राजनीति

गोपाल कांडा को समर्थन से बदले सिरसा के राजनीतिक समीकरण, इनेलो-बसपा गठबंधन पर सवाल

हरियाणा विधानसभा चुनाव में सिरसा से बीजेपी उम्मीदवार का नामांकन वापसी और गोपाल कांडा को समर्थन ने राजनीतिक समीकरण बदल दिए हैं। इनेलो-बसपा गठबंधन पर पुनर्विचार की नौबत आ सकती है।

Haryana News Election 2024: हरियाणा में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सिरसा की राजनीति में हाल ही में बड़ा बदलाव देखने को मिला जब हलोपा (हरियाणा लोकहित पार्टी) के उम्मीदवार गोपाल कांडा को इनेलो (इंडियन नेशनल लोकदल) और बसपा (बहुजन समाज पार्टी) के गठबंधन का समर्थन मिला। इससे सिरसा के राजनीतिक समीकरण पूरी तरह से बदलते नजर आ रहे हैं।

हालांकि, इससे भी बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम तब सामने आया जब सिरसा से बीजेपी प्रत्याशी रोहताश जांगड़ा ने अपने नामांकन को वापस लेते हुए गोपाल कांडा को समर्थन देने का ऐलान कर दिया। इस फैसले ने सिरसा की राजनीति को और गरमा दिया है। अब इस पर इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला का बयान भी सामने आ चुका है, जो नए गठजोड़ पर पुनर्विचार की बात कर रहे हैं।

इनेलो-बसपा गठबंधन पर संकट?

अभय सिंह चौटाला ने गोपाल कांडा को बीजेपी के समर्थन के सवाल पर कहा, “अगर बीजेपी ने गोपाल कांडा का समर्थन किया है और कांडा ने इसे स्वीकार किया है, तो हमें इनेलो-बसपा और हलोपा गठबंधन पर दोबारा से विचार करना होगा।” चौटाला ने यह भी स्पष्ट किया कि वे इस मामले में स्वयं सारी जांच करेंगे और गोपाल कांडा से बात करके ही कोई निर्णय लेंगे।

चौटाला ने कहा कि यह स्थिति ऐसी है कि कोई कांग्रेसी भी बदनाम करने के लिए कह सकता है कि उसने अभय सिंह को समर्थन दे दिया, इसलिए वे पहले इस मामले की पूरी जांच करेंगे। अभय चौटाला ने निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ मिलकर गठबंधन को और मजबूत करने की भी बात कही। उन्होंने कहा, “बीजेपी और कांग्रेस से हटकर चुनाव लड़ने वाले निर्दलीय उम्मीदवारों को भी गठबंधन में शामिल कर गठबंधन को विस्तार दिया जाएगा।”

बीजेपी-कांग्रेस का विरोध और गठबंधन की रणनीति

अभय चौटाला ने आगे कहा कि कांग्रेस और बीजेपी का विरोध हो रहा है, जबकि इनेलो-बसपा गठबंधन को समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कुलदीप बिश्नोई के विरोध के सवाल पर कहा, “कांग्रेस और बीजेपी का विरोध हो रहा है, लेकिन स्वागत इनेलो-बसपा का ही हो रहा है।”

यह स्पष्ट है कि सिरसा की राजनीति में इन बदलते समीकरणों का चुनावी परिणामों पर बड़ा असर पड़ सकता है। गोपाल कांडा के साथ बीजेपी का जुड़ाव और इनेलो-बसपा गठबंधन के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह, यह सभी मुद्दे सिरसा की चुनावी लड़ाई को और जटिल बना रहे हैं।

राजनीतिक गठबंधनों का बदलता खेल

सिरसा की राजनीति में जिस तरह से बीजेपी और गोपाल कांडा के बीच नजदीकियां बढ़ रही हैं, वह इनेलो-बसपा गठबंधन के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। जहां कांडा को इनेलो और बसपा का समर्थन पहले से ही प्राप्त था, अब बीजेपी के समर्थन ने इसे और पेचीदा बना दिया है।

अभय चौटाला ने गठबंधन पर पुनर्विचार की बात कहकर राजनीतिक माहौल को और भी गर्म कर दिया है। आने वाले दिनों में गोपाल कांडा और इनेलो-बसपा के बीच क्या समीकरण बनते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा।

सिरसा की चुनावी गणित में कौन आगे?

सिरसा में जहां बीजेपी और गोपाल कांडा के बीच बढ़ता गठबंधन नई संभावनाएं पैदा कर रहा है, वहीं इनेलो-बसपा गठबंधन इस नई स्थिति में अपनी रणनीति पर फिर से विचार कर रहा है। निर्दलीय उम्मीदवारों को साथ लेकर गठबंधन को बड़ा करने की कोशिशें भी हो रही हैं, जिससे चुनावी समीकरणों में और बदलाव आ सकते हैं।

Sandeep Kumar

नमस्कार! उमंग हरियाणा पर फ़िलहाल कंटेंट राइटर का काम कर रहा हूँ। आपको हरियाणा की ताज़ा हिंदी ख़बरों और देश-विदेश की ट्रेंडिंग न्यूज़ से आपको अपडेट रखना मेरा काम है।

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