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गेहूं की कीमतों में भारी उछाल, रोटी खाना भी हो जायेगा महंगा

wheat price hike: गेहूं की कीमतों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी से महंगाई की मार। जानें सरकार के नए कदम और इसका आम जनता पर असर। आटे से लेकर ब्रेड तक सब कुछ हो सकता है महंगा।

नई दिल्ली: देशभर में महंगाई का आलम बढ़ता जा रहा है, और अब गेहूं के दाम भी आसमान छू रहे हैं। इस बार गेहूं की कीमतें अपने उच्चतम स्तर तक पहुंच गई हैं, जो आम जनता के लिए चिंता का विषय बन गई है। हालांकि, रिकॉर्ड पैदावार के बावजूद, गेहूं की कीमतों में इतनी तेजी समझ से परे है। ऐसे में अब केंद्र सरकार ने गेहूं की कीमतों पर नियंत्रण करने के लिए बड़ा फैसला लिया है।

सरकार का बड़ा फैसला: ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री

केंद्र सरकार इस साल ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत लगभग 56 लाख टन गेहूं बेचने की योजना बना रही है। जबकि पिछले वित्त वर्ष में सरकार ने लगभग 100 लाख टन गेहूं की बिक्री की थी। इस बार सरकार 2325 रुपये प्रति क्विंटल के दाम पर गेहूं बेचेगी, जबकि ट्रांसपोर्टेशन, रखरखाव और अन्य खर्चों को जोड़कर उसकी खुद की आर्थिक लागत 3100 रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा आती है।

गेहूं की कीमतों में तेजी का असर

गेहूं की कीमतों में उछाल से आम जनता की रोजमर्रा की जिंदगी पर गहरा असर पड़ रहा है। खासकर आटे के दामों में बढ़ोतरी का सीधा असर आम आदमी की थाली पर पड़ रहा है। बीते कुछ दिनों से गेहूं की कीमतों में तेजी देखी जा रही है, जिसके चलते आटे के दाम भी बढ़ने की संभावना है। इसके अलावा, ब्रेड, मफिन, नूडल्स, पास्ता, बिस्किट, केक, कुकीज जैसी चीजों की कीमतों में भी बढ़ोतरी की उम्मीद है।

दिल्ली और अन्य राज्यों में आटे के दाम

29 अगस्त 2024 को सरकारी डाटा के अनुसार, गेहूं के आटे का अधिकतम दाम 64 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया था। दिल्ली में आटा 33 रुपये प्रति किलो, जम्मू-कश्मीर में 42.5 रुपये, हरियाणा में 32 रुपये, और महाराष्ट्र में 44 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुका है। देशभर में गेहूं का औसत थोक दाम 2785 रुपये प्रति क्विंटल, अधिकतम दाम 4650 रुपये, और न्यूनतम दाम 2400 रुपये प्रति क्विंटल रहा। वहीं, रिटेल प्राइस की बात करें तो औसत 31 रुपये प्रति किलो, अधिकतम 51 रुपये और न्यूनतम 23 रुपये प्रति किलो रहा।

पिछले साल की तुलना में स्थिति गंभीर

पिछले साल सरकार ने जून में अपने स्टॉक से गेहूं बेचना शुरू किया था। जून 2023 से मार्च 2024 के बीच स्टॉक से लगभग 100 लाख मीट्रिक टन की रिकॉर्ड मात्रा बेची गई थी। इससे आटा मिलर्स और बिस्किट निर्माताओं जैसे थोक खरीदारों को सस्ती कीमतों पर गेहूं की आपूर्ति मिल गई थी। लेकिन इस बार सरकार ने अभी तक बिक्री को लेकर कोई भी अपडेट जारी नहीं किया है, जिससे कीमतों में और बढ़ोतरी की आशंका है।

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कारोबारियों की राय: स्टॉक जारी करें सरकार

बढ़ते हुए रेटों पर कारोबारियों का कहना है कि, गेहूं की आपूर्ति हर दिन कम होती जा रही है। पिछले साल की तुलना में इस साल स्थिति थोड़ी खराब लग रही है। इसलिए सरकार को तुरंत अपने स्टॉक से गेहूं की पेशकश शुरू कर देनी चाहिए। अगर सरकार गोदामों से गेहूं का स्टॉक रिलीज नहीं करती है, तो त्योहार के दौरान कीमतों में और भी उछाल आ सकता है, जिससे आम जनता की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

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