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सिरसा विधानसभा चुनाव: इनेलो ने चुनाव रद्द करने की मांग की, आयोग को लिखा पत्र

SIRSA election 2024: सिरसा विधानसभा चुनाव में गड़बड़ी का आरोप, इनेलो ने चुनाव रद्द करने और नए सिरे से चुनाव करवाने की मांग की। जानें क्या है पूरा मामला।

SIRSA election 2024: इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने सिरसा विधानसभा चुनावों को लेकर गंभीर आपत्ति जताते हुए चुनाव रद्द करने की मांग की है। इनेलो की ओर से केंद्रीय चुनाव आयोग को इस मामले में एक आधिकारिक पत्र लिखा गया है, जिसमें निर्वाचन अधिकारी पर चुनाव प्रक्रिया में भारी चूक का आरोप लगाया गया है।

इनेलो की आपत्ति: समय से पहले चुनाव चिह्न आवंटन

इनेलो ने आरोप लगाया है कि सिरसा विधानसभा में 2 बजे ही चुनाव चिह्न आवंटित कर दिए गए, जबकि नामांकन वापसी की अंतिम समय सीमा दोपहर 3 बजे थी। पार्टी का कहना है कि नामांकन वापसी की प्रक्रिया पूरी होने से पहले चुनाव चिह्न का आवंटन चुनाव के नियमों का उल्लंघन है।

इस चूक को लेकर इनेलो ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि यह कदम चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकता है। पार्टी ने निर्वाचन अधिकारी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने चुनाव प्रक्रिया में भारी लापरवाही की है, जिससे निष्पक्ष चुनाव संपन्न होने पर सवाल उठ खड़ा हुआ है।

क्यों उठी चुनाव रद्द करने की मांग?

इनेलो ने चुनाव आयोग से सिरसा विधानसभा चुनाव को रद्द कर नए सिरे से चुनाव करवाने की मांग की है। पार्टी का मानना है कि इस प्रकार की बड़ी चूक चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर संदेह उत्पन्न करती है। ऐसे में नए सिरे से चुनाव करवाना ही एक उचित कदम होगा।

इनेलो का कहना है कि चुनाव चिह्न का समय से पहले आवंटन न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि इससे चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़ा होता है।

केंद्रीय चुनाव आयोग को लिखा गया पत्र

इनेलो ने केंद्रीय चुनाव आयोग को लिखे पत्र में इस गंभीर मुद्दे का जिक्र करते हुए मामले की जांच करवाने और सिरसा विधानसभा में फिर से चुनाव करवाने की अपील की है। पार्टी ने कहा है कि इस प्रकार की गलती से निष्पक्ष चुनाव करवाना असंभव हो सकता है और इससे चुनाव परिणाम प्रभावित होंगे।

क्या कहता है नियम?

चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, चुनाव चिह्न का आवंटन नामांकन वापसी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही किया जाना चाहिए। इससे पहले यदि कोई प्रत्याशी नामांकन वापस लेना चाहता है, तो उसे यह अधिकार होता है। मगर नामांकन वापसी से पहले ही चुनाव चिह्न का वितरण करना नियमों का उल्लंघन माना जाता है।

चुनाव प्रक्रिया में गलती के संभावित प्रभाव:

आरोपसमय से पहले चुनाव चिह्न आवंटननामांकन वापसी की प्रक्रियाचुनाव परिणाम पर प्रभाव
इनेलो का दावानियमों का उल्लंघन3 बजे से पहले चिह्न आवंटन गलतनिष्पक्ष चुनाव पर संदेह

चुनाव आयोग पर दबाव

इनेलो की इस मांग से चुनाव आयोग पर भी दबाव बढ़ गया है। आयोग से अब यह अपेक्षा की जा रही है कि वह मामले की गहन जांच करेगा और आवश्यक कदम उठाएगा। इनेलो के पत्र में यह भी कहा गया है कि यदि चुनाव आयोग ने उचित कार्रवाई नहीं की, तो इससे जनता के बीच चुनाव प्रक्रिया को लेकर अविश्वास पैदा हो सकता है।

चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल

इनेलो ने जोर दिया है कि सिरसा में चुनाव अधिकारी द्वारा की गई यह गलती चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर प्रश्न खड़े करती है। चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता और विश्वसनीयता बनाए रखना एक लोकतांत्रिक प्रणाली का महत्वपूर्ण अंग है, और इस प्रकार की चूक से यह संतुलन बिगड़ सकता है।

इनेलो की अगली रणनीति

अगर चुनाव आयोग से उचित कार्रवाई नहीं होती है, तो इनेलो इस मामले को अदालत में भी ले जा सकती है। पार्टी ने इस मुद्दे को सिरसा में चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता के लिए एक गंभीर खतरा माना है।

आगे क्या?

अब यह देखना होगा कि चुनाव आयोग इस मामले में क्या कदम उठाता है। यदि चुनाव रद्द होते हैं, तो सिरसा में नए सिरे से चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी। इनेलो की इस मांग ने सिरसा विधानसभा चुनावों को लेकर नई बहस छेड़ दी है, जिससे चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

Sandeep Kumar

नमस्कार! उमंग हरियाणा पर फ़िलहाल कंटेंट राइटर का काम कर रहा हूँ। आपको हरियाणा की ताज़ा हिंदी ख़बरों और देश-विदेश की ट्रेंडिंग न्यूज़ से आपको अपडेट रखना मेरा काम है।

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