त्योहारी सीजन से पहले महंगाई का झटका, सरसों तेल और लहसुन के दामों में तेजी
Sarso Tel Bhav 15 September 2024: त्योहारी सीजन से पहले सरसों तेल और लहसुन की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिल रहा है। जानिए कैसे बढ़ती महंगाई का असर आपके घर के बजट पर पड़ेगा।
Sarso oil price hike: त्योहारी सीजन से पहले रसोई का बजट पूरी तरह बिगड़ने लगा है। सरसों तेल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है, जिससे आम लोगों की जेब पर बड़ा असर पड़ने वाला है। पिछले 15 दिनों में सरसों तेल की कीमतों में 12 रुपये प्रति लीटर का उछाल आया है। इसके अलावा, लहसुन की कीमतें भी लगातार बढ़ रही हैं, जो घर के बजट पर और अधिक बोझ डाल रही हैं। दुर्गा पूजा, दीपावली और छठ पूजा जैसे बड़े त्योहारों के नजदीक आते ही यह महंगाई घरों में चिंता का विषय बन रही है।
सरसों तेल की कीमतों में भारी उछाल
पिछले कुछ हफ्तों में सरसों तेल की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। पहले जहां अप्रैल और मई में सरसों तेल की कीमत 115 से 122 रुपये प्रति लीटर के बीच स्थिर थी, वहीं अब यह तेजी से बढ़ते हुए 130 रुपये प्रति लीटर से ऊपर जा रही है। अगस्त के अंत तक तेल की कीमत 118 से 130 रुपये प्रति लीटर थी, लेकिन त्योहारों के करीब आते ही इसमें और बढ़ोतरी की संभावना है।
व्यापारियों के अनुसार, सरसों की फसल इस बार कमजोर रही है। बिहार, यूपी, हरियाणा और राजस्थान में फसल का उत्पादन घटा है, जिसके कारण बाजार में तेल की उपलब्धता कम हो गई है। इसका सीधा असर कीमतों पर पड़ा है। जैसे-जैसे त्योहारों के दौरान सरसों तेल की मांग बढ़ रही है, वैसे ही इसके दाम भी आसमान छूने लगे हैं।
फसल और मौसम का असर
इस बार खेती को मौसम का साथ न मिलने के कारण सरसों की फसल में कमी आई है। कमजोर फसल और बढ़ती मांग ने कीमतों को ऊपर ले जाने का काम किया है। व्यापारियों का कहना है कि सरसों तेल की मांग तेजी से बढ़ रही है, लेकिन आपूर्ति उस गति से नहीं हो पा रही है, जिससे कीमतों में उछाल आ रहा है।
सरसों तेल के मौजूदा और पिछले दामों की तुलना:
अवधि | सरसों तेल की कीमत (रुपये/लीटर) |
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अप्रैल 2024 | 115-122 |
अगस्त 2024 | 118-130 |
वर्तमान (सितंबर 2024) | 130+ |
लहसुन के दाम भी छू रहे हैं आसमान
लहसुन की कीमतों में भी भारी वृद्धि देखने को मिल रही है। पिछले 20 दिनों में लहसुन की कीमत में 50 रुपये प्रति किलोग्राम की वृद्धि हुई है। अगस्त में लहसुन की कीमत 200-250 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो अब 300 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है।
व्यापारियों के अनुसार, इस बार लहसुन की फसल कमजोर रही है। खासतौर से बिहार और कानपुर से होने वाली लहसुन की आवक में कमी आई है, जिसके कारण इसकी कीमतों में तेजी देखी जा रही है। लहसुन की कीमत में यह बढ़ोतरी त्योहारी सीजन में घरों के बजट पर भारी पड़ सकती है।
लहसुन के मौजूदा और पिछले दामों की तुलना:
अवधि | लहसुन की कीमत (रुपये/किलो) |
---|---|
अगस्त 2024 | 200-250 |
वर्तमान (सितंबर 2024) | 300 |
त्योहारों पर पड़ सकता है महंगाई का असर
दुर्गा पूजा, दीपावली और छठ पूजा जैसे बड़े त्योहारों के दौरान सरसों तेल और लहसुन की मांग बढ़ जाती है। पकवान बनाने और पूजा के लिए इनका इस्तेमाल प्रमुख रूप से किया जाता है। ऐसे में बढ़ी हुई कीमतें आम आदमी के बजट को हिला सकती हैं। व्यापारियों का मानना है कि यदि फसल की आवक में सुधार नहीं होता है, तो कीमतों में और बढ़ोतरी की संभावना है।
आगे क्या?
सरसों तेल और लहसुन की बढ़ती कीमतों के बीच आम लोग विकल्प तलाशने लगे हैं। कई लोग बाजार में अन्य तेलों की ओर रुख कर सकते हैं, लेकिन सरसों तेल का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व होने के कारण इसकी मांग बरकरार रहेगी। दूसरी ओर, लहसुन की बढ़ती कीमतें भी लोगों को परेशानी में डाल सकती हैं।
आम जनता को इन महंगाई के दौर में सतर्क रहने और बजट के अनुसार खरीदारी करने की सलाह दी जा रही है। त्योहारी सीजन में आने वाले हफ्तों में महंगाई का असर और भी बढ़ सकता है।