मुम्बई की चमक-धमक से लेकर हत्या के आरोप तक: सिमरन सूद की कहानी
Mumbai Ludhiana Model Simran Sood Story: सिमरन सूद की कहानी बॉलीवुड की चमक-धमक से लेकर हत्या और धोखाधड़ी के मामले तक का सफर है। जानिए कैसे एक खूबसूरत मॉडल ने अपने सपनों को हकीकत बनाने के लिए हत्या की घटनाओं को अंजाम दिया।
simran sood: मुम्बई की फिल्मी दुनिया के चमक-धमक भरे जीवन से जुड़ी सिमरन सूद की कहानी एक सनसनीखेज थ्रिलर की तरह है। मॉडलिंग की दुनिया में कदम रखने वाली सिमरन सूद की ज़िंदगी में जिस तरह के ट्विस्ट और टर्न्स आए, वे किसी भी बॉलीवुड ड्रामे से कम नहीं हैं। हालांकि, यह कहानी सिर्फ फिल्मी ग्लैमर और सपनों की नहीं, बल्कि हत्या और धोखाधड़ी की भी है।
सपनों की दुनिया से क्राइम की दुनिया तक
सिमरन सूद, जिनका असली नाम सीमा सुरेन्द्रनाथ दूसांज था, ने मुम्बई में एक शानदार करियर की शुरुआत की थी। मॉडलिंग से लेकर बॉलीवुड की पेज-3 पार्टियों में छाने वाली सिमरन की ज़िंदगी लग्जरी और ग्लैमर से भरी हुई थी। लेकिन, उनके दिमाग में एक खतरनाक प्लान भी चल रहा था।
हत्या और धोखाधड़ी का गहरा जाल
सिमरन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी खूबसूरती और चकाचौंध का इस्तेमाल अमीरों को शिकार बनाने के लिए किया। आरोप है कि सिमरन सूद ने न केवल लूटपाट की, बल्कि कई हत्याओं में भी शामिल रही। इन हत्याओं में बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता अनुज कुमार टिक्कू के पिता का कत्ल भी शामिल है।
ओशिवारा की हत्या और संयोग
7 अप्रैल 2012 को ओशिवारा के एक हाईराइज बिल्डिंग के पार्किंग एरिया में एक बुजुर्ग की हत्या का मामला सामने आया। अरुण कुमार टिक्कू, 67 वर्षीय कारोबारी, की हत्या की गई थी। जांच के दौरान पता चला कि इस हत्या में सिमरन सूद और उनके साथी विजय पलांडे शामिल थे।
करण कक्कड़ और अनूप दास की हत्या
सिमरन सूद की हनीट्रैप स्कीम का शिकार मूवी प्रोड्यूसर करण कक्कड़ भी हुए। 5 अप्रैल 2012 को करण कक्कड़ लापता हुए थे। पूछताछ में पता चला कि सिमरन और विजय ने उन्हें एक फ्लैट में बंदी बनाकर उनका गला काट दिया। इसी तरह, एअर इंडिया के इंजीनियर अनूप दास और उनके पिता की हत्या भी सिमरन और विजय ने की थी।
विजय पलांडे का भागना और सिमरन का करियर
विजय पलांडे ने 1998 में दोहरे हत्याकांड के आरोप में जेल की सजा काटी। हालांकि, वह पैरोल पर बाहर आया और बैंकॉक भाग गया। वहीं, सिमरन सूद ने अपने करियर को जारी रखा और 2003 में बॉलीवुड फिल्म “अनोखा अनुभव” में काम किया। लेकिन, 2006 में विजय पलांडे की वापसी के बाद उन्होंने एक बार फिर हत्या की घटनाओं को अंजाम दिया।
जेल की सलाखों के पीछे
साल 2012 में सिमरन सूद और विजय पलांडे को कई हत्याओं के आरोप में जेल भेजा गया। दोनों ने जमानत के लिए कई बार याचिका दायर की, लेकिन उन्हें कभी जमानत नहीं मिली।
स्रोत और संदर्भ