कहीं आप भी तो खेतों में नहीं डाल रहे नकली DAP! ऐसे करें असली और नकली की पहचान
Identification of real and fake DAP: उर्वरक कृषि में फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। इनमें पौधों के विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्व होते हैं, जैसे नाइट्रोजन, पोटैशियम, और फॉस्फोरस। इनका सही इस्तेमाल मिट्टी की उर्वरता और फसल की गुणवत्ता को सुधारता है।
एक प्रमुख उर्वरक DAP (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) है, जो नाइट्रोजन और फॉस्फोरस का संयोजन प्रदान करता है। यह उर्वरक पत्तियों और जड़ों की वृद्धि के साथ-साथ फूलों और फलों के विकास में भी मदद करता है। यह मिट्टी में फॉस्फोरस की मात्रा को बढ़ाता है, जिससे मिट्टी अधिक उपजाऊ बनती है। लेकिन जरूरी है कि किसान डीएपी खरीदते समय कुछ जरूरी चीजों का ध्यान रखें ताकि वह नकली उर्वरक से बच सके।
डीएपी के फायदे:
- पौधों की वृद्धि में सुधार: डीएपी पौधों को आवश्यक नाइट्रोजन और फॉस्फोरस देता है, जिससे उनकी जड़ें मजबूत होती हैं और स्वस्थ वृद्धि होती है।
- मिट्टी की गुणवत्ता: यह मिट्टी में फॉस्फोरस की मात्रा को बढ़ाता है, जिससे फसलें अधिक उपजाऊ बनती हैं।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता: यह फसलों को रोगों से लड़ने की क्षमता देता है, जिससे वे बेहतर तरीके से बढ़ती हैं।
- उपज में वृद्धि: डीएपी के सही इस्तेमाल से फसलों की उपज में महत्वपूर्ण वृद्धि होती है, जिससे किसान की आय भी बढ़ती है।
डीएपी खरीदते समय ध्यान रखने योग्य बातें:
- कोई भी उर्वरक खरीदते समय पीओएस मशीन से अंगूठा लगाकर रसीद प्राप्त करें।
- यह सुनिश्चित करें कि आप पंजीकृत और प्रमाणित दुकानों से ही उर्वरक खरीद रहे हैं।
- पीओएस मशीन से खरीदे गए उर्वरक की पूरी जानकारी विभाग के पास होती है, जिससे मिलावट की स्थिति में आसानी से जांच की जा सकती है।
- अगर नकली उर्वरक बेचा गया हो, तो किसान विभाग में शिकायत कर सकते हैं, और उचित कार्रवाई की जाएगी।
असली डीएपी की कैसे करें पहचान?
किसानों को भी खेती करते हुए अनुभव हो जाता है कि उनको दिया जाने वाला उर्वरक की क्वालिटी क्या है। लेकिन फिर भी अगर किसान उर्वरक की पहचान नहीं कर पा रहे हैं तो ध्यान रखें कि-
⦁ डीएपी सख्त दानेदार होता है।
⦁ इसका रंग भूरा, काला और बदामी हो सकता है।
⦁ डीएपी को नाखूनों से आसानी से नहीं तोड़ा जा सकता।
⦁ डीएपी के कुछ दानों को हाथ में लेकर तंबाकू की तरह उसमें थोड़ा सा चूना मिलाकर अच्छे से मसल दें, जिससे तीक्ष्ण गंध निकलेगी, जिसे सूंघना आसान नहीं होता।
⦁ डीएपी के दानों को तवे की धीमी आंच पर गर्म करने पर दाने फूल जाते हैं। अगर यह सभी लक्षण पाए जाते हैं तो डीएपी में किसी तरह की मिलावट नहीं है।