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कौन हैं जसदीप सिंह गिल? जिन्हें बनाया गया डेरा राधा स्वामी सत्संग ब्यास का नया उत्तराधिकारी

Dera Radha Swami Beas New Chief: जसदीप सिंह गिल बने डेरा राधा स्वामी ब्यास के नए प्रमुख, जानिए उनके जीवन, शिक्षा और डेरा से उनके जुड़ाव के बारे में। डेरा प्रमुख गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने उनकी नियुक्ति की घोषणा की।

मुकेश गुसाईना अमृतसर, पंजाब: पंजाब के अमृतसर स्थित ब्यास में डेरा राधा स्वामी सत्संग ब्यास (RSSB) को नया आध्यात्मिक उत्तराधिकारी मिल गया है। जसदीप सिंह गिल को 2 सितंबर 2024 से डेरा राधास्वामी ब्यास का नया प्रमुख बनाया गया है। यह घोषणा मौजूदा डेरा प्रमुख बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने की, जो पिछले कुछ समय से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने जसदीप सिंह गिल को बतौर गुरू नाम देने का भी अधिकार सौंपा है, जो इस आध्यात्मिक संस्थान के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

कौन हैं जसदीप सिंह गिल?

जसदीप सिंह गिल का परिवार डेरा राधास्वामी ब्यास से लंबे समय से जुड़ा हुआ है। उनके पिता, सुखदेव सिंह, भारतीय सेना में एक रिटायर्ड इंजीनियर हैं। जसदीप सिंह गिल स्वयं भी एक उच्च शिक्षा प्राप्त व्यक्तित्व हैं। उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से केमिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी की डिग्री हासिल की है। इसके अलावा, उन्होंने लंदन बिजनेस स्कूल से एक कार्यकारी शिक्षा कार्यक्रम भी पूरा किया है और आईआईटी दिल्ली से स्नातक की डिग्री प्राप्त की है।

गिल ने अपने करियर में प्रमुख दवा कंपनियों जैसे रैनबैक्सी और सिप्ला में महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। वह सिप्ला लिमिटेड में मुख्य रणनीति अधिकारी और वरिष्ठ प्रबंधन कार्मिक के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। हाल ही में, उन्होंने अपने व्यक्तिगत हितों को आगे बढ़ाने के लिए 2024 में सिप्ला से इस्तीफा दे दिया। उनकी पत्नी पेशे से डॉक्टर हैं, और उनका परिवार स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में भी प्रतिष्ठित माना जाता है।

क्यों चुना गया जसदीप सिंह गिल को?

जसदीप सिंह गिल का डेरा राधास्वामी ब्यास से पुराना संबंध और उनकी उच्च शिक्षा और पेशेवर अनुभव उन्हें इस जिम्मेदारी के लिए उपयुक्त बनाते हैं। बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने अपने खराब स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए नए उत्तराधिकारी की घोषणा की। बाबा जी पहले कैंसर से जूझ चुके हैं और अब हृदय रोग से भी पीड़ित हैं, जिसके चलते उन्होंने समय रहते इस महत्वपूर्ण निर्णय को लिया।

डेरा राधा स्वामी ब्यास का इतिहास और महत्व

डेरा राधा स्वामी सत्संग ब्यास की स्थापना 1891 में भारत में की गई थी। आज, यह संस्था दुनियाभर में फैली हुई है, और इसके अनुयायी लगभग 90 देशों में मौजूद हैं। यह संस्था सिर्फ आध्यात्मिकता ही नहीं, बल्कि सेवा, मानवता और नैतिकता के प्रचार-प्रसार में भी लगी रहती है। डेरा के अनुयायियों में आम लोगों के साथ ही कई प्रमुख राजनेता और अन्य प्रसिद्ध हस्तियां भी शामिल हैं, जो यहां नियमित रूप से आते हैं।

भविष्य की चुनौतियां और संभावनाएं

जसदीप सिंह गिल के नेतृत्व में डेरा राधास्वामी ब्यास को नई दिशा और मजबूती मिलेगी। उनकी शिक्षा, अनुभव और डेरा से गहरा संबंध उन्हें इस महत्वपूर्ण पद के लिए पूरी तरह से योग्य बनाता है। गिल के नेतृत्व में, डेरा नए अनुयायियों को जोड़ने और आध्यात्मिकता के प्रसार में और अधिक सफल हो सकता है।

Sandeep Kumar

नमस्कार! उमंग हरियाणा पर फ़िलहाल कंटेंट राइटर का काम कर रहा हूँ। आपको हरियाणा की ताज़ा हिंदी ख़बरों और देश-विदेश की ट्रेंडिंग न्यूज़ से आपको अपडेट रखना मेरा काम है।

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