Haryana Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटे इनेलो-बसपा गठबंधन ने मंगलवार को अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में कुल 4 उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है। गठबंधन के इस फैसले से राज्य में चुनावी सरगर्मी और तेज हो गई है। आइए जानते हैं किस-किस उम्मीदवार को टिकट मिला है और इनके बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां।
उम्मीदवारों की पहली लिस्ट: कौन कहां से उतरेगा मैदान में?
इनेलो-बसपा गठबंधन की पहली लिस्ट में जिन 4 उम्मीदवारों के नाम शामिल किए गए हैं, उनके नाम और सीटें इस प्रकार हैं:
उम्मीदवार का नाम | जिला | विधानसभा सीट |
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दर्शन लाल खेड़ा | यमुनानगर | जगाधरी |
गोपाल सिंह राणा | करनाल | असंध |
हरबिलास सिंह | अंबाला | नारायणगढ़ |
ठाकुर अत्तर लाल | महेंद्रगढ़ | अटेली |
हरियाणा में गठबंधन की राजनीति ने इस बार चुनावी समीकरणों को और भी दिलचस्प बना दिया है। नारायणगढ़ से बसपा के उम्मीदवार हरबिलास सिंह ने दो दिन पहले ही JJP छोड़कर बसपा का दामन थामा था, और अब उन्हें तुरंत टिकट भी मिल गया है। वहीं, असंध सीट से गोपाल सिंह राणा को मौका दिया गया है, जिन्होंने 2017 में बसपा जॉइन की थी।
इनेलो की औपचारिक लिस्ट का इंतजार:
हालांकि इनेलो ने पहले 2 उम्मीदवारों की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक औपचारिक लिस्ट जारी नहीं की गई है। बहादुरगढ़ सीट से पूर्व विधायक नफे सिंह राठी के बेटे पार्षद जितेंद्र राठी का नाम पहले ही सामने आ चुका है। वहीं, इनेलो नेता अभय चौटाला के दो सीटों से चुनाव लड़ने की भी चर्चा है, परंतु इस बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
गठबंधन की सीटों का बंटवारा:
जुलाई 2024 में हुए इनेलो-बसपा गठबंधन के तहत सीटों का बंटवारा इस प्रकार हुआ था:
- बसपा: 37 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।
- इनेलो: 53 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
गठबंधन ने अभय चौटाला को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया है। गठबंधन ने यह भी वादा किया है कि यदि उनकी सरकार बनती है, तो हर घर से एक पढ़े-लिखे युवा को सरकारी नौकरी दी जाएगी, और राज्य में हर महीने एक गैस सिलेंडर मुफ्त में दिया जाएगा। इसके अलावा, बुढ़ापा पेंशन को 3000 रुपए से बढ़ाकर 7500 रुपए करने का भी वादा किया गया है।
पिछले चुनाव का प्रदर्शन: इनेलो और बसपा की स्थिति
पिछले विधानसभा चुनावों में इनेलो और बसपा दोनों का प्रदर्शन खासा निराशाजनक रहा था। 2019 में इनेलो ने 90 में से 81 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन सिर्फ एक सीट पर ही जीत हासिल कर पाई थी। उस चुनाव में इनेलो को मात्र 2.44% वोट मिले थे। दूसरी तरफ बसपा ने 87 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उसे एक भी सीट पर जीत नहीं मिली थी। बसपा को उस चुनाव में 4.21% वोट मिले थे।