हरियाणा की ऐलनाबाद सीट पर भरतसिंह आए तो इनेलो हारेगी? जानिए कैसे?
Haryana Assembly Election: ऐलनाबाद सीट पर अभय सिंह चौटाला फिर मैदान में हैं, जबकि बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशी चुनौती पेश कर रहे हैं। जानिए कैसे बदले समीकरण और कौन है मुख्य दावेदार।
Ellenabad election 2024: हरियाणा की ऐलनाबाद विधानसभा सीट हमेशा से ही राजनीतिक हलचल का केंद्र रही है। इस सीट पर इनेलो के कद्दावर नेता अभय सिंह चौटाला का दबदबा रहा है। 2024 विधानसभा चुनावों में भी ऐलनाबाद की ये सीट एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार अभय चौटाला को बीजेपी और कांग्रेस दोनों से कड़ी चुनौती मिल रही है।
अभय चौटाला: इनेलो का गढ़
अभय सिंह चौटाला ने पिछले कई चुनावों में इस सीट से जीत हासिल की है। 2021 के उपचुनाव में उन्होंने 65,992 वोटों के साथ बीजेपी के गोबिंद गोयल को हराया था। भाजपा प्रत्याशी को 59,253 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के पवन कुमार 20,904 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर थे। इससे पहले, 2019 के चुनाव में भी अभय चौटाला ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी, उन्हें 57,055 वोट मिले थे।
बीजेपी की ओर से अमीरचंद मेहता
इस बार बीजेपी ने अमीरचंद मेहता को अपना उम्मीदवार बनाया है। हालांकि, पहले मीनू बैनीवाल को टिकट मिलने की उम्मीद थी, लेकिन पार्टी ने उनकी जगह अमीरचंद मेहता को चुना। यह फैसला बीजेपी के लिए उल्टा भी पड़ सकता है, क्योंकि मीनू बैनीवाल समाजसेवी और प्रभावशाली व्यक्ति माने जाते हैं। उनकी टिकट कटने से पार्टी के समर्थक निराश हो सकते हैं, जिसका सीधा लाभ इनेलो को मिल सकता है।
कांग्रेस से भरत सिंह बैनीवाल
कांग्रेस की तरफ से इस बार भरत सिंह बैनीवाल को प्रत्याशी बनाया जा सकता है। भरत सिंह बैनीवाल क्षेत्र के दड़बा गांव के निवासी हैं और पूर्व में हुड्डा सरकार के दौरान विधायक रह चुके हैं। उनके सरल स्वभाव और इलाके में अच्छी पकड़ के कारण उन्हें कांग्रेस का मजबूत प्रत्याशी माना जा रहा है। अगर कांग्रेस यहां मजबूती से चुनाव लड़ती है, तो ऐलनाबाद का चुनावी मुकाबला काफी रोमांचक हो सकता है।
पार्टी | प्रत्याशी | वोट प्रतिशत (2021 उपचुनाव) |
---|---|---|
इनेलो | अभय सिंह चौटाला | 42% |
भाजपा | गोबिंद गोयल | 37% |
कांग्रेस | पवन कुमार | 13% |
कमजोर बीजेपी, मजबूत कांग्रेस?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार ऐलनाबाद में बीजेपी कमजोर स्थिति में है। मीनू बैनीवाल जैसे मजबूत उम्मीदवार को दरकिनार करना पार्टी को नुकसान पहुंचा सकता है। वहीं कांग्रेस से भरत सिंह बैनीवाल का आना चुनावी मुकाबले को दिलचस्प बना सकता है। अगर कांग्रेस और बीजेपी के वोट बंटते हैं, तो इसका सीधा फायदा अभय चौटाला को मिल सकता है।
चुनावी समीकरण
ऐलनाबाद विधानसभा सीट पर करीब 2 लाख वोटर हैं, जिनमें से लगभग 1 लाख 60 हजार वोट पड़ते हैं। इनेलो का यहां पर अपना एक स्थाई वोट बैंक है, जो 60 हजार से 65 हजार के बीच रहता है। हालांकि, बीजेपी और कांग्रेस के वोट बंटने से अभय चौटाला की जीत की संभावनाएं बढ़ सकती हैं। अगर बीजेपी 20 हजार वोटों से कम पर सिमटती है, तो अभय सिंह चौटाला के लिए यह खतरे की घंटी हो सकती है।
निष्कर्ष: ऐलनाबाद सीट का चुनावी दंगल एक बार फिर से दिलचस्प होता जा रहा है। अभय सिंह चौटाला की जीत आसान नहीं होगी, खासकर जब कांग्रेस और बीजेपी दोनों से उन्हें कड़ी चुनौती मिल रही है। हालांकि, कमजोर बीजेपी उम्मीदवार और कांग्रेस की मजबूत स्थिति के चलते अभय चौटाला इस बार अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नहीं हो सकते।