Toll Tax Free: राजस्थान में टोल टैक्स फ्री! परिवहन मंत्रालय का बड़ा फैसला
GPS-Based Toll Collection System: भारत में टोल नाकों की विदाई! सड़क परिवहन मंत्रालय ने GPS आधारित टोल वसूली प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया। अब वाहन चालकों को जितनी दूरी तय करेंगे, उतना ही टोल चुकाना होगा। जानें इस नई प्रणाली के बारे में।
Jaipur News Desk: वाहन चालकों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है, क्योंकि जल्द ही टोल नाकों पर मनमानी वसूली से छुटकारा मिलने वाला है। सड़क परिवहन मंत्रालय ने मंगलवार को एक नई प्रणाली, ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS), के लिए नियमों में संशोधन की अधिसूचना जारी की है। इस नई प्रणाली के तहत, टोल वसूली के लिए ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) और ऑन-बोर्ड यूनिट (OBU) का इस्तेमाल किया जाएगा।
यह नई प्रणाली चरणबद्ध तरीके से राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेस-वे पर लागू की जाएगी, जिससे मौजूदा टोल नाकों की विदाई तय है। यह तकनीक न केवल टोल वसूली के तरीकों में बदलाव लाएगी, बल्कि वाहन चालकों को पारदर्शी और सटीक टोल भुगतान का अनुभव भी देगी।
क्या है नई टोल वसूली प्रणाली?
सड़क परिवहन मंत्रालय ने यह साफ कर दिया है कि नई GPS-आधारित प्रणाली से वाहन चालकों को जितनी दूरी का सफर तय करना होगा, उतनी ही राशि चुकानी पड़ेगी। मौजूदा फास्टैग व्यवस्था की तुलना में यह प्रणाली अधिक लाभकारी होगी, क्योंकि इसमें शुरुआती 20 किलोमीटर की यात्रा पर कोई शुल्क नहीं लगेगा।
नई प्रणाली के फायदे:
- टोल नाकों से छुटकारा: इस प्रणाली के लागू होने से टोल नाकों पर जाम की समस्या से राहत मिलेगी।
- GPS और OBU का उपयोग: वाहनों में ऑन-बोर्ड यूनिट (OBU) या ट्रैकिंग डिवाइस का उपयोग होगा, जिससे टोल की गणना की जाएगी।
- फास्टैग से अलग: नई प्रणाली मौजूदा फास्टैग का एक विकल्प होगी, जिसमें अतिरिक्त GNSS लेन भी होंगी ताकि वाहन बिना रुके गुजर सकें।
कैसे काम करेगी GPS-आधारित टोल वसूली प्रणाली?
नई GPS-आधारित टोल प्रणाली में उपग्रह और इन-कार ट्रैकिंग सिस्टम का उपयोग किया जाएगा। इसके जरिए यात्रा की दूरी के आधार पर टोल की गणना की जाएगी। राजमार्गों पर लगे सीसीटीवी कैमरे वाहन की स्थिति की पुष्टि करेंगे और इसके आधार पर शुल्क वसूला जाएगा।
NHAI (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) इस प्रणाली को मौजूदा फास्टैग सेटअप के साथ लागू करेगा। इससे न केवल टोल वसूली पारदर्शी होगी, बल्कि टोल प्लाजा पर लगने वाले जाम से भी बचा जा सकेगा।
तालिका: GPS-आधारित टोल वसूली प्रणाली के प्रमुख बिंदु
विशेषता | विवरण |
---|---|
तकनीक | ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) और ऑन-बोर्ड यूनिट (OBU) |
लागू क्षेत्र | राष्ट्रीय राजमार्ग और एक्सप्रेस-वे |
टोल वसूली | यात्रा की गई दूरी के आधार पर |
शुल्क छूट | प्रारंभिक 20 किलोमीटर पर कोई शुल्क नहीं |
फास्टैग से अलग | GNSS लेन के माध्यम से वाहन बिना रुके गुजर सकेंगे |
क्यों है यह प्रणाली खास?
यह प्रणाली न केवल वाहन चालकों के लिए समय की बचत करेगी, बल्कि टोल वसूली के पारदर्शी और स्वचालित तरीके से चलने से भ्रष्टाचार पर भी रोक लगेगी। इसके अलावा, सरकार का यह कदम राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल संग्रहण के मॉर्डनाइजेशन का एक अहम हिस्सा है।
ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री के विशेषज्ञों का मानना है कि यह नई प्रणाली टोल वसूली को पूरी तरह डिजिटलाइज कर देगी और इससे न केवल यात्रियों को फायदा होगा, बल्कि पूरे देश की राजमार्ग नेटवर्क भी स्मार्ट बन जाएगा।
सरकार की यह नई टोल वसूली प्रणाली देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को अगले स्तर पर ले जाने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। जैसे-जैसे यह प्रणाली लागू होगी, टोल नाकाओं पर लगने वाले लम्बे जाम और मैनुअल टोल वसूली से छुटकारा मिलेगा। इसके अलावा, यह सिस्टम राष्ट्रीय राजमार्गों को और भी सुरक्षित, कुशल और तेज बनाएगा।