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गेहूं के दामों में तेजी, 3000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंचने की संभावना

kanak ka bhav: गेहूं के दामों में तेजी, 3000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंचने की संभावना। सरकार की ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) में देरी के चलते कीमतों में उछाल। जानें, कैसे किसान और उपभोक्ता हो रहे प्रभावित।

Kanak ka Bhav September 2024: सरकार ने खुली बाजार विक्रय योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं की बिक्री की शुरुआत एक अगस्त से करने की घोषणा की थी, लेकिन अब इसे अक्टूबर तक टाल दिया गया है। इस फैसले के चलते गेहूं के दाम में भारी उछाल की संभावना जताई जा रही है, और आने वाले समय में यह 3000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच सकता है।

सरकार के फैसले से दाम में उछाल की संभावना

पिछले साल के स्टॉक के खत्म होने और बड़ी कंपनियों द्वारा समर्थन मूल्य से अधिक दाम देकर गेहूं खरीदने की वजह से इस साल सरकारी खरीद लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया। सरकार ने इस वर्ष गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 रुपये प्रति क्विंटल रखा था, लेकिन मध्य प्रदेश की मंडियों में बड़ी कंपनियों ने 2350 से 2550 रुपये प्रति क्विंटल तक गेहूं खरीदा।

हालांकि हरियाणा और पंजाब में गेहूं की अच्छी पैदावार हुई, लेकिन सरकार अपने लक्ष्य को पूरा करने में असमर्थ रही। इस स्थिति से गेहूं की कीमतें आसमान छूने की संभावना बन गई है।

वर्तमान में गेहूं के दाम में तेजी

पिछले महीने के दौरान गेहूं के भाव में भारी उछाल देखने को मिला है। बड़ी कंपनियों द्वारा गेहूं की खरीद में प्रतिस्पर्धा और किसानों द्वारा अपनी फसल बाजार में न लाने के कारण, बाजार में गेहूं की कीमत 2840-2845 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई है। यह पिछले साल की तुलना में करीब 335-340 रुपये अधिक है।

सरकार ने ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत 2300-2325 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर गेहूं बेचने का निर्णय लिया था, लेकिन मांग इतनी ज्यादा है कि यह कदम भी दामों पर नियंत्रण नहीं कर पा रहा। रोलर फ्लोर मिलों और आटा चक्कियों की मांग बढ़ने से गेहूं की कमी और भी गंभीर हो गई है।

गेहूं का भाव (रुपये/क्विंटल)तिथि
2840-2845वर्तमान
2275 (MSP)इस वर्ष का MSP
2350-2550 (मध्य प्रदेश)पिछले महीनों

क्या गेहूं का दाम 3000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच सकता है?

वर्ष 2022 में सरकारी गेहूं की खरीद का आंकड़ा कम रहा था, और इस साल की स्थिति भी उससे बहुत अलग नहीं है। इस कमी के कारण बड़ी कंपनियां बाजार में अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए गेहूं की बिक्री करने से कतरा रही हैं, जिससे दाम में और भी तेजी देखने को मिल रही है।

वर्तमान में, दिल्ली और आसपास के बाजारों में गेहूं का दाम 2840 से 2845 रुपये प्रति क्विंटल है, और विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह 3000 रुपये प्रति क्विंटल तक भी जा सकता है। चूंकि गेहूं की नई फसल मार्च-अप्रैल में आने की संभावना है, तब तक सरकार को बाजार में संतुलन बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।

सरकार का कहना है कि केंद्रीय पूल में पर्याप्त मात्रा में गेहूं है, लेकिन इसकी बिक्री में देरी से बाजार में तनाव बना हुआ है। इस देरी से कीमतों में उछाल आ सकता है, जिससे न केवल किसान बल्कि उपभोक्ता भी परेशान होंगे।

बढ़ती महंगाई की चिंता

गेहूं के दामों में इस बढ़ोतरी से महंगाई का स्तर और भी बढ़ सकता है। गेहूं और इससे बने उत्पादों की बढ़ती कीमतें आम जनता की जेब पर सीधा असर डालेंगी।

सरकार को इस स्थिति से निपटने के लिए जल्द ही उचित कदम उठाने होंगे। अन्यथा, आने वाले महीनों में स्थिति और गंभीर हो सकती है, जिससे न केवल बाजार में अस्थिरता आएगी, बल्कि उपभोक्ताओं पर भी महंगाई का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

AMIT KUMAR

नमस्कार! तेजी से बढ़ते और बदलते डिजिटल युग में उमंग हरियाणा पर कंटेंट राइटर का काम कर रहा हूँ। ताज़ा हिंदी ख़बरों और ट्रेंडिंग न्यूज़ से आपको अपडेट रखना मेरा काम है।

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