हरियाणा के 15 शहर देश के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल; फरीदाबाद ने हासिल किया पहला स्थान
Haryana pollution report: हरियाणा के 15 शहर देश के 100 सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल, फरीदाबाद सबसे प्रदूषित शहर। जानें वायु गुणवत्ता और प्रदूषण से जुड़े चौंकाने वाले आंकड़े।
Haryana pollution report: देशभर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ रहा है, और इसका सबसे बुरा असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है। हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में हरियाणा के प्रदूषण से जुड़े चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, देश के 100 सबसे प्रदूषित शहरों में से 15 हरियाणा के हैं, जो प्रदूषण के खतरनाक स्तर को दर्शाते हैं। खासतौर से फरीदाबाद, जो हरियाणा का सबसे प्रदूषित शहर बनकर उभरा है।
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानक क्या कहते हैं?
भारत के राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक (NAAQS) के अनुसार, पीएम 2.5 और पीएम 10 के वार्षिक स्तर की सुरक्षित सीमा क्रमशः 40 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर होनी चाहिए। लेकिन, यह सीमा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के 2021 के दिशानिर्देशों से काफी अधिक है। WHO ने पीएम 2.5 के लिए 5 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम 10 के लिए 15 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सिफारिश की है।
प्रदूषण के मानक | NAAQS सीमा (µg/m³) | WHO सीमा (µg/m³) |
---|---|---|
पीएम 2.5 | 40 | 5 |
पीएम 10 | 60 | 15 |
फरीदाबाद: हरियाणा का सबसे प्रदूषित शहर
जनवरी से जून तक के वायु गुणवत्ता आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा के सभी प्रमुख शहरों में प्रदूषण का स्तर NAAQS और WHO द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से काफी अधिक है। फरीदाबाद, जहां औसत पीएम 2.5 स्तर 103 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया, राज्य का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है। यह आंकड़ा NAAQS और WHO दोनों के मानकों से कहीं अधिक है, जिससे यहां रहने वाले लोगों की सेहत पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
शहर | औसत पीएम 2.5 (µg/m³) | औसत पीएम 10 (µg/m³) |
---|---|---|
फरीदाबाद | 103 | अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं |
अन्य 14 शहर | WHO और NAAQS के मानकों से अधिक |
हरियाणा के बाकी शहरों की स्थिति
फरीदाबाद के अलावा, हरियाणा के अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में पीएम 10 का स्तर सुरक्षित सीमा से कई गुना अधिक है, लेकिन फरीदाबाद के अलावा अन्य शहरों के लिए कोई ठोस कार्ययोजना या योजना का अभाव है। इसका मतलब यह है कि इन शहरों में प्रदूषण को रोकने या कम करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम में फरीदाबाद ही शामिल
हरियाणा के अन्य प्रदूषित शहरों की तुलना में फरीदाबाद को राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) में शामिल किया गया है। लेकिन, चिंता की बात यह है कि राज्य के अन्य प्रदूषित शहरों में इस प्रकार की कोई कार्ययोजना लागू नहीं की गई है। अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो प्रदूषण की यह समस्या और भी विकराल रूप ले सकती है।
प्रदूषण के प्रभाव और समाधान की आवश्यकता
हरियाणा के शहरों में प्रदूषण का यह खतरनाक स्तर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है, जिसमें सांस की बीमारियां, अस्थमा और दिल की समस्याएं प्रमुख हैं। WHO के अनुसार, लंबी अवधि तक इस तरह के प्रदूषण के संपर्क में रहना कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। इसलिए, जरूरी है कि राज्य और केंद्र सरकारें मिलकर ठोस कदम उठाएं, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार हो सके।
क्या कर सकते हैं नागरिक?
जब तक सरकारी योजनाएं और कार्ययोजनाएं धरातल पर नहीं आतीं, नागरिकों को भी अपने स्तर पर सतर्क रहना चाहिए। मास्क पहनना, प्रदूषित इलाकों में कम से कम जाना, और घरों में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करना कुछ उपाय हैं, जो लोगों को प्रदूषण से बचा सकते हैं।