School Closed: भारी बारिश का अलर्ट, 12वीं तक के सभी स्कूलों में छुट्टी घोषित; देखिये आदेश
School Closed News: उत्तर प्रदेश के आगरा मंडल में भारी बारिश से स्कूलों में छुट्टी की घोषणा, कई जगह जलभराव के कारण परीक्षाओं का आयोजन पेड़ के नीचे किया गया। जानें पूरी खबर।
School Closed News: उत्तर प्रदेश के आगरा मंडल में लगातार हो रही भारी बारिश से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। बच्चों की सुरक्षा और सेहत को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने गुरुवार को स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया है। आगरा, मैनपुरी, और फिरोजाबाद जिलों में इस बाबत आधिकारिक आदेश जारी किए गए हैं। इससे पहले एटा और कासगंज जिलों में भी स्कूल बंद रखने के निर्देश दिए गए थे।
बारिश का असर: स्कूलों में अवकाश और परीक्षाएं प्रभावित
बारिश के कारण न केवल जनजीवन बाधित हुआ है, बल्कि स्कूलों में भी जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। आगरा में जिलाधिकारी और मैनपुरी में जिला विद्यालय निरीक्षक ने आदेश जारी कर गुरुवार को अवकाश घोषित कर दिया है। इससे पहले से ही परीक्षाओं में 50% से भी कम बच्चे उपस्थित हुए थे।
आगरा के बेसिक शिक्षा अधिकारी जितेंद्र गोंड ने जर्जर स्कूलों में पढ़ाई बंद करने के आदेश दिए हैं। कई स्कूलों में भारी बारिश के कारण सत्र परीक्षाएं रद्द करने की मांग उठी है, लेकिन प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि परीक्षाएं रद्द नहीं की जाएंगी।
सत्र परीक्षाएं: जलभराव के बीच भी परीक्षा जारी
बुधवार रात से हो रही बारिश ने शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक के स्कूलों को प्रभावित किया है। 18 सितंबर से शुरू हुई सत्र परीक्षा के पहले दिन मात्र 50% बच्चे ही परीक्षा में उपस्थित हो पाए। कई स्कूलों में जलभराव की वजह से सत्र परीक्षा पेड़ के नीचे कराई गई।
कक्षा 1 से 5 के बच्चों की मौखिक परीक्षा आयोजित की गई, जबकि कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों की बेसिक क्राफ्ट, खेल और स्काउटिंग की परीक्षाएं हुईं।
यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन के महामंत्री राजीव वर्मा ने बताया कि कई स्कूलों में पानी भर गया है, जिससे शिक्षकों और बच्चों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कुकंडई विकास खंड खेरागढ़ के प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक जगमोहन सिंह ने बताया कि स्कूल में जलभराव के चलते बच्चों की परीक्षा पेड़ के नीचे कराई गई।
प्रशासन का रुख: सत्र परीक्षाएं नहीं होंगी रद्द
बेसिक शिक्षा अधिकारी आगरा, जितेंद्र गोंड ने स्पष्ट किया है कि जर्जर स्कूलों में पढ़ाई नहीं कराई जाएगी, लेकिन सत्र परीक्षाएं रद्द नहीं होंगी। इसके लिए पहले से ही निर्देश जारी किए जा चुके हैं कि बच्चों को सुरक्षित स्थान पर ही पढ़ाया जाए।