गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने जगमालवाली पहुंचकर बीरेंद्र सिंह को दिया हुक्म; बोल दी ये बड़ी बात
Gurinder Singh Dhillon: डेरा जगमालवाली में संत गुरिंदर सिंह ढिल्लों पहुंचे और वकील साहब के निधन पर श्रद्धांजलि दी। जानिए कैसे उन्होंने महाराज बीरेंद्र सिंह ढिल्लों को नई जिम्मेदारियां सौंपने का हुक्म दिया और संगत से प्रेम और सेवा का संदेश दिया।
Gurinder Singh Dhillon, Radha Swami Satsang Beas: डेरा जगमालवाली में बुधवार को एक भावुक माहौल देखा गया जब राधा स्वामी ब्यास के संत गुरिंदर सिंह ढिल्लों और डेरा ब्यास के नए उत्तराधिकारी जसदीप सिंह गिल (वकील साहब) के निधन के बाद संत ढिल्लों आश्रम पहुंचे। उनका उद्देश्य वकील साहब को श्रद्धांजलि देना और डेरा जगमालवाली के नए उत्तराधिकारी महाराज बीरेंद्र सिंह ढिल्लों को उनकी जिम्मेदारियां सौंपना था।
हेलीकॉप्टर से डेरा जगमालवाली पहुंचे संत गुरिंदर सिंह ढिल्लों
सुबह के समय संत गुरिंदर सिंह ढिल्लों हेलीकॉप्टर से डेरा जगमालवाली पहुंचे। उनका स्वागत डेरा जगमालवाली के महाराज बीरेंद्र सिंह ढिल्लों ने किया। संत गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने डेरा के अंदर उपस्थित संगत को संबोधित करते हुए कहा कि महाराज वकील साहब ने बीरेंद्र सिंह ढिल्लों को विशेष जिम्मेदारियां सौंपी हैं और अब उनके लिए आवश्यक है कि वे इन जिम्मेदारियों को निभाते हुए डेरे की सेवा करें।
पगड़ी पहनाकर दी नई जिम्मेदारी
संत गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने डेरा जगमालवाली के महाराज बीरेंद्र सिंह ढिल्लों को पगड़ी पहनाकर हुक्म दिया कि वकील साहब द्वारा सौंपी गई जिम्मेदारियों को निभाना शुरू करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि नामदान और सत्संग की महत्वपूर्ण सेवाओं को तुरंत शुरू किया जाए, जिससे संगत को आध्यात्मिक मार्गदर्शन मिल सके।
“सबसे प्यार करो, किसी से नफरत नहीं”: गुरिंदर सिंह ढिल्लों
संत गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने संगत को संदेश दिया कि सबसे प्यार करना और किसी से नफरत नहीं रखनी चाहिए। उन्होंने कहा, “जो लोग गुमराह हो चुके हैं या आपसे बिछड़ गए हैं, उन्हें भी प्यार से समझा कर अपने साथ जोड़ें। सभी अपने हैं और हमें सभी से प्रेम करना चाहिए।” उनका यह संदेश संगत के बीच उत्साह और प्रेम की भावना को पुनः जागृत करने का प्रयास था।
डेरे में दो घंटे की विशेष मुलाकात
संत गुरिंदर सिंह ढिल्लों और महाराज बीरेंद्र सिंह ढिल्लों के बीच डेरे में लगभग दो घंटे की गहन चर्चा हुई। इस दौरान उन्होंने वकील साहब द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने और भजन-सेवा, सिमरन को निरंतर जारी रखने की बात कही। इसके बाद, ब्यास के संत जसदीप सिंह गिल, संत गुरिंदर सिंह ढिल्लों, और महाराज बीरेंद्र सिंह ढिल्लों ने संगत के बीच जाकर दर्शन दिए, जिससे वहां उपस्थित संगत बेहद खुश नजर आई।
गद्दी को लेकर विवाद और तनाव
डेरा जगमालवाली में वकील साहब के स्वर्गवास के बाद उनके उत्तराधिकारी को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। महाराज बीरेंद्र सिंह ढिल्लों ने वसीयत के आधार पर उत्तराधिकारी होने का दावा किया, जबकि अन्य धड़े ने इसे मानने से इंकार कर दिया। वकील साहब के दफनाने से पहले यह विवाद हिंसक रूप ले चुका था, जिसमें हवाई फायरिंग तक की नौबत आ गई थी।
पुलिस ने तत्परता से काम करते हुए बीरेंद्र सिंह ढिल्लों को सुरक्षित घटनास्थल से बाहर निकाला था। इसके बाद अंतिम अरदास के दिन भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी ताकि किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके।