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Hartalika Teej 2024: विवाहित और कुंवारी महिलाओं के लिए खास दिन, जानें व्रत का शुभ मुहूर्त और 16 श्रृंगार का महत्व

Hartalika Teej 2024: Hartalika Teej 2024 will be observed on 6th September. Learn about its significance, the auspicious time, and the importance of 16 Shringar in this detailed article

Hartalika Teej 2024: हरतालिका तीज का पर्व सनातन धर्म में विवाहित महिलाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित किया जाता है। हरतालिका तीज का व्रत 2024 में 6 सितंबर को मनाया जाएगा। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की कामना के लिए व्रत रखती हैं, जबकि अविवाहित कन्याएं अपने लिए योग्य वर की प्राप्ति के लिए इस व्रत को करती हैं।

हरतालिका तीज 2024 का शुभ मुहूर्त

व्रत का समय और पूजा का मुहूर्त बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस वर्ष हरतालिका तीज का शुभ मुहूर्त 6 सितंबर को सुबह 6:02 से लेकर 8:33 बजे तक का है। तृतीया तिथि की शुरुआत 5 सितंबर को दोपहर 12:21 बजे से होगी, और इसका समापन 6 सितंबर को दोपहर 3:30 बजे होगा। इस दौरान महिलाएं विधिपूर्वक भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा कर सकती हैं।

दिनांकतिथि प्रारंभतिथि समाप्तिपूजा का मुहूर्त
5 सितंबर 202412:21 PM6 सितंबर 2024, 3:30 PMसुबह 6:02 से 8:33 तक

हरतालिका तीज का धार्मिक महत्व

हरतालिका तीज का व्रत विवाहित और अविवाहित दोनों प्रकार की महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना के लिए रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी और तब से इस व्रत का महत्व और अधिक बढ़ गया है।

इस व्रत को करने से महिलाओं के दांपत्य जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। मान्यता है कि इस दिन देवी-देवताओं की पूजा करने से प्रेम और संबंधों में मजबूती आती है।

16 श्रृंगार का महत्व

हरतालिका तीज के दिन 16 श्रृंगार का खास महत्व है। यह श्रृंगार विवाहित महिलाओं के सुहाग का प्रतीक माना जाता है। महिलाएं इस दिन इत्र, पायल, बिछिया, अंगूठी, गजरा, कान की बाली या झुमके, मेहंदी, मांगटीका, काजल, मंगलसूत्र, चूड़ियां, बाजूबंद, कमरबंद, सिंदूर, और बिंदी आदि पहनती हैं।

16 श्रृंगार के प्रमुख अंग:

श्रृंगारप्रतीक
इत्रसुगंध और पवित्रता
पायलजीवन की मधुर ध्वनि
बिछियासुहाग का चिह्न
अंगूठीसमर्पण और प्रेम
गजरापवित्रता और सौंदर्य
झुमकेशांति और शुभता
मेहंदीप्रेम और समर्पण का प्रतीक
मांगटीकालंबी उम्र की कामना
काजलबुरी नजर से बचाव
मंगलसूत्रवैवाहिक बंधन का प्रतीक
चूड़ियांसमृद्धि और खुशहाली
सिंदूरसुहाग का प्रतीक

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए 16 श्रृंगार कर इस व्रत की शुरुआत की थी। इस दिन महिलाएं भी उनके आशीर्वाद के लिए 16 श्रृंगार करती हैं।

हरतालिका तीज व्रत के लाभ

यह व्रत विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण होता है, जो अपने पति की लंबी उम्र, खुशहाली और समृद्धि की कामना करती हैं। वहीं, कुंवारी कन्याएं इस व्रत को योग्य वर प्राप्त करने के लिए करती हैं। मान्यता है कि जो महिलाएं इस व्रत को विधि-विधान से करती हैं, उन्हें सुखी और समृद्ध वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

इस व्रत के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को देखते हुए हर साल यह पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

Conclusion: हरतालिका तीज 2024 का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। इस दिन 16 श्रृंगार कर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। व्रत का शुभ मुहूर्त सुबह 6:02 से 8:33 बजे तक है। इस व्रत को विधिपूर्वक करने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली और समृद्धि आती है।

Bharat Singh

मेरा नाम भारत सिंह है और उमंग हरियाणा पर फिलहाल ज्योतिष जगत से जुड़े आर्टिकल लिखता हूँ। मेरा काम आपको दैनिक राशिफल, पंचांग, ज्योतिष टिप्स, वास्तु शास्त्र, विशेष पूजा अर्चना, वार-त्यौहार, कुंडली आदि के बारे में अपडेट रखना है।

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