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EPFO कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर, रिटायरमेंट के बाद भी पाएं 6 प्रकार की पेंशन, जानें कैसे

EPFO pension: जानें कैसे EPFO के तहत रिटायरमेंट के बाद भी पाएं 6 तरह की पेंशन। Early Pension से लेकर Widow and Children Pension तक, जानिए सब कुछ इस लेख में।

EPFO pension – भारत सरकार समय-समय पर नौकरी पेशा लोगों के हित में बड़े कदम उठाती रहती है। इन कदमों का उद्देश्य कर्मचारियों को बेहतर सुविधाएं और सुरक्षा प्रदान करना होता है। ऐसा ही एक महत्वपूर्ण कदम एम्प्लॉइज प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (EPFO) के रूप में उठाया गया है। EPFO के जरिए संगठित क्षेत्र में काम कर रहे कर्मचारी न केवल अपने धन का संचय करते हैं, बल्कि भविष्य को भी सुरक्षित करते हैं।

हाल ही में EPFO से जुड़े करोड़ों कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। यह खबर उनके लिए है, जो रिटायरमेंट के बाद भी आर्थिक रूप से सुरक्षित रहना चाहते हैं। EPFO के तहत कर्मचारियों को 6 तरह की पेंशन मिलती है। आइए जानते हैं कि रिटायरमेंट के बाद भी EPFO के जरिए आप कैसे अपने भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं।

EPFO में मिलने वाली 6 तरह की पेंशन

EPFO के तहत कर्मचारियों को 6 प्रकार की पेंशन मिलती है। आइए जानते हैं इन पेंशन योजनाओं के बारे में:

1. अर्ली पेंशन (Early Pension)

यदि कोई कर्मचारी 10 वर्ष या उससे अधिक समय तक किसी कंपनी में काम करता है और 58 वर्ष की आयु से पहले ही रिटायर हो जाता है, तो उसे अर्ली पेंशन का लाभ मिलता है। इस पेंशन के तहत कर्मचारी को उसके वेतन के अनुसार मासिक पेंशन दी जाती है।

2. सुपरएन्युएशन पेंशन (Superannuation Pension)

सुपरएन्युएशन पेंशन सबसे ज्यादा प्रचलित पेंशन योजना है। इसमें 10 वर्ष की नौकरी पूरी करने के साथ-साथ 58 वर्ष की आयु पूरी करने पर कर्मचारी को पेंशन दी जाती है।

3. हैंडिकैप्ड पेंशन (Handicapped Pension)

यदि किसी कर्मचारी को नौकरी के दौरान विकलांगता हो जाती है, तो उसे हैंडिकैप्ड पेंशन का लाभ मिलता है। इस योजना के तहत EPFO द्वारा विकलांग कर्मचारी की आर्थिक सहायता की जाती है।

4. विडो-चिल्ड्रन पेंशन (Widow and Children Pension)

किसी कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी और बच्चों को EPFO के तहत मासिक पेंशन दी जाती है। इसमें विधवा को जीवनभर और बच्चों को 25 वर्ष की आयु तक पेंशन मिलती है।

5. नॉमिनी पेंशन (Nominee Pension)

यदि कर्मचारी की शादी नहीं हुई है और उसकी मृत्यु हो जाती है, तो उसके नामांकित व्यक्ति (नॉमिनी) को पेंशन दी जाती है। अगर नॉमिनी के तौर पर माता-पिता का नाम है, तो उन्हें प्रति माह आधी-आधी पेंशन दी जाती है।

6. अनाथ पेंशन (Orphan Pension)

यदि कर्मचारी की नौकरी के दौरान मृत्यु हो जाती है और उसके बाद उसके जीवनसाथी का भी निधन हो जाता है, तो अनाथ हो चुके बच्चों को EPFO से पेंशन दी जाती है।

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EPFO में पेंशन कैसे बनती है?

EPFO के तहत कर्मचारी और नियोक्ता दोनों ही अपने वेतन का 12% भाग PF खाते में जमा करते हैं। इसमें से 8.33% हिस्सा पेंशन फंड के रूप में जमा होता है, जबकि 3.67% हिस्सा प्रोविडेंट फंड (PF) में क्रेडिट हो जाता है। जब कर्मचारी 58 वर्ष की आयु पूरी कर लेता है या 10 वर्ष की नौकरी पूरी कर लेता है, तो वह पेंशन के लिए पात्र हो जाता है।

पेंशन मिलने की शर्तें

किसी भी संगठित क्षेत्र में काम कर रहे कर्मचारी जिसका EPFO में खाता है और जिसने 10 वर्ष की नौकरी पूरी कर ली है या जिसकी उम्र 58 वर्ष हो चुकी है, वह पेंशन का पात्र होता है। EPFO के तहत मिलने वाली पेंशन योजनाएं कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित बनाने में अहम भूमिका निभाती हैं।

Sandeep Kumar

नमस्कार! उमंग हरियाणा पर फ़िलहाल कंटेंट राइटर का काम कर रहा हूँ। आपको हरियाणा की ताज़ा हिंदी ख़बरों और देश-विदेश की ट्रेंडिंग न्यूज़ से आपको अपडेट रखना मेरा काम है।

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