दूध उत्पादन बढ़ाने का देसी तरीका, 4-5 दिनों में ही दिखेगा असर
gay bhains ka doodh kaise badhaye: जानें "मसालेदार चूर्ण" से गाय-भैंस के दूध उत्पादन को कैसे बढ़ाया जा सकता है। यह देसी जुगाड़ न केवल प्राकृतिक है, बल्कि किफायती भी है। विशेषज्ञों की राय से समझें इस चूर्ण की उपयोगिता।
How to increase the milk of cow and buffalo: गाय और भैंस पालने वाले किसानों के लिए यह एक आम समस्या है कि उनके जानवर मानक के अनुसार पर्याप्त दूध नहीं देते। बाजार में कई तरह के उत्पाद उपलब्ध हैं जो दूध उत्पादन बढ़ाने का दावा करते हैं, लेकिन अक्सर इनसे निराशा ही हाथ लगती है। ऐसे में एक देसी जुगाड़ तेजी से लोकप्रिय हो रहा है, जिसे “मसालेदार चूर्ण” कहा जाता है। इस चूर्ण के उपयोग से गाय और भैंस के दूध उत्पादन में एक हफ्ते के भीतर चमत्कारिक वृद्धि देखी जा सकती है। आइए जानें इस देसी जुगाड़ के बारे में विस्तार से…
क्या है “मसालेदार चूर्ण” का रहस्य?
“मसालेदार चूर्ण” एक प्राकृतिक मिश्रण है, जिसे विभिन्न घरेलू मसालों से तैयार किया जाता है। इस चूर्ण का उपयोग गाय और भैंस के आहार में मिलाकर किया जाता है, जिससे उनका पाचन तंत्र बेहतर होता है और दूध उत्पादन में वृद्धि होती है। इस जुगाड़ का मूल मंत्र है—स्वाभाविक और संतुलित आहार।
चूर्ण तैयार करने की विधि
इस चूर्ण को तैयार करने के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:
सामग्री | मात्रा |
---|---|
मेथी के दाने | 100 ग्राम |
अजवाइन | 50 ग्राम |
सौंफ | 50 ग्राम |
हल्दी पाउडर | 20 ग्राम |
हींग | 5 ग्राम |
चूर्ण तैयार करने की प्रक्रिया:
- सभी मसालों को अच्छी तरह पीसकर बारीक पाउडर बना लें।
- सभी पाउडर को मिलाकर एक मिश्रण तैयार करें।
- इस तैयार चूर्ण को एक साफ, सूखे डिब्बे में रखें।
कैसे करें उपयोग?
- इस चूर्ण की 50 ग्राम मात्रा को गाय या भैंस के आहार में मिलाकर दिन में दो बार दें।
- इसे पशुओं के चारे या दाने के साथ मिलाकर दिया जा सकता है, ताकि पशु इसे आसानी से खा सकें।
- इस चूर्ण का उपयोग लगातार एक हफ्ते तक करें। एक हफ्ते बाद दूध उत्पादन में स्पष्ट वृद्धि देखी जा सकती है।
यह चूर्ण कैसे करता है काम?
सामग्री | लाभ |
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मेथी के दाने | पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं और दूध के उत्पादन को बढ़ावा देते हैं। |
अजवाइन और सौंफ | पाचन में सुधार करते हैं और भूख बढ़ाते हैं, जिससे पशु ज्यादा खाते हैं और दूध की मात्रा बढ़ती है। |
हल्दी | एंटीसेप्टिक गुणों से भरपूर होती है, जो प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और पेट से जुड़ी समस्याओं को दूर रखती है। |
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एक्सपर्ट की राय
कृषि विशेषज्ञ प्रो. अशोक कुमार सिंह का कहना है, “यह देसी चूर्ण पूरी तरह से प्राकृतिक है और इसमें किसी भी प्रकार के हानिकारक रसायन नहीं होते। इसके उपयोग से न केवल दूध उत्पादन में वृद्धि होती है, बल्कि पशुओं की सेहत भी बेहतर होती है। इसे हर किसान और पशुपालक को आजमाना चाहिए।”
राजकीय पशु चिकित्सालय नगर बलिया के उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. एस.डी. द्विवेदी का कहना है, “दूध बढ़ाने के लिए यह उपाय बेहद कारगर है। इसके अलावा, पशुओं को हरा चारा अवश्य खिलाएं और संतुलित आहार पर विशेष ध्यान दें। उदाहरण के लिए, गाय के चार लीटर दूध पर 1 किलो पशु आहार, भैंस के तीन लीटर दूध पर 1 किलो पशु आहार और 1 किलो जीवन निर्वाह राशन देना चाहिए। यदि पशु गर्भवती है, तो बच्चे के लिए 1 किलो अलग से राशन दें। समय-समय पर पशुओं को कीड़े की दवा देते रहें।”
सफलता की कुंजी
“मसालेदार चूर्ण” एक देसी जुगाड़ है जो न केवल दूध उत्पादन बढ़ाता है बल्कि पशुओं की सेहत में भी सुधार लाता है। यह विधि न केवल प्राकृतिक है, बल्कि बेहद किफायती भी है, जिसे हर किसान अपने पशुओं के लिए अपना सकता है।