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Aaj Ka Panchang 16 September 2024: जानें विश्वकर्मा जयंती और कन्या संक्रांति के दिन के शुभ मुहूर्त, योग, नक्षत्र और राहुकाल

Aaj Ka Panchang 16 September 2024: 16 सितंबर 2024 का पंचांग: जानें आज का शुभ मुहूर्त, योग, नक्षत्र और राहुकाल का समय। विश्वकर्मा जयंती और कन्या संक्रांति के दिन शुभ कार्यों की योजना के लिए विशेष दिशानिर्देश।

Aaj Ka Panchang 16 September 2024: 16 सितंबर 2024 का दिन कई महत्वपूर्ण त्योहारों और धार्मिक घटनाओं से भरा हुआ है। विश्वकर्मा जयंती और कन्या संक्रांति के पावन अवसर पर यह दिन खास माना जा रहा है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, आज भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है, जो दोपहर 03:10 बजे तक रहेगी। इसके बाद चतुर्दशी तिथि का आरंभ होगा। इस खास दिन पर शुभ मुहूर्त, योग, नक्षत्र और राहुकाल का समय जानना बेहद आवश्यक है ताकि आपके कार्य शुभ और सफल हों।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय – 16 सितंबर 2024

आज 16 सितंबर को सूर्योदय और सूर्यास्त के समय का विशेष महत्व है। यह समय पंचांग में महत्वपूर्ण स्थान रखता है, क्योंकि यह तिथि, योग, और मुहूर्त को प्रभावित करता है।

घटनासमय
सूर्योदयसुबह 6:17 बजे
सूर्यास्तशाम 6:25 बजे
चन्द्रोदयशाम 5:26 बजे
चन्द्रास्त17 सितंबर सुबह 5:07 बजे

शुभ योग और नक्षत्र – 16 सितंबर 2024

आज के दिन विभिन्न शुभ योग और नक्षत्र भी बन रहे हैं जो आपके कार्यों में सफलता और समृद्धि प्रदान कर सकते हैं।

योगसमय
सुकर्मा योग15 सितंबर दोपहर 03:13 से 16 सितंबर सुबह 11:41 तक
धृति योग16 सितंबर सुबह 11:41 से 17 सितंबर सुबह 07:48 तक
धनिष्ठा नक्षत्र15 सितंबर शाम 06:49 से 16 सितंबर दोपहर 04:33 तक
शतभिषा नक्षत्र16 सितंबर शाम 04:33 से 17 सितंबर दोपहर 01:53 तक

इन योगों और नक्षत्रों का लाभ उठाकर आप अपने कार्यों को बेहतर ढंग से संचालित कर सकते हैं। विशेष रूप से धृति योग और शतभिषा नक्षत्र को शुभ माना जाता है, जो आपके लिए सकारात्मक परिणाम ला सकते हैं।

शुभ और अशुभ काल – 16 सितंबर 2024

आज के दिन के शुभ और अशुभ मुहूर्त का ध्यान रखना बेहद जरूरी है ताकि आप किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को करने से पहले उचित समय का चयन कर सकें।

मुहूर्तसमय
अभिजीत मुहूर्तसुबह 11:57 से दोपहर 12:45 तक
अमृत कालसुबह 07:07 से सुबह 08:34 बजे तक
ब्रह्म मुहूर्तसुबह 04:41 से सुबह 05:29 बजे तक
राहु कालसुबह 7:48 से सुबह 9:19 बजे तक

राहु काल को अशुभ माना जाता है, इसलिए इस समय के दौरान किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को टालने की सलाह दी जाती है। वहीं, अभिजीत मुहूर्त और अमृत काल को अत्यधिक शुभ माना जाता है, जिनमें आप अपने सभी महत्वपूर्ण कार्यों को बिना किसी संकोच के कर सकते हैं।

विश्वकर्मा जयंती और कन्या संक्रांति का महत्व

आज का दिन विश्वकर्मा जयंती और कन्या संक्रांति के रूप में मनाया जा रहा है। विश्वकर्मा जयंती का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन को निर्माण और सृजन के देवता भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है। विशेष रूप से औद्योगिक और निर्माण कार्यों में लगे लोग इस दिन भगवान विश्वकर्मा से अपने कार्यों में उन्नति और सफलता की कामना करते हैं।

वहीं, कन्या संक्रांति के दिन सूर्य सिंह राशि से कन्या राशि में प्रवेश करता है, जिससे यह दिन ज्योतिषीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हो जाता है। इस संक्रांति पर पूजा-पाठ और दान करने का विशेष महत्व होता है।

पंचांग से जुड़े उपयोगी सुझाव

आज के दिन आप अपने कार्यों की योजना बनाते समय पंचांग में दिए गए शुभ मुहूर्त, योग और नक्षत्रों का विशेष ध्यान रखें। अगर आप किसी नए कार्य की शुरुआत कर रहे हैं, तो अभिजीत मुहूर्त और अमृत काल का ध्यान रखना आवश्यक है, ताकि आपका कार्य सफल और लाभकारी हो।

Bharat Singh

मेरा नाम भारत सिंह है और उमंग हरियाणा पर फिलहाल ज्योतिष जगत से जुड़े आर्टिकल लिखता हूँ। मेरा काम आपको दैनिक राशिफल, पंचांग, ज्योतिष टिप्स, वास्तु शास्त्र, विशेष पूजा अर्चना, वार-त्यौहार, कुंडली आदि के बारे में अपडेट रखना है।

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