Wheat price : सातवां आसमान छू रहे कनक के भाव; सितंबर महीनें दाम घटने के आसार
सितंबर से गेहूं के भावों में गिरावट की उम्मीद, सरकार ओपन मार्केट में करेगी बिक्री, कीमतों पर नजर बनाए रखने के साथ 2325 रुपये प्रति क्विंटल की दर से एफसीआई स्टॉक जारी करेगी।
Wheat price: अगस्त का महीना खत्म होते ही त्योहारों का सीजन दस्तक देने वाला है, जिसके साथ ही गेहूं की डिमांड (Wheat Demand) में बढ़ोतरी के आसार हैं। हालांकि, इस वक्त गेहूं के भाव सातवें आसमान को छू रहे हैं। जहां अच्छी क्वालिटी की गेहूं का भाव (Wheat Rate Today) 4000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है, वहीं सामान्य गेहूं भी 3000 रुपये प्रति क्विंटल के करीब बिक रहा है। इसके चलते गेहूं के आटे का औसत भाव (Wheat Flour Price) 42 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है, जिससे आटे से बनने वाली बाकी चीजें भी महंगी हो गई हैं।
सितंबर से सरकार करेगी गेहूं की बिक्री
लेकिन, इस बीच भारत की केंद्र सरकार (Central Government) ने गेहूं की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण के लिए एक बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है। कहा जा रहा है कि सरकार सितंबर से अपने बफर स्टॉक से ओपन मार्केट में गेहूं की बिक्री (Sale of Wheat in Open Market) शुरू कर सकती है, जिससे गेहूं के दामों में अच्छी खासी गिरावट देखने को मिल सकती है।
एफसीआई का बफर स्टॉक
रिपोर्ट्स के अनुसार, आज भारतीय खाद्य निगम (FCI) के पास 1 अक्टूबर के लिए निर्धारित 20.65 मिलियन टन के बफर स्टॉक के मुकाबले करीब 25 मिलियन टन गेहूं का स्टॉक (Wheat Stock) है। इसके बावजूद, सार्वजनिक वितरण प्रणाली और अन्य कल्याणकारी योजनाओं की आवश्यकताओं को पूरा करने के बाद भी एफसीआई के पास करीब 19 मिलियन टन गेहूं बचेगा।
तालिका: एफसीआई का गेहूं स्टॉक (मिलियन टन में)
तारीख | निर्धारित बफर स्टॉक | एफसीआई के पास उपलब्ध स्टॉक |
---|---|---|
1 अक्टूबर | 20.65 | 25 |
ओपन मार्केट में गेहूं की नीलामी
इसके चलते सरकार को ओपन मार्केट में नीलामी के जरिए गेहूं (Wheat Price) जारी करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। सरकार का मानना है कि जब त्योहारी सीजन में मांग बढ़ेगी, तो कीमतों में उछाल आ सकता है, और इसे कंट्रोल करना ही सरकार का उद्देश्य है। व्यापारियों का भी कहना है कि वर्तमान में स्टॉक को देखते हुए आपूर्ति की स्थिति काफी अच्छी है।
कीमतों पर सरकार की कड़ी नजर
जैसे-जैसे गेहूं की डिमांड बढ़ती है, वैसे ही इनकी कीमतों में भी उछाल आना स्वाभाविक है। लेकिन, पिछले कुछ समय से गेहूं की कीमतों पर सरकार की नजर बनी हुई है। उपभोक्ता मामलों के विभाग के अनुसार, 30 अगस्त को गेहूं की मॉडल खुदरा कीमत (Model Retail Price of Wheat) 29 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो पिछले 6 महीनों से इसी स्तर पर बनी हुई है।
एफसीआई की योजना और स्टॉक होल्डिंग सीमा
खाद्य मंत्रालय (Food Ministry) ने चालू वित्त वर्ष के लिए एफसीआई के स्टॉक से 2.5 मिलियन टन गेहूं खुले बाजार में बिक्री के लिए आवंटित किया है। एफसीआई, परिवहन को छोड़कर 2325 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत पर गेहूं बेचना शुरू करेगी, जबकि मौजूदा बाजार मूल्य लगभग 2700 रुपये प्रति क्विंटल हैं।
इसके साथ ही, सरकार ने जून में खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं, प्रोसेसर और बड़ी चेन खुदरा विक्रेताओं के लिए 31 मार्च, 2025 तक गेहूं पर स्टॉक होल्डिंग सीमा (Stock Holding Limit on Wheat) लगा दी थी।
गेहूं की उपलब्धता और आयात शुल्क
अधिकारियों के अनुसार, देश में गेहूं की कोई कमी नहीं है, और स्टॉक होल्डिंग सीमा लगाने के कदम से आपूर्ति में सुधार होगा। खाद्य मंत्रालय के एक नोट के अनुसार, गेहूं का स्टॉक कभी भी तिमाही बफर स्टॉक मानदंडों से नीचे नहीं गया है। इसके अलावा, वर्तमान में गेहूं के आयात पर शुल्क (Duty on Wheat Import) स्ट्रक्चर को बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है।