Toll Tax: भारत में टोल कलेक्शन का नया युग; एएनपीआर कैमरों से बदलेंगी गाड़ी से जुड़ी बातें
ANPR System: भारत में टोल कलेक्शन में बदलाव: एएनपीआर कैमरों के साथ टोल शुल्क अब नंबर प्लेट से कटेगा। जानें इस नई प्रणाली के लाभ और हरियाणा में इसका परीक्षण।
Toll Collection India: नई दिल्ली: भारत में टोल प्लाजा पर टोल शुल्क वसूलने के तरीके में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब से टोल शुल्क केवल वाहनों की नंबर प्लेट के माध्यम से वसूल किया जाएगा, इसके लिए टोल प्लाजा पर स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) कैमरे लगाए जाएंगे। यह नई प्रणाली पहले हरियाणा के हिसार और रोहतक जिलों के टोल नाकों पर लागू की जाएगी और सफल ट्रायल के बाद इसे देशभर में लागू किया जाएगा।
एएनपीआर सिस्टम का परिचय
एएनपीआर (ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रेकग्निशन) सिस्टम एक अत्याधुनिक तकनीक है जो वाहनों की नंबर प्लेट को स्कैन करती है और उन्हें डिजिटल डेटा में बदल देती है। इसके माध्यम से टोल शुल्क की प्रक्रिया अधिक सटीक और तेज होगी। इस प्रणाली का मुख्य लाभ यह है कि यह न केवल टोल टैक्स को स्वचालित रूप से काटेगा, बल्कि फर्जी नंबर प्लेटों की पहचान में भी मदद करेगा।
एएनपीआर सिस्टम की विशेषताएँ
- स्वचालित टोल संग्रहण: एएनपीआर कैमरे वाहन की नंबर प्लेट को स्कैन कर तुरंत टोल टैक्स को बैंक अकाउंट से लिंक करके कटौती करेंगे।
- फर्जीवाड़ा की पहचान: इस प्रणाली की मदद से फर्जी नंबर प्लेटों की पहचान की जा सकेगी, जिससे टोल नाकों पर होने वाली धोखाधड़ी में कमी आएगी।
- दृश्य डेटा: टोल प्लाजा पर एक स्क्रीन होगी जिसमें वाहन का नंबर और मॉडल दिखाया जाएगा, जिससे टोल ऑपरेटर को वाहन की जानकारी तुरंत मिल सकेगी।
- फास्टैग की वैधता: यदि वाहन का फास्टैग काम नहीं करता, तो एएनपीआर कैमरे के माध्यम से सिस्टम फास्टैग की वैधता की पुष्टि कर सकेगा।
हरियाणा में नई प्रणाली का परीक्षण
हरियाणा के हिसार और रोहतक जिलों में एएनपीआर सिस्टम का परीक्षण शुरू हो गया है। ये कैमरे और नए कंप्यूटर सिस्टम टोल प्लाजा पर लगाए जा रहे हैं, जो नंबर प्लेट को डिजिटल रूप में स्कैन करेंगे। दो महीने बाद इन दोनों टोल नाकों पर इस प्रणाली का संचालन शुरू हो जाएगा। अगर परीक्षण सफल होता है, तो इस प्रणाली को पूरे देश में लागू किया जाएगा।
हाई-सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) का महत्व
भारत में गाड़ियों पर हाई-सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) लगाने की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है। इन प्लेट्स के माध्यम से गाड़ी से जुड़ी सभी जानकारी एकत्र की जाती है, जिससे सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके। सरकार ने 2019 में सभी पैसेंजर वाहनों के लिए कंपनी फिटेड नंबर प्लेट्स लगाने का निर्देश दिया था।