Shani ki Sade Sati 2024: 2024 से 2034 तक इन राशियों पर शनि की साढ़े साती का असर, जानिए बचाव कैसे करें
Shani ki Sade Sati 2024- जानें 2024 से 2034 तक शनि देव के गोचर का प्रभाव, किन राशियों पर पड़ेगा शनि का असर, और साढ़े साती के दौरान कैसे करें बचाव। धार्मिक उपाय और ज्योतिषीय सलाह।
Shani ki Sade Sati 2024: शनि देव का महत्व और प्रभाव
शनि ग्रह, भारतीय ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। ये ग्रह न्याय के देवता माने जाते हैं और व्यक्ति के कर्मों का फल प्रदान करते हैं। शनि का राशि परिवर्तन और उनकी चाल का सीधा असर मनुष्यों के जीवन पर पड़ता है। शनि के कारण ही राशि चक्र में साढ़े साती, ढैया और शुभ दृष्टि जैसी स्थितियां उत्पन्न होती हैं। शनि की साढ़े साती का प्रभाव हर व्यक्ति के जीवन में किसी न किसी समय आता है, जो सात साल और छह महीने (लगभग) तक चलता है।
2024 में शनि का प्रभाव किन राशियों पर पड़ेगा?
साल 2024 में, शनि का प्रभाव मकर, कुंभ और मीन राशियों पर प्रमुखता से दिखाई देगा। शनि का वक्री गोचर कुंभ राशि में चल रहा है, जिससे मकर और मीन राशि वालों पर भी इसका प्रभाव बना रहेगा। कर्क और वृश्चिक राशि पर ढैया का असर होगा।
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शनि का गोचर और राशियों पर असर:
वर्ष | शनि का गोचर | साढ़े साती प्रारंभ/समाप्त | प्रभावित राशियाँ |
---|---|---|---|
2024 | कुंभ में वक्री | – | मकर, कुंभ, मीन |
2025 | मीन राशि में प्रवेश | मेष पर प्रारंभ, मकर पर समाप्त | मेष, मीन, कुंभ |
2026 | कोई गोचर नहीं | – | कोई नया प्रभाव नहीं |
2027 | मेष में प्रवेश | – | मेष, मीन, कुंभ |
2029 | वृषभ में प्रवेश | – | वृषभ, मेष |
2032 | मिथुन में प्रवेश | – | मिथुन, वृषभ |
2034 | कर्क में प्रवेश | – | कर्क, मिथुन |
साढ़े साती के दौरान क्या करें?
शनि की साढ़े साती के दौरान कुछ उपाय किए जा सकते हैं, जिससे उनके प्रकोप से बचा जा सकता है। शनिवार के दिन पीपल और शमी के पेड़ की पूजा करने से शनि देव को प्रसन्न किया जा सकता है। सरसों के तेल में काला तिल मिलाकर दीपक जलाने से शनि की कृपा प्राप्त होती है।
इसके अलावा, रोजाना हनुमान चालीसा, शनि चालीसा और शिव चालीसा का पाठ करने से भी शनि देव की नाराजगी कम होती है। शिव जी और हनुमान जी की विधिवत पूजा से साढ़े साती के कष्टों से मुक्ति पाई जा सकती है।
महत्वपूर्ण उपाय
- शनिवार को पीपल के पेड़ और शमी के पेड़ की पूजा करें।
- सरसों के तेल में काला तिल मिलाकर दीपक जलाएं।
- हनुमान चालीसा, शनि चालीसा और शिव चालीसा का नियमित पाठ करें।
- शिव जी और हनुमान जी की पूजा विधिवत करें।
निष्कर्ष
शनि की साढ़े साती जीवन में एक चुनौतीपूर्ण समय हो सकता है, लेकिन सही उपाय और श्रद्धा के साथ इसे आसानी से पार किया जा सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि के प्रभाव से बचने के लिए व्यक्ति को अपने कर्मों पर ध्यान देना चाहिए और धर्मिक क्रियाओं में संलग्न रहना चाहिए। आने वाले वर्षों में शनि के गोचर और उनके प्रभाव को समझकर आप अपने जीवन में सुख-समृद्धि बनाए रख सकते हैं।