Kufri Jamunia: आलू को अक्सर सेहत के लिए नुकसानदेह माना जाता है, और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोग इसे अपने आहार से बाहर करने की कोशिश करते हैं। लेकिन अब आलू को लेकर आपका नजरिया बदल सकता है, क्योंकि केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, शिमला ने एक ऐसी आलू की किस्म विकसित की है, जिसे खाने की डॉक्टर भी सलाह देंगे। इस खास किस्म का नाम ‘कुफरी जामुनिया’ है, जिसे हाल ही में प्रधानमंत्री द्वारा लांच की गई 109 नई फसलों की किस्मों में शामिल किया गया है।
कुफरी जामुनिया की खासियत: सेहत के लिए फायदेमंद
कुफरी जामुनिया एक विशेष किस्म का आलू है, जिसमें बैंगनी गूदा होता है और यह एंटी-ऑक्सीडेंट और एंथोसायनिन से भरपूर है। इस आलू के 100 ग्राम गूदे में 52 मिलीग्राम विटामिन सी, 32 मिलीग्राम एंथोसायनिन, और 163 माइक्रोग्राम कैरोटीनॉयड होता है, जो इसे सेहत के लिए बेहद लाभकारी बनाता है। केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान के प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. एसके लूथरा ने बताया कि इस आलू को विकसित करने में करीब 9 साल लगे हैं, जिसकी शुरुआत 2015 में की गई थी। इस आलू की एंटी-ऑक्सीडेंट संपत्ति इसे स्वास्थ्य के लिए और भी मूल्यवान बनाती है।
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किस क्षेत्रों में होगी खेती?
कुफरी जामुनिया की खेती के लिए उपयुक्त क्षेत्र भी निर्धारित किए गए हैं। यह आलू पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, असम, पश्चिम बंगाल और बिहार में उगाया जा सकता है। इन इलाकों में इसे उगाने के बाद इसका व्यापक उत्पादन हो सकता है, जिससे आम जनता तक इसकी पहुंच आसान हो जाएगी।
स्वादिष्ट व्यंजनों के लिए उपयोगी
कुफरी जामुनिया से विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन भी बनाए जा सकते हैं। इसका उपयोग रंगीन सब्जी करी, पूरी, परौंठा, रायता, दलिया, पकौड़ा, सूजी, आटा, उपमा, हलवा, डोसा, इडली (बैटर), सूप, कुकीज़ और अन्य बेकरी आइटम बनाने के लिए किया जा सकता है। इसके रंग और पोषक तत्व इसे अन्य आलुओं से खास बनाते हैं, जिससे यह व्यंजनों में भी एक अलग पहचान बनाएगा।
प्रधानमंत्री द्वारा 61 फसलों की 109 किस्मों का विमोचन
प्रधानमंत्री द्वारा 61 फसलों की 109 नई किस्मों का विमोचन किया गया, जिनमें 34 फील्ड फसलें और 27 बागवानी फसलें शामिल हैं। फील्ड फसलों में मोटे अनाज, चारा फसलें, तिलहन, दलहन, गन्ना, कपास, रेशा और अन्य फसलों सहित विभिन्न अनाजों के बीज जारी किए गए। वहीं, बागवानी फसलों में फलों, सब्जियों, रोपण फसलों, कंद फसलों, मसालों, फूलों और औषधीय फसलों की विभिन्न किस्में शामिल हैं।