Breaking News: अरविंद केजरीवाल देंगे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा: आखिर क्यों चुना 17 सितंबर और मंगलवार का दिन?
Delhi CM Arvind Kejriwal Resignation: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में यह घोषणा की कि वह 17 सितंबर को अपने पद से इस्तीफा देंगे। यह ऐलान उन्होंने रविवार को कार्यकर्ताओं के सामने किया। केजरीवाल के इस फैसले ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है, और लोग इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि आखिरकार उन्होंने 17 सितंबर और मंगलवार का दिन ही क्यों चुना। अगर वह इस्तीफा देना चाहते थे, तो किसी भी दिन दे सकते थे।
लेकिन अरविंद केजरीवाल के लिए यह तारीख और दिन खास महत्व रखते हैं। आइए जानते हैं, इस फैसले के पीछे की खास वजह।
कनॉट प्लेस के हनुमान मंदिर से जुड़ाव
केजरीवाल का दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर से गहरा जुड़ाव रहा है। जब भी उन्होंने राजनीतिक जीवन में कोई बड़ा कदम उठाया है, वे अक्सर इस मंदिर में आशीर्वाद लेने आए हैं। 2013 में जब उन्होंने पहली बार दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ा था, तब भी उन्होंने इस मंदिर में मन्नत मांगी थी।
2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों से पहले भी केजरीवाल ने इसी मंदिर में दर्शन किए और उसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी को भारी बहुमत से सत्ता में पहुंचाया। इससे यह साफ होता है कि संकटमोचन हनुमान से उनका खास संबंध है और बड़े फैसलों से पहले यहां आशीर्वाद लेना उनकी परंपरा का हिस्सा बन चुका है।
राजनीतिक सफर और हनुमान मंदिर
केजरीवाल का राजनीतिक सफर भी इस मंदिर के आसपास से ही शुरू हुआ। जब उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन के बाद राजनीति में प्रवेश किया, तो उनके पास कोई कार्यालय नहीं था। उस समय एक स्थानीय व्यक्ति ने उन्हें अपना खाली घर दिया, जो कि इस मंदिर के पीछे ही स्थित था। यह कार्यालय आम आदमी पार्टी का पहला दफ्तर बना, और यहीं से उन्होंने दिल्ली की राजनीति में कदम रखा।
इसलिए यह कहा जा सकता है कि केजरीवाल के लिए यह मंदिर एक शुभ स्थान है, और इससे उनके राजनीतिक जीवन के कई महत्वपूर्ण पल जुड़े हैं।
मंगलवार का महत्व
मंगलवार को हनुमान जी का दिन माना जाता है। भारतीय परंपरा और आस्था में मंगलवार का दिन संकटमोचन हनुमान को समर्पित है। केजरीवाल के कई बड़े फैसलों से पहले इस दिन का विशेष महत्व रहा है। इसी कारण, उन्होंने 17 सितंबर, जो मंगलवार का दिन है, को अपने इस्तीफे की तारीख के रूप में चुना।
यह सिर्फ एक संयोग नहीं है, बल्कि केजरीवाल के धार्मिक और व्यक्तिगत विश्वासों का प्रतीक है कि वह अपने बड़े निर्णयों के समय हनुमान जी का आशीर्वाद लेना जरूरी समझते हैं।
2020 में विधानस चुनाव से पहले भी केजरीवाल ने लिया था आशीर्वाद
पिछली बार यानी 2020 जब दिल्ली में विधानसभा चुनाव हुए तो उससे पहले भी सीएम केजरीवाल सीपी के इस हनुमान मंदिर में दर्शन के लिए आए। इसके बाद जब उनकी चुनाव परिणाम आए तो उनकी पार्टी ने बहुमत के साथ एक बार फिर सत्ता में वापसी की।