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इस गांव में लोग नहीं पहनते जूते-चप्पल, वर्षों से चली आ रही परंपरा

Viral News- अडमान गांव की अनूठी परंपरा, जहां गांव के भीतर चप्पल और जूते पहनने की मनाही है। जानें इस धार्मिक परंपरा के पीछे की कहानी और गर्मी में इसका अस्थायी परिवर्तन।

Viral News: अंडमान, तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से लगभग 450 किलोमीटर दूर स्थित एक गांव है, जो अपनी अनूठी परंपराओं और धार्मिक आस्थाओं के कारण पूरी दुनिया में जाना जाता है। यहां के निवासी अपने गांव के भीतर चप्पल और जूते नहीं पहनते, और यह परंपरा केवल सांस्कृतिक आदान-प्रदान का हिस्सा नहीं बल्कि गहरी धार्मिक मान्यताओं से जुड़ी हुई है।

मुथ्यालम्मा देवी: गांव की रक्षा की देवी

अडमान गांव के लोग मानते हैं कि उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी मुथ्यालम्मा देवी पर है। देवी मुथ्यालम्मा के सम्मान में, गांव के लोग गांव के भीतर कभी भी जूते या चप्पल नहीं पहनते। उनके लिए गांव किसी मंदिर से कम नहीं है और मंदिर के भीतर जूते या चप्पल पहनना पवित्रता का उल्लंघन माना जाता है। यह आस्था गांव के हर व्यक्ति में गहराई से बसी हुई है और इस परंपरा का पालन पूरी निष्ठा के साथ किया जाता है।

गर्मी के मौसम में अस्थायी परिवर्तन

हालांकि, गर्मी के मौसम में यह परंपरा थोड़ी लचीली हो जाती है। जब ज़मीन बहुत अधिक गर्म हो जाती है, तो कुछ लोग अस्थायी रूप से चप्पल पहन लेते हैं, लेकिन यह भी पूरी सतर्कता के साथ किया जाता है ताकि देवी की भावना को ठेस न पहुंचे। बुजुर्ग और बीमार लोगों को विशेष अनुमति दी जाती है, ताकि वे स्वास्थ्य कारणों से चप्पल पहन सकें। सामान्य परिस्थितियों में, गांव के लोग इस परंपरा का कठोरता से पालन करते हैं।

वर्षों से चली आ रही परंपरा

यह परंपरा कोई हाल की नहीं है, बल्कि कई पीढ़ियों से चली आ रही है। गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि उन्होंने अपने पूर्वजों से यह परंपरा सीखी है और इसे भविष्य की पीढ़ियों तक पहुंचाने का दायित्व उनके कंधों पर है। यह परंपरा केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है बल्कि अडमान गांव की सामूहिक पहचान का हिस्सा बन चुकी है।

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