पंजाब पुलिस में ‘काली भेड़ों’ की पहचान पर जोर, गृह विभाग ने 10 दिन में मांगी रिपोर्ट
पंजाब सरकार ने पुलिस और अन्य सरकारी विभागों में छिपी 'काली भेड़ों' की पहचान के लिए गृह विभाग को आदेश दिया है। भ्रष्टाचार के मामलों में लिप्त अधिकारियों की सूची तैयार की जा रही है।
चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने राज्य की अफसरशाही और पुलिस महकमे में छिपी हुई ‘काली भेड़ों’ की पहचान करने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। यह कार्रवाई पंजाब विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान उठाए गए मुद्दे के बाद शुरू की गई है। विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने गृह विभाग को पत्र लिखकर यह आदेश दिया था कि पुलिस और अन्य सरकारी विभागों में काम कर रहे ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों की सूची तैयार की जाए, जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार या अन्य आपराधिक मामले दर्ज हैं।
गृह विभाग की कार्रवाई शुरू
स्पीकर के आदेश के बाद गृह विभाग ने तुरंत सक्रियता दिखाई और उन अधिकारियों की सूची तैयार करने का काम शुरू कर दिया है, जिनके खिलाफ विजिलेंस ब्यूरो या पुलिस द्वारा केस दर्ज किए गए हैं। सूत्रों की मानें तो ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या सैंकड़ों में हो सकती है, जिससे इस प्रक्रिया में थोड़ा समय लग सकता है। गृह विभाग ने इस कार्य को पूरा करने के लिए 10 दिन का समय मांगा है।
सूची में शामिल होंगे कौन?
इस सूची में उन सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम शामिल किए जाएंगे, जिनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज है या जो भ्रष्टाचार में शामिल पाए गए हैं। इसमें विजिलेंस ब्यूरो और अन्य विभागों द्वारा की गई जांचों का बारीकी से अध्ययन किया जाएगा। सूची तैयार होने के बाद इसे अगले सप्ताह विधानसभा स्पीकर को सौंपी जाएगी।
स्पीकर के आदेश का संदर्भ
विधानसभा सत्र के दौरान स्पीकर ने पुलिस विभाग में कार्यरत एक ए.एस.आई. बोहड़ सिंह का मामला सदन में रखा था, जिनके खिलाफ गंभीर आरोप थे। इस संदर्भ में स्पीकर ने डी.जी.पी. से रिपोर्ट मांगी थी और तब से ही इस मुद्दे पर चर्चा शुरू हो गई थी कि पंजाब पुलिस और अन्य विभागों में भ्रष्टाचार और आपराधिक मामलों में लिप्त अधिकारियों की पहचान की जाए।
काली भेड़ों की पहचान क्यों मुश्किल?
हालांकि, ऐसे अधिकारियों की पहचान करना आसान काम नहीं होगा। पंजाब जैसे बड़े राज्य में विभिन्न विभागों में हजारों कर्मचारी काम कर रहे हैं। ऐसे में हर अधिकारी के खिलाफ दर्ज मामलों की कानूनी स्थिति का विश्लेषण करना और उनके खिलाफ उचित कार्रवाई सुनिश्चित करना गृह विभाग के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
सूत्रों के अनुसार, गृह विभाग अब इस बात पर ध्यान केंद्रित कर रहा है कि इन अधिकारियों पर लगे आरोपों की जांच किस स्तर पर है और उनके खिलाफ उठाए गए कदमों की स्थिति क्या है।
भविष्य की दिशा
राज्य सरकार की यह पहल भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और प्रशासनिक व्यवस्था को पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। गृह विभाग से इस सूची के मिलने के बाद सरकार ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सकती है, जिससे राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार की उम्मीद की जा रही है।