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हरियाणा में AAP-कांग्रेस गठबंधन को लेकर खुले पत्ते! जानिए क्या है प्लान

Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में AAP और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे पर मतभेद के चलते गठबंधन की संभावना धुंधली होती जा रही है। जानिए इस सियासी उठापटक का पूरा विश्लेषण।

Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर राज्य में सियासी माहौल गरमाता जा रहा है। आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच संभावित गठबंधन को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं, लेकिन दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर विवाद बना हुआ है। इससे गठबंधन पर संकट मंडराता नजर आ रहा है, और स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है कि दोनों दल एक साथ चुनाव लड़ेंगे या अलग-अलग।

गठबंधन पर संकट: सीटों के बंटवारे पर मतभेद

सूत्रों की मानें तो कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन की बातचीत अब टूटने की कगार पर है। कांग्रेस की ओर से आम आदमी पार्टी को हरियाणा में 7 सीटों की पेशकश की गई थी, जबकि AAP ने 10 सीटों की मांग की थी। यह मतभेद अब बड़ी समस्या बन गई है, और दोनों दलों के बीच संभावित गठबंधन की उम्मीदें कमजोर होती जा रही हैं।

सीटों की मांग का ब्योरा:

पार्टीकांग्रेस का प्रस्तावAAP की मांग
कांग्रेस7 सीटें10 सीटें

इस मतभेद के चलते दोनों दलों के बीच गठबंधन की संभावना लगभग खत्म होती दिख रही है। हालांकि, पहले यह कहा जा रहा था कि राहुल गांधी खुद आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के पक्ष में हैं, लेकिन अब स्थिति बदलती नजर आ रही है।

AAP की रणनीति: 50 सीटों पर लड़ने की तैयारी

आम आदमी पार्टी हरियाणा में अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। पार्टी ने 50 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की योजना बनाई है। सूत्रों के अनुसार, AAP रविवार को अपने पहले उम्मीदवारों की सूची जारी कर सकती है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि पार्टी अब पूरी तरह से गठबंधन की संभावनाओं को छोड़कर अपनी रणनीति पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

लोकसभा में सफल गठबंधन का अनुभव

लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान हरियाणा में AAP और कांग्रेस ने गठबंधन किया था। उस समय दोनों दलों ने बीजेपी के खिलाफ मिलकर चुनाव लड़ा और प्रदेश की 10 में से 5 सीटों पर जीत हासिल की। यह गठबंधन सफल रहा था, लेकिन अब विधानसभा चुनाव के लिए दोनों पार्टियों के बीच स्थिति अलग दिखाई दे रही है।

गठबंधन नहीं होने पर क्या होगा?

अगर कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन नहीं होता, तो हरियाणा में चुनावी समीकरण पूरी तरह बदल सकते हैं। आम आदमी पार्टी अकेले चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार दिख रही है, जिससे राज्य की राजनीतिक तस्वीर पर बड़ा असर पड़ सकता है। कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन की असफलता दोनों दलों के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक झटका हो सकती है, क्योंकि दोनों ही दलों को बीजेपी के खिलाफ एक मजबूत विपक्ष के रूप में खड़ा होना है।

राजनीतिक माहौल में बदलाव के संकेत

हरियाणा में आगामी चुनावों को लेकर सियासी उठापटक तेज हो गई है। अगर AAP और कांग्रेस का गठबंधन नहीं हो पाता, तो राज्य में दोनों दलों को अपनी अलग-अलग रणनीतियों के साथ मैदान में उतरना पड़ेगा। इससे बीजेपी को एक बड़ा लाभ हो सकता है, क्योंकि विपक्ष का बिखराव उसे मजबूत स्थिति में ला सकता है।

गठबंधन पर अनिश्चितता

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन की संभावना पर संकट गहराता जा रहा है। सीटों के बंटवारे पर सहमति न बनने के कारण दोनों दलों के बीच गठबंधन की उम्मीदें धुंधली होती जा रही हैं। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में यह गठबंधन टूटता है या किसी नए राजनीतिक समीकरण का जन्म होता है।

Sandeep Kumar

नमस्कार! उमंग हरियाणा पर फ़िलहाल कंटेंट राइटर का काम कर रहा हूँ। आपको हरियाणा की ताज़ा हिंदी ख़बरों और देश-विदेश की ट्रेंडिंग न्यूज़ से आपको अपडेट रखना मेरा काम है।

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