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थ्रेसर पर काम करते वक्त ध्यान रखनी चाहिए ये जरूरी बातें, नहीं होगी कोई दुर्घटना

Thresher machine : जानिए थ्रेशर मशीन के सही उपयोग और रखरखाव के टिप्स, जिससे आप कम लागत में उच्च गुणवत्ता की उपज प्राप्त कर सकते हैं।

Thresher machine : थ्रेशर मशीन का उपयोग भारतीय कृषि में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। किसानों के लिए, गेहूं की मड़ाई की प्रक्रिया में थ्रेशर का उपयोग सबसे प्रमुख होता है। यह मशीन बालियों या फली से अनाज को अलग करने में सहायता करती है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि थ्रेशर का सही उपयोग न सिर्फ आपकी मेहनत को कम करता है, बल्कि आपके उत्पादन की गुणवत्ता को भी बढ़ाता है? इस लेख में हम आपको थ्रेशर मशीन के सही उपयोग और उससे जुड़ी जरूरी सावधानियों के बारे में जानकारी देंगे।

थ्रेशर मशीन के मुख्य हिस्से और उनकी भूमिकाएं

थ्रेशर मशीन विभिन्न इकाइयों से मिलकर बनी होती है, जो अलग-अलग कार्यों के लिए जिम्मेदार होती हैं। इन इकाइयों को लोहे के फ्रेम पर माउंट किया जाता है। थ्रेशर के मुख्य हिस्से निम्नलिखित हैं:

थ्रेशर का उपयोग करते समय जरूरी सावधानियां

किसानों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे थ्रेशर का उपयोग करते समय कुछ विशेष सावधानियां बरतें ताकि वे कम लागत में अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें। नीचे दी गई सावधानियां आपकी मदद कर सकती हैं:

  1. मशीन की दिशा: मशीन की दिशा हमेशा बहती हवा की दिशा के अनुरूप होनी चाहिए, ताकि मड़ाई के समय धूल और भूसा मशीन में वापस न जाए।
  2. गेहूं के बंडल डालते समय सावधानी: गेहूं के बंडलों को थ्रेशर में समान रूप से डालना चाहिए। इससे मशीन की कार्यक्षमता बढ़ती है और अनाज का नुकसान कम होता है।
  3. सफाई और रखरखाव: थ्रेशर के छिद्रों की समय-समय पर जांच और सफाई करनी चाहिए। इसके अलावा, बेयरिंग और अन्य कार्यशील भागों पर ग्रीस या तेल लगाना चाहिए, ताकि वे आसानी से काम कर सकें।
  4. हाथों की सुरक्षा: जब आप फसल को मशीन में डाल रहे हों, तो ध्यान रखें कि हाथ भोजन कुंड में बहुत अंदर न जाएं। यह दुर्घटनाओं से बचाने में मदद करता है।
  5. काम के बाद आराम: थ्रेशर का लगातार 8-10 घंटे काम करने के बाद, इसे कुछ समय के लिए आराम दें। इससे मशीन के भागों की गर्मी कम होती है और मशीन की जीवनकाल बढ़ती है।
  6. अनाज टूटने पर उपाय: यदि थ्रेशर में अनाज टूट रहा हो, तो सिलेंडर के प्रति मिनट चक्करों की संख्या कम कर दें और अवतल/सिलेंडर के बीच की दूरी बढ़ा दें। इससे अनाज का टूटना कम होता है।
  7. सत्र के अंत में रखरखाव: मड़ाई का मौसम समाप्त होने पर मशीन का पूरा निरीक्षण करें। सभी बेल्ट हटा दें और मशीन को किसी ढके हुए स्थान पर रखें, ताकि यह सुरक्षित रहे।

मशीन का सही रखरखाव: उच्च गुणवत्ता और अधिक उत्पादन का मंत्र

थ्रेशर मशीन का सही रखरखाव करना न केवल मड़ाई के काम को आसान बनाता है, बल्कि इससे उपज की गुणवत्ता भी बढ़ती है। मड़ाई समाप्त होने के बाद मशीन को खाली अवस्था में थोड़ी देर तक चलाएं। इससे मशीन में फंसे अवशेष बाहर निकल आते हैं। इसके अलावा, सिलेंडर के स्पाइक/हथौड़े घिस जाने पर उन्हें तत्काल बदलना चाहिए।

इन सावधानियों और सुझावों का पालन करके, किसान न सिर्फ अपनी उपज की गुणवत्ता को बढ़ा सकते हैं, बल्कि कम लागत में अधिक उत्पादन भी प्राप्त कर सकते हैं।

उपसंहार: आधुनिक कृषि की ओर एक कदम

कृषि में तकनीक का सही उपयोग उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा को बढ़ाने में सहायक होता है। थ्रेशर मशीन का सही उपयोग और उसका नियमित रखरखाव किसानों के लिए एक बड़ा लाभ हो सकता है। इससे न केवल उनकी मेहनत कम होती है, बल्कि उनकी उपज की गुणवत्ता भी सुधरती है। इसलिए, अगर आप भी थ्रेशर का उपयोग करते हैं, तो इन सावधानियों का पालन जरूर करें और अपनी उपज को बेहतर बनाएं।

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