ट्रेंडिंग

मृत परिजनों की तस्वीर घर में लगाना सही है या गलत – जानिए क्या लिखा हैं गरुड़ पुराण में

जानिए पितृपक्ष के दौरान मृतक पूर्वजों की तस्वीरों को घर में कहां लगाना शुभ है और कहां नहीं। सही दिशा और स्थान से मिलेगा पूर्वजों का आशीर्वाद और जीवन में शांति व समृद्धि।

पितृपक्ष (Pitru Paksha) भारत में एक ऐसा महत्वपूर्ण समय होता है जब लोग अपने पितरों (मृतक पूर्वजों) का सम्मान करते हैं और उन्हें श्रद्धा से याद करते हैं। इस समय के दौरान लोग विशेष रीति-रिवाजों का पालन करते हैं, ताकि अपने पूर्वजों की आत्माओं को संतुष्ट कर सकें। हालांकि, कई बार कुछ गलतियां अनजाने में हो जाती हैं, खासकर जब बात पितरों की तस्वीरों को घर में रखने की होती है। धर्मशास्त्रों में इस विषय पर विस्तृत निर्देश दिए गए हैं। आइए जानते हैं कि मृतक पूर्वजों की तस्वीरों को घर में कहां लगाना उचित होता है और कहां नहीं।

कहां न लगाएं मृतक पूर्वजों की तस्वीरें?

1. देवी-देवताओं के साथ तस्वीर न लगाएं
यह एक सामान्य गलती है, जो अक्सर लोग अनजाने में कर देते हैं। धर्मशास्त्रों के अनुसार, पितरों की तस्वीरें देवी-देवताओं के साथ नहीं रखनी चाहिए। इससे देवदोष उत्पन्न हो सकता है, जो आपके जीवन में अवांछित कठिनाइयां और समस्याएं ला सकता है। पूर्वजों के चित्रों को अलग रखना अधिक उचित है, ताकि देवी-देवताओं और पितरों का सम्मान बना रहे।

2. घर के मध्य में तस्वीर न लगाएं
घर के बीच के हिस्से में पितरों की तस्वीरें लगाने से मान-सम्मान की हानि हो सकती है। यह जगह वास्तुशास्त्र के अनुसार महत्वपूर्ण होती है और इसे पवित्र और ऊर्जा का केंद्र माना जाता है। पूर्वजों की तस्वीरों को घर के मध्य में न रखने की सलाह दी जाती है।

3. पश्चिम और दक्षिण दिशा की दीवारों पर न लगाएं
वास्तु के अनुसार, पितरों की तस्वीरें पश्चिम और दक्षिण दिशा की दीवारों पर लगाना अशुभ माना जाता है। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो आपके वित्तीय जीवन और पारिवारिक संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

4. जीवित व्यक्तियों के साथ तस्वीर न लगाएं
पितरों की तस्वीरें जीवित व्यक्तियों की तस्वीरों के साथ नहीं लगानी चाहिए। ऐसा करने से घर में उदासी और नकारात्मक माहौल उत्पन्न हो सकता है। यह आपके और आपके परिवार के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।

5. शयनकक्ष और रसोई में तस्वीर न लगाएं
शयनकक्ष और रसोई में पूर्वजों की तस्वीरें लगाना धर्म और वास्तु दोनों के अनुसार अनुचित माना जाता है। इन जगहों पर पूर्वजों की तस्वीरें लगाने से उनके प्रति अनादर का भाव उत्पन्न हो सकता है।

कहां लगाएं पूर्वजों की तस्वीरें?

1. उत्तर दिशा की दीवार पर लगाएं
धर्मशास्त्रों और वास्तु के अनुसार, पितरों की तस्वीरें उत्तर दिशा की दीवार पर लगाना सबसे शुभ माना जाता है। यह दिशा पितरों की दिशा मानी जाती है और यहां उनकी तस्वीर लगाने से उनके आशीर्वाद की प्राप्ति होती है। इससे घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

2. पूजा स्थान के पास रखें
यदि आपके घर में पूजा का स्थान ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में है, तो आप वहां पूर्वजों की तस्वीर लगा सकते हैं। यह स्थान विशेष रूप से पवित्र माना जाता है और यहां पितरों की तस्वीर रखने से उनकी कृपा सदैव बनी रहती है।

3. लकड़ी के गद्दे का उपयोग करें
पितरों की तस्वीरें सीधा दीवार पर न टांगें, बल्कि उन्हें लकड़ी के गद्दे पर रखें। यह सम्मान का प्रतीक है और इस तरह रखने से पूर्वजों के प्रति आदर भाव प्रकट होता है।

गलत स्थान पर तस्वीरें लगाने के परिणाम

अगर आप पितरों की तस्वीरें गलत स्थान पर लगाते हैं, तो इसका आपके जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। जैसे:

  • मानसिक तनाव और अवसाद
  • व्यापार में नुकसान
  • वैवाहिक जीवन में समस्याएं
  • परिवार में निरंतर कलह और अस्थिरता

धर्मशास्त्रों के अनुसार, पितृ दोष से बचने के लिए सही समय पर सही स्थान पर तस्वीरें लगाना और पितरों की पूजा करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, शास्त्रों में पितृ दोष निवारण के लिए नारायण बली और नाग बली जैसे उपाय भी बताए गए हैं, जिन्हें अपनाकर जीवन में शांति और समृद्धि पाई जा सकती है।

पितृपक्ष का समय हमारे जीवन में विशेष महत्व रखता है। अपने पूर्वजों का सम्मान करना और उनकी तस्वीरों को सही स्थान पर रखना न केवल हमारी धार्मिक परंपरा का हिस्सा है, बल्कि यह हमारे जीवन में शांति और समृद्धि लाने का एक तरीका भी है। धर्मशास्त्रों में दिए गए इन निर्देशों का पालन करके आप न केवल अपने पूर्वजों का सम्मान कर सकते हैं, बल्कि उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सुखी और समृद्ध बना सकते हैं।

Bharat Singh

मेरा नाम भारत सिंह है और उमंग हरियाणा पर फिलहाल ज्योतिष जगत से जुड़े आर्टिकल लिखता हूँ। मेरा काम आपको दैनिक राशिफल, पंचांग, ज्योतिष टिप्स, वास्तु शास्त्र, विशेष पूजा अर्चना, वार-त्यौहार, कुंडली आदि के बारे में अपडेट रखना है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
×