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Sarso ka bhav 26 August 2024 : सरसों का ताजा भाव 26 अगस्त 2024, जानिये आज का ताजा भाव

Sarso ka bhav 26 August 2024- देशभर में सरसों के भाव में मामूली बढ़ोतरी, लेकिन किसानों को अभी भी नहीं मिल रहा है उचित दाम

Sarso ka bhav 26 August 2024: भारत में खाद्य तेलों की बड़ी खपत के बावजूद, किसानों को सरसों का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। करीब 65 प्रतिशत खाने का तेल भारत में दूसरे देशों से मंगाया जाता है, और बावजूद इसके, देश के किसान अपनी सरसों की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम भाव पर बेचने को मजबूर हैं। इससे यह सवाल उठता है कि किसान तिलहन की खेती को क्यों और कैसे बढ़ाएंगे?

किसानों को क्यों नहीं मिल रहा उचित दाम?

हर साल भारत करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये का खाद्य तेल आयात करता है, लेकिन किसानों को उनकी सरसों की फसल के लिए सही दाम नहीं मिल पा रहा है। देश के 80 प्रतिशत से अधिक किसानों ने अपनी फसल बेच दी है, और अब जाकर सरसों के भाव में थोड़ी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। पिछले आठ दिनों में सरसों के भाव में लगातार इजाफा हो रहा है। यह वृद्धि मुख्य रूप से सरसों के तेल की बढ़ती मांग और अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेल की कीमतों में वृद्धि के कारण हो रही है।

देशभर में आज का सरसों का भाव

देशभर की मंडियों में आज का सरसों का भाव इस प्रकार रहा:

राज्यमंडीन्यूनतम भाव (₹/क्विंटल)अधिकतम भाव (₹/क्विंटल)
राजस्थानकोटा मंडी5,5605,560
राजस्थानबस्सी5,6425,642
राजस्थानजयपुर5,5985,598
राजस्थानश्रीगंगानगर5,4455,445
राजस्थानमेड़ता शहर5,5005,500
राजस्थानचिड़ावा मंडी5,3205,320
राजस्थानजोधपुर मंडी5,6855,685
हरियाणासिरसा मंडी5,3905,390
हरियाणाहिसार मंडी5,4105,410
हरियाणाआदमपुर मंडी5,3625,362
हरियाणाऐलनाबाद मंडी5,1005,100
उत्तर प्रदेशमैनपुरी5,6125,612
उत्तर प्रदेशमौदाहा5,3605,360
उत्तर प्रदेशइटावा5,4805,480
उत्तर प्रदेशमेरठ मंडी5,4305,430
उत्तर प्रदेशबरेली मंडी5,5635,563
मध्य प्रदेशकाला कैलारस5,6105,610
मध्य प्रदेशबैतूल मंडी5,8005,800
मुंबईमुंबई मंडी6,2106,210
बिहारचंपारण5,3925,392
बिहारकिश्नगंज5,6105,610

सरसों के भाव में इजाफे के कारण

सरसों के भाव में हालिया वृद्धि का मुख्य कारण सरसों तेल की बढ़ती डिमांड है। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेल के रेट में वृद्धि भी एक महत्वपूर्ण कारण है। हालांकि, किसानों के लिए यह पर्याप्त नहीं है, क्योंकि उन्हें अभी भी अपनी फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम भाव मिल रहा है। सरकार को इस समस्या का समाधान निकालने की आवश्यकता है ताकि किसान अपनी फसल के सही मूल्य पर बेच सकें और तिलहन की खेती को बढ़ावा मिल सके।

Sandeep Kumar

नमस्कार! उमंग हरियाणा पर फ़िलहाल कंटेंट राइटर का काम कर रहा हूँ। आपको हरियाणा की ताज़ा हिंदी ख़बरों और देश-विदेश की ट्रेंडिंग न्यूज़ से आपको अपडेट रखना मेरा काम है।

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