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Income Tax : कई महीनों का मिला है एरियर तो ऐसे बचाएं टैक्स! जानिये तरीके

New Delhi: Income Tax : यदि आपका हाल ही में अप्रैजल हुआ है और आपको एरियर के रूप में एकमुश्त राशि प्राप्त हुई है, तो आपके इनकम टैक्स में वृद्धि होने की संभावना है। इससे आपकी टैक्स लायबिलिटी बढ़ सकती है, क्योंकि एरियर की राशि भी आपकी इनकम में शामिल हो जाती है। ऐसे में, इनकम टैक्स बचाने के लिए कुछ प्रावधानों का उपयोग किया जा सकता है।

धारा-89 के तहत टैक्स बचाने के उपाय

कई बार ऐसा होता है कि एरियर में पिछले वित्त वर्ष का बोनस या बाकी ड्यूज भी शामिल होते हैं, जो चालू वित्त वर्ष में क्रेडिट होते हैं। इसका मतलब है कि आपको पिछले वर्षों की इनकम पर भी चालू वर्ष में टैक्स देना होता है। ऐसे में इनकम टैक्स कानून की धारा-89(1) आपकी मदद कर सकती है।

धारा-89(1) आपको पिछले वर्षों के एरियर या बोनस पर टैक्स छूट का दावा करने की अनुमति देती है, ताकि आप ज्यादा टैक्स न भरें। यह प्रावधान निम्नलिखित मामलों में उपयोगी होता है:

  1. जब सैलरी या फैमिली पेंशन एरियर या एडवांस में मिली हो।
  2. जब आपको ग्रेच्युटी का पैसा मिला हो, जिस पर धारा-10 (10)(ii)(iii) के तहत छूट मिलती हो।
  3. नौकरी से निकाले जाने पर मुआवजा प्राप्त हुआ हो।
  4. जब कम्युटेड पेंशन मिली हो, जिस पर धारा-10 (10A)(i) के तहत छूट हो।

धारा-89 के तहत क्लेम कैसे करें?

  • धारा-89 के तहत छूट क्लेम करने के लिए आपको फॉर्म-10E भरना अनिवार्य है। बिना इस फॉर्म को भरे, आप टैक्स छूट का दावा नहीं कर सकते।
  • यह छूट तभी मिलती है जब एरियर या अन्य एडवांस भुगतान के कारण आपकी टैक्स लायबिलिटी में बढ़ोतरी हो।

धारा-89 के अंतर्गत टैक्स छूट का लाभ कब मिलेगा?

यदि आपकी सैलरी बढ़ने से आप एक नए टैक्स स्लैब में आ गए हैं और आपकी टैक्स देनदारी बढ़ गई है, तब आप इस धारा का फायदा उठा सकते हैं। यह पुराने इनकम टैक्स रिजीम के तहत ज्यादा मददगार हो सकता है।

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