राम रहीम की पैरोल व फरलो हरियाणा सरकार लेगी फैसला, HC ने दिया आदेश
Ram Rahim News: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Dera Chief Ram Rahim) को बड़ी राहत देते हुए पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) द्वारा दायर याचिका का निपटारा कर दिया है।
इस याचिका में डेरा प्रमुख को पैरोल या फरलो पर रिहा न करने के निर्देश देने की मांग की गई थी। हाई कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि ऐसे मामलों में निर्णय लेने का अधिकार राज्य सरकार के पास है।
राज्य सरकार का पक्ष
हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के पक्ष को भी स्पष्ट किया, जिसमें सरकार ने बताया कि डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह वैधानिक प्रावधानों के तहत पैरोल और फरलो के हकदार हैं। सरकार ने यह भी बताया कि उन्होंने पूर्व में 89 अन्य दोषियों को पैरोल और फरलो प्रदान किया है, जिन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
हाई कोर्ट का फैसला
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस अनिल खेत्रपाल की खंडपीठ ने एसजीपीसी की याचिका को निपटाते हुए कहा कि यह याचिका पिछले साल जनवरी में दायर की गई थी, जब डेरा प्रमुख को 50 दिन की पैरोल दी गई थी।
अब, वह पैरोल समाप्त हो चुकी है, इसलिए इस याचिका का निपटारा किया जा रहा है। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि राज्य सरकार डेरा प्रमुख की फरलो और पैरोल पर निर्णय नियमों के अनुसार ही लेगी।
डेरा प्रमुख की मांग
इस मामले में डेरा प्रमुख ने भी 21 दिन की फरलो के लिए हाई कोर्ट में अर्जी दी थी। उन्होंने तर्क दिया कि उनकी अध्यक्षता में डेरा द्वारा कई कल्याणकारी गतिविधियां की जाती हैं, जैसे वृक्षारोपण, नशा मुक्ति अभियान, और गरीब लड़कियों की शादी आदि, जिसके लिए उन्हें जेल से बाहर रहकर प्रेरणा अभियान चलाने की आवश्यकता है।
सुरक्षा और नियमों का पालन
डेरा प्रमुख की अर्जी में यह भी कहा गया कि उन्होंने कभी पैरोल या फरलो की छूट का दुरुपयोग नहीं किया और हमेशा समय रहते आत्मसमर्पण किया है।
उनके अनुसार, 20 दिन की पैरोल और 21 दिन की फरलो की अर्जी पहले से ही अधिकारियों के विचाराधीन है। हाई कोर्ट ने अपने पिछले आदेश में कहा था कि डेरा प्रमुख कट्टर अपराधी की परिभाषा में नहीं आते हैं, और राज्य सरकार पात्र दोषियों को हर साल 70 दिन की पैरोल और 21 दिन की फरलो देने का अधिकार रखती है।
एसजीपीसी की आपत्ति
यह मामला एसजीपीसी द्वारा दायर याचिका के संदर्भ में उठा, जिसमें डेरा प्रमुख को बार-बार पैरोल और फरलो पर रिहा किए जाने पर आपत्ति जताई गई थी, जबकि वे दुष्कर्म और हत्या के मामलों में दोषी ठहराए गए हैं। हाई कोर्ट ने सरकार के निर्णय पर भरोसा जताते हुए यह याचिका निपटा दी है, जिससे डेरा प्रमुख को बड़ी राहत मिली है।