Neem Karoli Baba Chalisa: आर्थिक तंगी और मनोकामना पूर्ति के लिए नीम करोरी बाबा चालीसा और मंत्र
Neem Karoli Baba Chalisa in Hindi: नीम करोली बाबा के मंत्र और चालीसा के नियमित जाप से आर्थिक तंगी और अन्य समस्याओं का समाधान प्राप्त करें। जानें कैसे ये मंत्र और चालीसा आपके जीवन को बदल सकते हैं।
Neem Karoli Baba Chalisa in Hindi: नीम करोली बाबा, जिन्हें हनुमानजी का अवतार माना जाता है, के अद्भुत चमत्कार और शिक्षाओं ने लाखों लोगों को प्रभावित किया है। उत्तराखंड के कैंची धाम स्थित उनके आश्रम में भक्तों का तांता लगा रहता है, जहां रोज़ाना हजारों लोग बाबा के आशीर्वाद की कामना करते हैं। बाबा की शिक्षाओं में, खासतौर पर धन और आर्थिक तंगी से संबंधित समस्याओं को सुलझाने के लिए विशेष मंत्र और चालीसा का महत्व बताया गया है। ऐसा कहा जाता है कि इनका नियमित जाप करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और आर्थिक तंगी दूर होती है।
नीम करोली बाबा के मंत्र: मानसिक शांति और आर्थिक समृद्धि का साधन
नीम करोली बाबा के निम्न मंत्रों का जाप करने से आप अपने जीवन में आर्थिक तंगी और अन्य समस्याओं का समाधान पा सकते हैं:
नीम करोली बाबा के मंत्र (Neem Karoli Baba Mantra)
मैं हूं बुद्धि मलीन अति श्रद्धा भक्ति विहीन।
करू विनय कछु आपकी, होउ सब ही विधि दिन।
कृपा सिंधु गुरूदेव प्रभु। करि लीजे स्वीकार।
मैं हूं बुद्धि मलीन अति, श्रद्धा भक्ति विहीन ।
करूं विनय कछु आपकी, होउ सब ही विधि दीन।।
चौपाई
जय जय नीम करोली बाबा , कृपा करहु आवे सद्भावा।।
कैसे मैं तव स्तुति बखानूं । नाम ग्राम कछु मैं नही जानूं।।
जापे कृपा दृष्टि तुम करहुं। रोग शोक दुख दारिद हरहुं।।
नीम करोली बाबा विनय चालीसा
तुम्हरे रूप लोग नहीं जाने। जापे कृपा करहुं सोई भाने।।
करि दे अरपन सब तन मन धन । पावे सुख आलौकिक सोई जन।।
दरस परस प्रभु जो तव करई। सुख संपत्ति तिनके घर भरई।।
जै जै संत भक्त सुखदायक। रिद्धि सिद्धि सब संपत्ति दायक।।
तुम ही विष्णु राम श्रीकृष्ण। विचरत पूर्ण कारन हित तृष्णा।।
जै जै जै जै श्री भगवंता। तुम हो साक्षात भगवंता।।
कहीं विभीषण ने जो वानी। परम सत्य करि अब मैं मानीं।।
बिनु हरि कृपा मिलहिं नहीं संता। सो करि कृपा करहिं दुःख अंता।।
सोई भरोस मेरे उर आयो । जा दिन प्रभु दर्शन मैं पायो।।
जो सुमिरै तुमको उर माहीं । ताकी विपत्ति नष्ट ह्वे जाईं।।
जय जय जय गुरुदेव हमारे। सबहिं भांति हम भये तिहारे।।
हम पर कृपा शीघ्र अब करहुं। परम शांति दे दुख सब हरहुं।।
रोक शोक दुःख सब मिट जावे। जपे राम रामहि को ध्यावे।।
जा विधि होइ परम कल्याना । सोई विधि आपु देहुं वारदाना।।
सबहि भांति हरि ही को पूजे। राग द्वेष द्वन्दन सो जूझे।।
करें सदा संतन कि सेवा। तुम सब विधि सब लायक देवा।।
सब कुछ दे हमको निस्तारो । भवसागर से पार उतारो।।
मैं प्रभु शरण तिहारी आयो। सब पुण्यन को फल है पायो।।
जय जय जय गुरु देव तुम्हारी। बार बार जाऊ बलिहारी।।
सर्वत्र सदा घर घर की जानो । रखो सुखों ही नित खानों।।
भेष वस्त्र हैं, सदा ऐसे। जाने नहीं कोई साधु जैसे।।
ऐसी है प्रभु रहनी तुम्हारी । वाणी कहो रहस्यमय भारी।।
नास्तिक हूं आस्तिक ह्वे जाए। जब स्वामी चेटक दिखलावे।।
सब ही धरमन के अनुनायी। तुम्हे मनावे शीश झुकाई ।।
नहीं कोउ स्वारथ्य नहीं कोई इच्छा। वितरण कर देउ भक्तन भिक्षा।।
केहि विधि प्रभु मैं तुम्हें मनाऊं। जासो कृपा प्रसाद तव पाऊं।।
साधु सुजन के तुम रखवारे। भक्तन के हो सदा सहारे।।
दुष्टऊ शरण आनी जब परई । पूरण इच्छा उनकी करई।।
यह संतन करि सहज सुभाउ। सुनि आश्चर्य करई जनि काउ।।
ऐसी करहु आप दया।निर्मल हो जाए मन और काया।।
धर्म कर्म में रुचि हो जावे। जो जन नित तव स्तुति गावे।।
आवे सदगुन तापे भारी। सुख संपत्ति सोई पावे सारी।।
होइ तासु सब पूरण कामा। अंत समय पावे विश्रामा।।
चारी पदारथ है, जग माही। तव कृपा प्रसाद कछु दुर्लभ नाहीं।।
त्राहि त्राहि मैं शरण तिहारी । हरहु सकल मम विपदा भारी।।
धन्य धन्य बढ़ भाग्य हमारो। पावे दरस परस तव न्यारो।।
कर्महीन अरु बुद्धि विहीना। तव प्रसाद कछु वर्णन कीन्हा।।
दोहा
श्रद्धा के यह पुष्प कछु। चरणन धरि सम्हार।।
कृपासिंधु गुरुदेव प्रभु। करि लीजे स्वीकार।।