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सरसों और सोयाबीन के मंडी भाव में सुस्ती, जानिए आगे क्या होगा

Mandi bhav News: सरसों और सोयाबीन के बाजार में गिरावट के कारण और भविष्य की संभावनाओं पर एक विश्लेषण। जानिए कि किसानों के लिए क्या रणनीति होनी चाहिए और आने वाले दिनों में फसलों के भाव कैसे रह सकते हैं।

Mandi bhav News – सरसों और सोयाबीन के बाजार में पिछले कुछ दिनों से तेजी के बाद अब मंदी का माहौल बनता दिखाई दे रहा है। किसानों के लिए यह जानना जरूरी है कि मौजूदा स्थिति में फसलों के भाव किस दिशा में जा सकते हैं और उन्हें अपने उत्पादन को किस समय और किस कीमत पर बेचना चाहिए। आइए, आज के बाजार विश्लेषण में जानते हैं कि सरसों और सोयाबीन के भाव कैसे प्रभावित हो रहे हैं और आने वाले दिनों में क्या उम्मीद की जा सकती है।

सरसों के बाजार में गिरावट

सरसों के भाव में सोमवार को गिरावट दर्ज की गई, जिसके प्रमुख कारणों में सरसों की बढ़ती आवक और विदेशी बाजारों में कमजोरी रहे। जयपुर और भरतपुर की मंडियों में सरसों का भाव 25 से 50 रुपये तक कम हुआ। जयपुर में कंडीशन 42% सरसों का अंतिम भाव 6425 रुपये प्रति क्विंटल रहा, जबकि भरतपुर में यह 5960 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। दिल्ली लारेंस रोड पर सरसों का भाव 6200 रुपये प्रति क्विंटल तक आ गया।

बढ़ती आवक से बाजार पर दबाव

सोमवार को सरसों की आवक में 25 हजार बोरी की बढ़ोतरी हुई और कुल आवक 3 लाख 75 हजार बोरी हो गई। बढ़ती आवक के कारण सरसों के भाव पर दबाव आना स्वाभाविक था, जिससे बाजार कमजोर रहे। प्लांट्स ने भी सरसों के भाव में कटौती की, जैसे कि सलोनी प्लांट पर भाव 6950 रुपये से घटकर 6875 रुपये हो गया।

विदेशी बाजारों की कमजोरी

मलेशियाई और चीनी बाजारों में खाद्य तेलों के भाव में गिरावट दर्ज की गई। मलेशियाई क्रूड पाम तेल (CPO) वायदा में 1.11% की गिरावट के बाद भाव 3933 रिंगिट प्रति टन रहे। इसी तरह चीन के डालियान बाजार में सोया तेल वायदा में 1.24% और पाम तेल वायदा में 1.76% की गिरावट देखी गई।

सोयाबीन की स्थिति

सोयाबीन के बाजार में हालांकि कोई खास कमजोरी नहीं दिखी, लेकिन सोयाबीन की आवक बहुत कम हो गई है। सोयाबीन किसानों ने सरकार पर दबाव बनाया है कि रेट 6000 रुपये तक बढ़ाया जाए। कम आवक के कारण सोयाबीन का भाव 4950 रुपये के स्तर को पार कर गया है।

क्या सरसों की तेजी पर ब्रेक लग गया है?

कई कारणों से सरसों और सोयाबीन के बाजार में तेजी पर ब्रेक लगा है। इनमें मलेशियाई बाजार की कमजोरी, बढ़ी हुई आवक और मुनाफावसूली शामिल हैं। हालांकि, सरसों के भाव में कोई बड़ी गिरावट नहीं आई है, और जयपुर में भाव अभी भी 6400 रुपये के ऊपर हैं। यदि आवक स्थिर रहती है, तो आने वाले दिनों में सरसों के भाव में फिर से तेजी देखने को मिल सकती है।

किसानों के लिए सलाह

किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपने उत्पादन को बाजार में सही समय पर बेचें। यदि वे दिवाली तक इंतजार कर सकते हैं, तो सरसों के भाव में 6700-7000 रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है। लेकिन ध्यान रखें कि जयपुर में कंडीशन 42% सरसों का रेट 6250 रुपये के नीचे नहीं जाना चाहिए।

AMIT KUMAR

नमस्कार! तेजी से बढ़ते और बदलते डिजिटल युग में उमंग हरियाणा पर कंटेंट राइटर का काम कर रहा हूँ। ताज़ा हिंदी ख़बरों और ट्रेंडिंग न्यूज़ से आपको अपडेट रखना मेरा काम है।

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