खेती बाड़ी

गाय-भैंसों के लिए हरा चारा; एक बार लगाये और 5 साल तक खिलाये

Napier Bajra fodder: नेपियर बाजरा हरा चारा, जानिए कैसे एक बार बोई जाने वाली यह घास पांच साल तक पशुओं को पोषण प्रदान करती है, दूध और मांस उत्पादन में वृद्धि करती है, और मृदा संरक्षण में मदद करती है।

Napier Bajra fodder: नेपियर बाजरा हरा चारा (Napier Bajra fodder), जिसे हम हाथी घास के नाम से भी जानते हैं, पशुपालकों के लिए एक महत्वपूर्ण चारा फसल है। यह घास न केवल गाय, भैंस, बकरी, और भेड़ जैसे पशुओं के लिए पोषण का उत्तम स्रोत है, बल्कि इसके अन्य फायदे भी हैं जो इसे पशुपालन के लिए एक लागत प्रभावी और पर्यावरण-संवेदनशील विकल्प बनाते हैं।

नेपियर बाजरा का महत्व:

नेपियर बाजरा हरा चारा वास्तव में नेपियर घास और बाजरा के संयोजन से बना होता है। इसका उच्च पोषण मूल्य इसे पशुओं के लिए आदर्श आहार बनाता है। इस घास में प्रोटीन, फाइबर, और अन्य आवश्यक पोषक तत्व होते हैं, जो पशुओं के पाचन तंत्र में सुधार करते हैं और उनके दूध और मांस उत्पादन में वृद्धि करते हैं।

पोषण मूल्य और पाचन में सुधार:

नेपियर बाजरा में प्रोटीन और फाइबर की प्रचुरता होती है, जो पशुओं के पाचन तंत्र को मजबूत करती है और पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ावा देती है। इसका परिणाम यह होता है कि पशुओं का समग्र स्वास्थ्य बेहतर होता है और उनका उत्पादकता स्तर ऊँचा रहता है।

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कम लागत और अधिक उत्पादन:

नेपियर बाजरा की खेती और रखरखाव अपेक्षाकृत आसान है। यह सूखा-सहिष्णु फसल है, जिसे कम पानी वाले इलाकों में भी आसानी से उगाया जा सकता है। इसका मतलब है कि यह फसल कम लागत में उच्च उत्पादकता देती है, जिससे पशुपालकों को आर्थिक रूप से लाभ होता है।

नेपियर बाजरा के फायदेविवरण
उच्च पोषण मूल्यप्रोटीन और फाइबर से भरपूर
बेहतर पाचनफाइबर की उच्च मात्रा से पाचन सुधार
दूध और मांस में वृद्धिपशुओं का उत्पादन बढ़ता है
लागत प्रभावीकम लागत में उच्च उत्पादकता
सूखा-सहिष्णुकम पानी में उगने की क्षमता

मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार:

नेपियर बाजरा न केवल पशुपालकों के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह मृदा संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी जड़ें मिट्टी के कटाव को रोकती हैं और मिट्टी की गुणवत्ता को सुधारती हैं। यह फसल उन इलाकों के लिए आदर्श है, जहां मृदा कटाव का खतरा अधिक होता है।

नेपियर बाजरा की खेती के चरण:

  1. मृदा परीक्षण: नेपियर बाजरा की खेती से पहले मृदा परीक्षण आवश्यक है। इससे मिट्टी के pH स्तर, पोषक तत्व सामग्री, और अन्य महत्वपूर्ण मापदंडों का निर्धारण किया जा सकता है।
  2. भूमि का चुनाव: नेपियर बाजरा के लिए ऐसी भूमि का चयन करें, जहां pH स्तर 5.5 से 7.5 के बीच हो और जल निकासी की अच्छी व्यवस्था हो।
  3. भूमि की सफाई और जुताई: खेती से पहले भूमि को खरपतवार मुक्त करें और अच्छी जुताई करें।
  4. उर्वरक का प्रयोग: नेपियर बाजरा को बढ़ने के लिए पर्याप्त पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इसलिए समय पर उर्वरक डालें।
  5. रोपण और सिंचाई: बिजी करने के बाद, आवश्यकतानुसार सिंचाई करें और फसल की निराई-गुड़ाई समय-समय पर करते रहें।

Sandeep Kumar

नमस्कार! उमंग हरियाणा पर फ़िलहाल कंटेंट राइटर का काम कर रहा हूँ। आपको हरियाणा की ताज़ा हिंदी ख़बरों और देश-विदेश की ट्रेंडिंग न्यूज़ से आपको अपडेट रखना मेरा काम है।

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