Toll Plaza के नियमों में बड़ा बदलाव, जानें अब कितनी देर की देरी पर देना होगा टोल टैक्स
NHAI ने टोल प्लाजा पर 10 सेकंड से ज्यादा की देरी या 100 मीटर की लाइन के बाद भी टोल टैक्स देने का नया नियम लागू किया है। जानें, इस बदलाव से आपको कैसे प्रभावित करेगा और किसे मिलती है टोल टैक्स में छूट।
NHAI Rule Change : भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने टोल प्लाजा पर गाड़ियों की लंबी कतारों और टोल भुगतान से जुड़े नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। पहले, अगर टोल प्लाजा पर 10 सेकंड से ज्यादा का समय लग जाता था या 100 मीटर तक गाड़ियों की लाइन लगी होती थी, तो वाहन चालकों को टोल टैक्स में छूट मिलती थी। लेकिन अब इस फ्री फ्लो पॉलिसी को समाप्त कर दिया गया है।
फ्री फ्लो पॉलिसी का अंत
19 अगस्त 2024 को NHAI ने एक सर्कुलर जारी किया जिसमें बताया गया कि अब टोल प्लाजा पर 10 सेकंड या 100 मीटर की लाइन के बाद भी आपको टोल टैक्स देना होगा। NHAI के अनुसार, यह कदम लोगों के बीच इस नीति को लेकर पैदा हुए भ्रम को दूर करने के लिए उठाया गया है।
इससे पहले, 2021 में जारी एक आदेश के तहत, अगर टोल प्लाजा पर गाड़ियों की लाइन 100 मीटर से अधिक होती थी, तो उस लाइन में लगी गाड़ियों को टोल टैक्स से छूट दी जाती थी। लेकिन अब इस नियम को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है।
क्यों लिया गया यह फैसला?
NHAI के अधिकारियों का कहना है कि 10 सेकंड वाले नियम और 100 मीटर वाली छूट सिर्फ कुछ टोल प्लाजा पर लागू होती थी, जिसकी वजह से देशभर के टोल प्लाजा पर अक्सर विवाद और बहस होती थी। इसी कंफ्यूजन को दूर करने के लिए NHAI ने इस नीति में बदलाव करते हुए फ्री फ्लो पॉलिसी को खत्म कर दिया है। अब हर वाहन चालक को, चाहे वह कितनी भी देर क्यों न हो, टोल टैक्स देना अनिवार्य होगा।
NHAI का नया टोल नियम
पुराना नियम | नया नियम |
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10 सेकंड से अधिक की देरी या 100 मीटर लाइन पर छूट | अब हर स्थिति में टोल टैक्स देना अनिवार्य है |
सिर्फ कुछ टोल प्लाजा पर लागू | सभी टोल प्लाजा पर लागू |
कंफ्यूजन और बहस की स्थिति | अब कोई कंफ्यूजन नहीं, नियम स्पष्ट |
टोल टैक्स में किसे मिलती है छूट?
भारत में कुछ लोगों को टोल टैक्स में हमेशा छूट दी जाती है। इनमें राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यों के राज्यपाल, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और अन्य जज, लोकसभा अध्यक्ष, सभी कैबिनेट मंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के लेफ्टिनेंट गवर्नर शामिल हैं। इनके अलावा, आम जनता को हर हाल में टोल टैक्स देना पड़ता है, चाहे वह कितनी भी देर क्यों न हो।
नए नियम से क्या होगा असर?
इस बदलाव से यह सुनिश्चित होगा कि टोल प्लाजा पर वाहनों की आवाजाही में कोई बाधा न आए और टोल प्लाजा पर ट्रैफिक को नियंत्रित किया जा सके। इससे देशभर में टोल संग्रह की प्रक्रिया भी सुचारू होगी और यात्रियों के लिए समय की बचत होगी। हालांकि, इस बदलाव से उन लोगों को असुविधा हो सकती है जो पहले फ्री फ्लो पॉलिसी का लाभ उठाते थे।