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Truths of Kalyug: कलयुग के 20 कड़वे सच, धर्म का पतन और मानवता का संकट

kalyug me kya hoga: जानिए कलयुग के कटु सत्य और कैसे यह युग धर्म और नैतिकता के पतन का प्रतीक है। कलयुग में मनुष्य के आचरण और समाज में हो रहे बदलावों को समझें।

kalyug me kya hoga: हिंदू धर्म के अनुसार, चार युगों में से अंतिम युग “कलयुग” है, जिसे संहार का युग भी कहा जाता है। यह वह युग है जिसमें धर्म और नैतिकता का पतन होता है, और अधर्म अपने चरम पर पहुंच जाता है। मान्यताओं के अनुसार, कलयुग में मनुष्य के स्वभाव में पाप और अवगुण बढ़ते जाएंगे, और धर्म का पालन करना लोगों के लिए कठिन हो जाएगा।

धर्म का पतन और समाज में गिरावट

कलयुग में धर्म के नाम पर झूठे दिखावे होंगे। लोग धार्मिक पुस्तकों का आदर नहीं करेंगे, और उनका आचरण नष्ट हो जाएगा। समाज में अन्याय, अत्याचार, और हिंसा अपने चरम पर होगी। जब यह सब चरम पर होगा, तो मान लेना चाहिए कि कलयुग का अंत नजदीक है। स्वार्थी और लोभी लोगों का वर्चस्व इस युग में बढ़ता जाएगा।

ब्राह्मणों का पतन और राज्य में अधर्म

कलयुग में ब्राह्मण केवल नाम मात्र रह जाएंगे, और उनका उद्देश्य केवल धन कमाना होगा। छल और धोखे की भावना बढ़ जाएगी। ऐसे लोग शासन करेंगे जो शोषण करेंगे, और सत्य कर्म से विमुख रहेंगे। समाज में बड़ी बातों के बावजूद राक्षसी आचरण देखने को मिलेगा।

रिश्तों और शिक्षा का ह्रास

इस युग में पारिवारिक रिश्तों का पतन होगा। पुत्र अपने पिताओं का आदर नहीं करेंगे, और घरों में कलह और शोषण बढ़ जाएगा। शिक्षा और ज्ञान का भी ह्रास होगा, जहां लोग केवल धन और संपत्ति की चिंता करेंगे। ज्ञानी कहलाने वाले लोग भ्रष्ट आचरण करेंगे।

स्त्री-पुरुष संबंध और धन की पूजा

कलयुग में स्त्रियों और पुरुषों के आचरण में गिरावट आएगी। वे अपने वैदिक कर्तव्यों का पालन नहीं करेंगे और लोभ में पड़ जाएंगे। इस युग में मनुष्य केवल धन की पूजा करेगा, और पड़ोसियों की भूख-प्यास की अनदेखी करेगा। छोटी सी धनराशि में भी घमंड और अहंकार देखा जाएगा।

धार्मिक अनुष्ठानों का पतन और झूठे नेता

वेदों और धार्मिक अनुष्ठानों का पालन बंद हो जाएगा। लोग धार्मिक नियमों की अनदेखी करेंगे, और विवाह को धर्म नहीं माना जाएगा। भारत में वेद विरोधी नेताओं का शासन होगा, जो जनता से झूठ बोलेंगे और एक-दूसरे की आलोचना करेंगे।

स्त्रियों का अधिपत्य और योग साधु जीवन का पतन

कलयुग में घरों में स्त्रियां ही शासन करेंगी, और पुरुषों को नौकरों की तरह व्यवहार करना पड़ेगा। स्त्रियां धन के पीछे भागेंगी। योगी और साधु भी दुष्ट हो जाएंगे, और लोग अपना धर्म छोड़कर दूसरे धर्मों का पालन करने लगेंगे।

मनुष्य की आयु में गिरावट और पर्यावरण का विनाश

कलयुग में मनुष्यों की आयु घटकर बहुत कम हो जाएगी। पांच वर्ष की उम्र में बालिकाएं गर्भवती हो जाएंगी, और 20 वर्ष की उम्र में मृत्यु हो जाएगी। पर्यावरण का विनाश होगा, और कृषि नष्ट हो जाएगी। अकाल और कष्ट का समय आएगा।

अराजकता और अन्न की कमी

कलयुग के अंत में भयंकर युद्ध, आंधी, और लूटपाट होगी। लोग एक-दूसरे को मारने में संकोच नहीं करेंगे। अन्न और फल विलुप्त हो जाएंगे, और लोग केवल मांसाहार पर निर्भर हो जाएंगे। गाय दूध देना बंद कर देगी।

आत्म-संयम का महत्व

श्री कृष्ण ने बताया है कि कलयुग में सत्य, दान, और आत्म-संयम का पालन करने वाला व्यक्ति ही सुखी रहेगा। आत्म-संयम रखना और जप-ध्यान करना आवश्यक होगा, जिससे मनुष्य अपने पापों से बच सकेगा।

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। उमंग हरियाणा इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)

Bharat Singh

मेरा नाम भारत सिंह है और उमंग हरियाणा पर फिलहाल ज्योतिष जगत से जुड़े आर्टिकल लिखता हूँ। मेरा काम आपको दैनिक राशिफल, पंचांग, ज्योतिष टिप्स, वास्तु शास्त्र, विशेष पूजा अर्चना, वार-त्यौहार, कुंडली आदि के बारे में अपडेट रखना है।

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