किन्नर बच्चा क्यों पैदा होता है? ये हैं इसके पीछे की वैज्ञानिक वजह
Third Gender Birth Reason: जानिए थर्ड जेंडर शिशु के जन्म के पीछे के वैज्ञानिक कारण और कैसे क्रोमोजम्स में गड़बड़ी से किन्नर शिशु का जन्म होता है। समझिए इस दुर्लभ प्रक्रिया का पूरा विज्ञान।
भारत में Third Gender की गणना और उनकी स्थिति
भारत में 2011 की जनगणना से पहले थर्ड जेंडर की आबादी का कोई रिकॉर्ड नहीं था। 2011 में पहली बार थर्ड जेंडर की आबादी को गिनने की प्रक्रिया शुरू की गई, जिसमें यह संख्या 4.9 लाख के करीब थी। हालांकि, इनका जन्म दर लड़कों और लड़कियों की तुलना में काफी कम होता है। ज्यादातर देश इस तरह के डेटा को रिकॉर्ड नहीं करते हैं, जिससे उनकी सही संख्या का पता लगाना मुश्किल हो जाता है।
कैसे होता है किन्नर शिशु का जन्म?
महिला में x-x क्रोमोजम्स होते हैं, जबकि पुरुष में x-y क्रोमोजम्स होते हैं। जब महिला का x क्रोमोजम्स पुरुष के x क्रोमोजम्स से मिलकर फीमेल भ्रूण बनता है। इसी तरह, महिला के x क्रोमोजम्स और पुरुष के y क्रोमोजम्स के मिलने से मेल भ्रूण बनता है। लेकिन क्रोमोजम्स के डिसऑर्डर के चलते थर्ड जेंडर भ्रूण विकसित हो सकता है। यह डिसऑर्डर दुर्लभ होता है, लेकिन जब होता है तो इसका परिणाम किन्नर शिशु के जन्म के रूप में सामने आता है।
क्रोमोजम्स संयोजन | भ्रूण प्रकार |
---|---|
X-X | फीमेल भ्रूण |
X-Y | मेल भ्रूण |
डिसऑर्डर | थर्ड जेंडर |
क्रोमोजम्स क्या होते हैं और ये कहां होते हैं?
क्रोमोजम्स स्पर्म और अंडाशयों में पाए जाते हैं। जब स्पर्म अंडे में प्रवेश करता है और उसके साथ क्रिया करता है, तब भ्रूण बनने की प्रक्रिया शुरू होती है। अगर इस दौरान क्रोमोजम्स में कोई गड़बड़ी होती है, तो यह थर्ड जेंडर भ्रूण के विकास का कारण बन सकती है।
किन्नर शिशु के जन्म के प्रमुख कारण
किन्नर शिशु का जन्म मेटाबोलिक डिसऑर्डर, congenital adrenal hyperplasia, और क्रोमोजम्स में असामान्यताओं के कारण होता है। बहुत से जेनेटिक डिसऑर्डर्स की वजह से सेक्स क्रोमोजम्स में गड़बड़ी हो सकती है, जैसे xyyy क्रोमोजम्स के साथ बर्थ डिफेक्ट्स हो सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप शिशु अस्पष्ट जननांग के साथ जन्म ले सकता है।
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क्या किन्नर शिशु जैविक रूप से स्त्री या पुरुष हो सकते हैं?
हां, किन्नर शिशु जैविक रूप से स्त्री या पुरुष हो सकते हैं। उनके जननांग वजाइना, पेनिस, या द्विलिंग के साथ भी हो सकते हैं। हिजड़ा शिशु उन जननांगों के साथ जन्म लेते हैं जो स्पष्ट रूप से मेल या फीमेल जैसे नहीं होते। इसके लिए “Intersex” टर्म का इस्तेमाल भी किया जाता है। उनके पास ओवरी और टेस्टिस दोनों हो सकते हैं, या एक भी नहीं।
भ्रूण में जेंडर के विकसित होने की प्रक्रिया
भ्रूण में जेंडर का विकास शुरूआती दौर में एक ही टिश्यू से होता है। मेल रिप्रोडक्टिव टिश्यू के विकास में टेस्टास्टरोन हार्मोन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसका उच्च स्तर पेनिस के विकास में सहायक होता है, जबकि स्क्रोटम और penile urethra फीमेल जननांगों को बनाते हैं।