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Haryana Politics : हरियाणा भाजपा में उथल-पुथल; प्रदेश अध्यक्ष ने नियुक्तियों पर लगाई रोक

Haryana Politics News: हरियाणा में कांग्रेस के बाद अब भाजपा में भी अंदरुनी कलह शुरु हो गई है। संगठन में बदलाव को लेकर अब भाजपा में खींचतान चल रही है। इसको लेकर अब प्रदेश अध्यक्ष के आदेशों पर रोक लगा दी गई है।

Haryana Politics Breaking News : हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के भीतर हाल ही में हुए संगठनात्मक बदलावों को लेकर विवाद उठ खड़ा हुआ है। पार्टी की महिला मोर्चा में हाल ही में किए गए बदलावों के बाद आंतरिक संघर्ष और विवादों ने जोर पकड़ लिया है। प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने इस विवाद को शांत करने के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए सभी नियुक्तियों पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है।

विवाद की जड़: महिला मोर्चा में बदलाव

भा.ज.पा. के महिला मोर्चा में हाल ही में किए गए बदलावों ने पार्टी में तूफान ला दिया। प्रदेश अध्यक्ष ने महिला मोर्चा की अध्यक्षों को बदलने का आदेश दिया था, जिसके बाद पार्टी के भीतर असंतोष फैल गया। कई जिला अध्यक्षों ने प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल होने को लेकर असंतोष व्यक्त किया और प्रदेश अध्यक्ष, मुख्यमंत्री तथा प्रभारी के सामने इस मुद्दे को उठाया।

स्थितिविवरण
विवाद की शुरुआतमहिला मोर्चा की नियुक्तियों में बदलाव
प्रदेश अध्यक्ष का आदेशसभी नियुक्तियों पर रोक
विवाद का कारणजिला अध्यक्षों की असंतोषजनक नियुक्ति

लोकसभा चुनाव के बाद की शिकायतें

लोकसभा चुनाव के बाद कई प्रत्याशियों ने जिला अध्यक्षों और अन्य पार्टी पदाधिकारियों के खिलाफ शिकायतें की थीं। इन शिकायतों के आधार पर, नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष ने हाईकमान की स्वीकृति से आधा दर्जन जिलों के अध्यक्षों को बदल दिया था। हालांकि, इस बदलाव के बाद महिला मोर्चा ने पांच जिलों की अध्यक्षों को बदल दिया, जिससे विवाद और बढ़ गया।

प्रदेश अध्यक्ष का निर्णय

भा.ज.पा. के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने पार्टी के संगठनात्मक बदलावों पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है। इस आदेश के तहत अब मोर्चा अध्यक्ष किसी भी स्तर पर बदलाव नहीं कर सकेंगे। इसके अलावा, प्रदेश कार्यालय प्रभारी एवं प्रदेश महामंत्री सुरेंद्र पूनिया द्वारा जारी पत्र में महिला मोर्चा की वर्तमान घोषणाओं को रद्द कर दिया गया है।

पार्टी के भीतर के संघर्ष

भा.ज.पा. में चल रहे इस विवाद ने पार्टी के भीतर गहरे अंतर्विरोधों को उजागर किया है। संगठनात्मक बदलावों को लेकर पार्टी के भीतर उठ रही असंतोष की आवाजें पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच तनाव को बढ़ा रही हैं। इस स्थिति ने आगामी चुनावों के लिए पार्टी की तैयारी और एकजुटता पर सवाल खड़े किए हैं।

भविष्य की दिशा

भा.ज.पा. की इस अंदरूनी कलह के बीच, प्रदेश अध्यक्ष की ओर से जारी किए गए आदेश से कुछ समय के लिए विवाद शांत हो सकता है। हालांकि, पार्टी के भीतर के विवादों को हल करने और संगठन को मजबूत करने के लिए लंबे समय में ठोस कदम उठाने की जरूरत होगी।

सुसंगठित पार्टी के लिए आवश्यक कदम

भा.ज.पा. को अपने संगठन को पुनः सुसंगठित करने और पार्टी के भीतर असंतोष को कम करने के लिए ठोस उपायों की आवश्यकता है। इस दिशा में उठाए गए कदम पार्टी की आगामी रणनीतियों और चुनावी प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं।

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