का खतरा मंडरा रहा है। इनमें 20 से अधिक भाजपा के और 12 से अधिक कांग्रेस के विधायक शामिल हैं। इन विधायकों के खिलाफ अपने-अपने हलकों में जबरदस्त एंटी इंकम्बेंसी देखने को मिल रही है, जिससे दोनों प्रमुख दलों के लिए टिकट वितरण में नए चेहरे शामिल करने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।

सर्वे रिपोर्ट ने बढ़ाई चिंता

भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही दलों ने आंतरिक सर्वे करवाया है, जिसकी रिपोर्ट हाईकमान को सौंप दी गई है। सर्वे में स्पष्ट हुआ है कि जिन विधायकों के खिलाफ जनता में नाराजगी है, उन्हें आगामी चुनाव में टिकट से वंचित किया जा सकता है। भाजपा ने साफ कर दिया है कि एंटी इंकम्बेंसी का सामना कर रहे विधायकों के स्थान पर नए चेहरों को मौका दिया जाएगा। कांग्रेस भी अपने 12 से अधिक विधायकों की टिकट काटने की तैयारी में है, जिनका प्रदर्शन पिछले पांच सालों में खासा निराशाजनक रहा है।

लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन बना आधार

विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण के लिए भाजपा और कांग्रेस, दोनों ने लोकसभा चुनाव के नतीजों को भी आधार बनाया है। जिन विधायकों के हलकों में भाजपा को लोकसभा चुनाव में बढ़त मिली थी, उनकी टिकट सुरक्षित मानी जा रही है। वहीं, जिन क्षेत्रों में पार्टी को कम वोट मिले, उन पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है। भाजपा ने निर्णय लिया है कि टिकट के लिए आवेदन करने वाले पदाधिकारियों को पहले अपना पद छोड़ना होगा। कांग्रेस ने भी साफ कर दिया है कि पिछले दो बार से लगातार चुनाव हारने वाले नेताओं को इस बार टिकट नहीं दी जाएगी।

कांग्रेस के इन विधायकों का प्रदर्शन रहा था कमजोर

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के 12 विधायकों के हलकों में भाजपा ने बढ़त बनाई थी, जिससे इन विधायकों की टिकट पर भी खतरा मंडरा रहा है। इन विधायकों में कालका से प्रदीप चौधरी, रादौर से बिशनलाल सैनी, लाडवा से मेवा सिंह, तोशाम से किरण चौधरी, महेंद्रगढ़ से राव दान सिंह, एनआईटी फरीदाबाद से नीरज शर्मा, सोनीपत से सुरेंद्र पंवार, रेवाड़ी से चिरंजीवी राव, समालखा से धर्म सिंह छौक्कर, सफीदों से सुभाष देशवाल, इसराना से बलबीर वाल्मीकि, और असंध से शमशेर गोगी के नाम शामिल हैं।

मंत्री और विधायक भी नहीं दिला पाए भाजपा को जीत

लोकसभा चुनाव में भाजपा के 4 मंत्रियों और डिप्टी स्पीकर समेत 6 विधायकों के हलकों में कांग्रेस को जीत मिली थी, जिससे इन विधायकों की स्थिति कमजोर हो गई है। इनमें जगाधरी से मंत्री कंवरपाल, अंबाला सिटी से परिवहन मंत्री असीम गोयल, लोहारू से वित्त मंत्री जेपी दलाल, बवानीखेड़ा से सामाजिक अधिकारिता मंत्री बिशंबर वाल्मीकि, नलवा से विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा के हलके शामिल हैं। इसके अलावा, आदमपुर से भव्य बिश्नोई, फतेहाबाद से दुड़ाराम, हथीन से प्रवीन डागर, होडल से जगदीश नायर, पिहोवा से पूर्व मंत्री संदीप सिंह, और कलायत से पूर्व मंत्री कमलेश ढांडा के विधानसभा क्षेत्रों से कांग्रेस को बढ़त मिली थी।

नए चेहरों की तलाश में दोनों दल

भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही दलों के लिए आगामी विधानसभा चुनाव चुनौतीपूर्ण होंगे। जहां एक ओर एंटी इंकम्बेंसी फैक्टर ने मौजूदा विधायकों की टिकट पर खतरा बढ़ा दिया है, वहीं दूसरी ओर नए और जिताऊ चेहरों की तलाश शुरू हो गई है। इस बार के चुनाव में युवाओं और नए चेहरों को मौका दिए जाने की संभावना है, ताकि चुनावी नतीजों को अपने पक्ष में किया जा सके।

Conclusion
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में दोनों प्रमुख दलों के लिए टिकट वितरण एक कठिन कार्य साबित हो सकता है। जहां मौजूदा विधायकों के खिलाफ एंटी इंकम्बेंसी का प्रभाव देखा जा रहा है, वहीं नए चेहरों की तलाश चुनावी समीकरणों को बदल सकती है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा और कांग्रेस किस प्रकार अपने चुनावी अभियान को आगे बढ़ाते हैं और जनता के बीच अपनी पकड़ को मजबूत करते हैं।

Sandeep Kumar

नमस्कार! उमंग हरियाणा पर फ़िलहाल कंटेंट राइटर का काम कर रहा हूँ। आपको हरियाणा की ताज़ा हिंदी ख़बरों और देश-विदेश की ट्रेंडिंग न्यूज़ से आपको अपडेट रखना मेरा काम है।

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