राजनीति

Haryana Election 2024: चुनावी मैदान में फिर लौट सकते हैं 89 वर्षीय ओम प्रकाश चौटाला; 20 साल बाद फिर लड़ेंगे चुनाव

Haryana Election 2024: हरियाणा की राजनीति में ओम प्रकाश चौटाला की संभावित वापसी! 20 साल बाद फिर से चुनाव लड़ सकते हैं। जानें डबवाली सीट पर कैसे चौटाला परिवार के बीच हो सकता है चुनावी मुकाबला।

Haryana Assembly Election 2024: 89 वर्षीय ओम प्रकाश चौटाला, जिन्होंने शिक्षक भर्ती घोटाले में सजा काटी थी, अब फिर से चुनावी मैदान में उतरने की संभावना तलाश रहे हैं। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के सुप्रीमो और हरियाणा के पांच बार मुख्यमंत्री रहे चौटाला ने दिल्ली की अदालत से विधानसभा चुनाव लड़ने की अनुमति मांगी है। उनका आधार यह है कि उनके साथ सजा काटने वाले शेर सिंह बड़शामी को चुनाव लड़ने की अनुमति मिल चुकी है, और चौटाला को भी इसी तरह की राहत मिल सकती है।

आखिरी बार 2005 में लड़ा था चुनाव

ओम प्रकाश चौटाला ने आखिरी बार 2005 में हरियाणा के रोड़ी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था और उसमें जीत हासिल की थी। उसके बाद उन्हें शिक्षक भर्ती घोटाले में दोषी करार दिया गया और सजा भुगतनी पड़ी। शेर सिंह बड़शामी, जिन्होंने चौटाला के साथ सजा काटी, को इनेलो ने लाडवा से उम्मीदवार बनाया है, और इससे चौटाला की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं।

डबवाली से ठोक सकते हैं ताल

अगर अदालत से ओम प्रकाश चौटाला को चुनाव लड़ने की अनुमति मिल जाती है, तो संभावना है कि वे डबवाली विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। यह सीट उनके लिए अहम है, और उनके पौत्र दिग्विजय चौटाला, जो जननायक जनता पार्टी (जजपा) के उम्मीदवार हैं, ने पहले ही मैदान छोड़ने की घोषणा कर दी है अगर ओपी चौटाला चुनाव लड़ते हैं।

हालांकि, यह सीट पूरी तरह से चौटाला परिवार की आपसी प्रतिस्पर्धा का केंद्र बन सकती है, क्योंकि भाजपा यहां से ओपी चौटाला के भतीजे आदित्य चौटाला को चुनाव लड़ाने की योजना बना रही है, और कांग्रेस ने उनके एक अन्य भतीजे और मौजूदा विधायक अमित सिहाग को उम्मीदवार घोषित किया है।

प्रेम सिंह तमांग की तर्ज पर राहत की उम्मीद

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत, चौटाला पर सजा काटने के बाद छह साल तक चुनाव लड़ने की पाबंदी लगाई गई थी, जो कि जून 2026 तक लागू है। हालांकि, इस कानून की धारा 11 के तहत, चुनाव नहीं लड़ने की इस अवधि को घटाने या समाप्त करने के लिए याचिका दाखिल की जा सकती है। सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग को इसी प्रकार की राहत मिल चुकी है, जब चुनाव आयोग ने उनकी सजा के बाद चुनाव लड़ने की पाबंदी को 13 महीने तक घटा दिया था। इसी आधार पर चौटाला ने भी अदालत से चुनाव लड़ने की अनुमति मांगी है।

क्या मिल सकेगी अनुमति?

हालांकि, शेर सिंह बड़शामी और ओपी चौटाला की सजा की अवधि में अंतर है, परंतु दोनों का मुकदमा लगभग एक जैसा होने के कारण, चौटाला को भी चुनाव लड़ने की मंजूरी मिलने की संभावना प्रबल है। यदि अदालत चौटाला के पक्ष में फैसला देती है, तो यह हरियाणा की राजनीति में एक बड़ा मोड़ हो सकता है।

डबवाली सीट: मुकाबला चौटाला परिवार के बीच

डबवाली विधानसभा सीट अब चौटाला परिवार के भीतर एक बड़ी चुनावी जंग का मैदान बन सकती है। यहां से चौटाला परिवार के तीन सदस्य आमने-सामने हो सकते हैं: ओम प्रकाश चौटाला, उनके भतीजे आदित्य चौटाला (भाजपा), और मौजूदा विधायक अमित सिहाग (कांग्रेस)। ऐसे में डबवाली सीट पर राजनीतिक संघर्ष और भी रोमांचक हो सकता है।

Sandeep Kumar

नमस्कार! उमंग हरियाणा पर फ़िलहाल कंटेंट राइटर का काम कर रहा हूँ। आपको हरियाणा की ताज़ा हिंदी ख़बरों और देश-विदेश की ट्रेंडिंग न्यूज़ से आपको अपडेट रखना मेरा काम है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
×