प्याज की कीमतों में भारी उछाल, जानिए देशभर की स्थिति
Onion Price 12 September 2024 : दिल्ली में प्याज की कीमतें 58 रुपए प्रति किलोग्राम के हाई लेवल पर पहुंच गई हैं। सप्लाई में कमी और त्योहारों के मौसम के चलते प्याज के दामों में उछाल देखा जा रहा है। देशभर की औसत कीमत और सरकारी प्रयासों की जानकारी।
Onion Price 12 September 2024 : नई दिल्ली – देश की राजधानी दिल्ली में प्याज (Onion) की सप्लाई में कमी से इसके दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में प्याज की औसत कीमतें 58 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच चुकी हैं, जबकि अधिकतम कीमत 80 रुपए प्रति किलोग्राम देखी गई है। सितंबर महीने में दिल्ली में प्याज की औसत कीमतों में करीब 3 रुपए का इजाफा दर्ज किया गया है।
वहीं, अगर पूरे देश की बात करें तो प्याज की औसत कीमत में मामूली वृद्धि हुई है, लेकिन प्रमुख शहरों में यह बढ़ोतरी अधिक रही है। प्याज की बढ़ती कीमतें आम उपभोक्ताओं के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं, खासकर त्योहारों के मौसम में।
दिल्ली में प्याज की कीमतें क्यों बढ़ीं?
दिल्ली में प्याज की कीमतों में तेजी का मुख्य कारण इसकी सप्लाई में कमी को बताया जा रहा है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में प्याज की औसत कीमत 31 अगस्त को 55 रुपए प्रति किलोग्राम थी, जो अब 10 सितंबर तक बढ़कर 58 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई है।
सरकारी एजेंसियां जैसे कि नेफेड (NAFED) और एनसीसीएफ (NCCF) उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए प्याज की खुदरा बिक्री 35 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से कर रही हैं। यह प्याज मोबाइल वैन और केंद्रों के माध्यम से बेचा जा रहा है, ताकि बाजार में बढ़ती कीमतों पर कुछ नियंत्रण किया जा सके।
देशभर में प्याज की औसत कीमतें कितनी?
पूरे देश की बात करें तो प्याज की औसत कीमत में सिर्फ डेढ़ फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार, प्याज का अखिल भारतीय औसत मूल्य मंगलवार को 49.98 रुपए प्रति किलोग्राम रहा, जबकि इसका प्रचलित भाव 50 रुपए प्रति किलोग्राम है। हालांकि दिल्ली जैसे प्रमुख शहरों में यह कीमतें इससे कहीं अधिक हैं।
खरीफ प्याज से मिलेगी राहत
सरकारी अधिकारियों के अनुसार, खरीफ सत्र में प्याज की बुवाई का क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है। उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने बताया कि अगस्त तक प्याज की बुवाई का रकबा 2.9 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया, जबकि पिछले साल इस अवधि में यह केवल 1.94 लाख हेक्टेयर था। इसके अलावा, किसानों और व्यापारियों के पास अभी भी 38 लाख टन प्याज का भंडार उपलब्ध है, जिससे आने वाले महीनों में कीमतों में स्थिरता की उम्मीद जताई जा रही है।
सरकार की ओर से उठाए गए कदम
दिल्ली-एनसीआर और मुंबई जैसे बड़े शहरों में उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए सरकार ने प्याज की खुदरा बिक्री के लिए कदम उठाए हैं। 35 रुपए प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर प्याज बेचा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में प्याज की कीमतों पर कुछ हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है, लेकिन स्थिति पूरी तरह से सप्लाई पर निर्भर करेगी।
भावों का सारांश
स्थान | न्यूनतम कीमत (रु./किलो) | अधिकतम कीमत (रु./किलो) |
---|---|---|
दिल्ली | 27 | 80 |
अखिल भारतीय औसत | 49.98 | 50 |
प्याज की कीमतों पर नियंत्रण के लिए सरकारी प्रयासों के बावजूद दिल्ली जैसे बड़े शहरों में अभी भी कीमतें उच्च स्तर पर बनी हुई हैं। हालांकि, खरीफ प्याज की फसल से स्थिति में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।