किसानों के लिए 2 बड़े फैसले, पीएम आशा योजना और फर्टिलाइजर सब्सिडी को मिली मंजूरी
PM Asha Yojana: कैबिनेट ने पीएम आशा योजना को जारी रखने और रबी सीजन 2024 के लिए फर्टिलाइजर सब्सिडी दरों को मंजूरी दी है। जानें कैसे इन फैसलों से किसानों को मिलेगा लाभ और उपज की लागत घटेगी।
किसानों की आय बढ़ाने और उपज लागत घटाने के लिए कैबिनेट ने दी दो अहम फैसलों को मंजूरी, जानें कैसे मिलेगा फायदा
प्रधानमंत्री अन्नदाता संरक्षण अभियान (पीएम आशा) को मिली मंजूरी
बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में किसानों की भलाई के लिए दो महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। कैबिनेट ने प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम आशा) को जारी रखने की मंजूरी दी है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाना और उपभोक्ताओं के लिए जरूरी वस्तुओं की कीमतों में स्थिरता लाना है।
पीएम आशा योजना: किसानों के लिए वरदान PM Asha Yojana
प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान यानी पीएम आशा योजना, किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने में मदद करती है। कैबिनेट ने इस योजना को 2025-26 तक बढ़ाने के लिए 35,000 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है। इस फैसले से किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिलेगा, साथ ही उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित किया जा सकेगा।
कैबिनेट के अनुसार, इस योजना को प्राइस सपोर्ट स्कीम और प्राइस स्टेबलाइजेशन फंड के साथ जोड़ा जाएगा, जिससे किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को एक स्थिर और लाभकारी बाजार का फायदा मिल सकेगा। इस पहल से न केवल किसानों की आय में सुधार होगा, बल्कि देश के कृषि क्षेत्र में स्थिरता भी आएगी।
योजना | विवरण |
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योजना का नाम | प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM Asha) |
बजट | ₹35,000 करोड़ (2025-26 तक) |
अन्य योजनाओं से समायोजन | प्राइस सपोर्ट स्कीम और प्राइस स्टेबलाइजेशन फंड |
लाभ | किसानों की आय में वृद्धि और उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों में स्थिरता |
रबी सीजन के लिए पीएंडके फर्टिलाइजर पर न्यूट्रिएंट बेस्ड सब्सिडी (NBS) दरें तय
कैबिनेट ने किसानों की फर्टिलाइजर लागत को कम करने के लिए रबी सीजन 2024 के लिए फॉस्फेटिक और पोटाशिक फर्टिलाइजर (Phosphatic and Potassic Fertilizers) पर न्यूट्रिएंट बेस्ड सब्सिडी (NBS) दरों को भी मंजूरी दे दी है। ये सब्सिडी दरें 1 अक्टूबर 2024 से 31 मार्च 2025 तक के लिए लागू होंगी।
इस योजना के तहत, किसानों को कम दरों पर फर्टिलाइजर उपलब्ध होगा, जिससे उनकी उत्पादन लागत में कमी आएगी और खेती को और अधिक लाभकारी बनाया जा सकेगा। रबी सीजन के लिए इस योजना का अनुमानित बजट 24,475.53 करोड़ रुपये तय किया गया है, जो किसानों के लिए उर्वरक की कीमतों को स्थिर रखने में मदद करेगा।
फर्टिलाइजर योजना | विवरण |
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फर्टिलाइजर प्रकार | फॉस्फेटिक और पोटाशिक (P&K) |
अवधि | 1 अक्टूबर 2024 से 31 मार्च 2025 तक |
बजट | ₹24,475.53 करोड़ |
लाभ | सस्ती दरों पर उर्वरक उपलब्ध, किसानों की लागत में कमी |
कैसे होगा फायदा?
सरकार के इन दोनों फैसलों से सीधे तौर पर किसानों को आर्थिक लाभ मिलेगा। जहां एक तरफ पीएम आशा योजना किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने में मदद करेगी, वहीं दूसरी तरफ फर्टिलाइजर सब्सिडी से उनकी उत्पादन लागत कम होगी।
फर्टिलाइजर की अंतरराष्ट्रीय कीमतों और लागत को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसानों को उर्वरक सस्ती दरों पर मिल सके। सब्सिडी सीधे उर्वरक कंपनियों को दी जाएगी ताकि वे किसानों को सस्ती कीमतों पर उर्वरक प्रदान कर सकें।
इन फैसलों से क्या होंगे प्रभाव?
इन दोनों योजनाओं के कार्यान्वयन से न केवल किसानों को आर्थिक सहायता मिलेगी, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा और कृषि उत्पादन में भी सुधार होगा। फसल उत्पादन की लागत घटने से किसानों की आय बढ़ेगी और वे अधिक उपज प्राप्त कर सकेंगे।
इसके अलावा, उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में स्थिरता आएगी, जिससे आम जनता को भी लाभ मिलेगा।